भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना हुआ है: रिपोर्ट

वैश्विक स्तर पर हथियारों की बिक्री पर नज़र रखने वाले यूरोपीय थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का शीर्ष हथियार आयातक बना हुआ है, जो वैश्विक हथियारों की बिक्री का 9.8% हिस्सा है. रूस भारत का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता है.

गृह मंत्रालय ने भारतीय मुसलमानों के लिए सीएए के ‘सकारात्मक पहलू’ जारी करने के बाद डिलीट किए

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की वेबसाइट पर 12 मार्च को शाम सात बजे के क़रीब जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 'उत्पीड़न के नाम पर इस्लाम की छवि ख़राब होने से बचाता है'. बाद में इसे हटा दिया गया, जिसका कारण स्पष्ट नहीं है.

महाराष्ट्र: सरकारी दस्तावेज़ों में मां का नाम दर्ज करना अनिवार्य किया गया

महाराष्ट्र सरकार का नया नियम 1 मई 2014 या उसके बाद पैदा हुए सभी नागरिकों पर लागू होगा. आवेदकों को जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल दस्तावेज़, संपत्ति के कागज़ात, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि जैसे सभी सरकारी दस्तावेज़ों में नए प्रारूप के अनुसार अपना नाम रजिस्टर करना होगा.

झारखंड: ईडी की छापेमारी के बाद कांग्रेस विधायक का दावा- भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था

झारखंड के बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि उन्हें भाजपा की ओर से हज़ारीबाग़ से सांसद टिकट की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. ईडी ने मंगलवार को एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर प्रसाद के रांची स्थित आधिकारिक आवास सहित उनसे जुड़े कई स्थानों पर 18 घंटे तलाशी ली थी.

सीएए नियमों पर रोक लगाने की मांग को लेकर आईयूएमएल, डीवाईएफआई सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सीएए नियमों के अमल पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि यह एक ऐसा क़ानून है जो धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा पर प्रहार करता है, जो संविधान की मूल संरचना है.

असम में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन तेज, विपक्ष ने राज्य के लिए ‘काला दिवस’ क़रार दिया

गृह मंत्रालय द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को अधिसूचित करने की ख़बर फैलते ही असम के ग़ैर-छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों में इसके विरोध में दर्जनों छात्र नारे लगाते हुए निकल पड़े. विभिन्न छात्र संगठनों ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों पर उतरकर अधिनियम की प्रतियां जलाईं.

सीएए नियमों पर विपक्ष ने कहा- भाजपा लोकसभा चुनावों में ध्रुवीकरण की कोशिश रही है

संसद द्वारा कानून पारित होने के चार साल बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किया. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ और धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले ‘विभाजनकारी’ अधिनियम को फिर से जीवित कर दिया है.

सरकार द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समिति से सीजेआई को हटाना समझ से परे: अशोक लवासा

पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने एक आलेख में चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने के क़ानून पर कहा है कि मोदी सरकार द्वारा नियुक्ति समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने से विभिन्न पूर्वाग्रहों को बल मिलता है और लगता है कि यह आम सहमति बनाने की बजाय बहुमत सुनिश्चित करने की कोशिश है. 

2008 मालेगांव विस्फोट केस में एनआईए अदालत ने प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ वॉरंट जारी किया

मालेगांव बम विस्फोट में मुख्य आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के सोमवार को मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत में पेश न होने पर कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ वॉरंट जारी किया है. बताया गया है कि ठाकुर अदालत में पेश होकर क़ानूनी प्रक्रिया के अनुसार वॉरंट को रद्द करवा सकती हैं.

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से पीएम मोदी का भाषण दिखाने, विकसित भारत के पोस्टर लगाने को कहा

केंद्र सरकार ने आम चुनावों के मद्देनज़र ने आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले उच्च शिक्षण संस्थानों से सेमीकंडक्टर्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की स्क्रीनिंग आयोजित करने को कहा है. साथ ही संस्थानों को कार्यक्रम स्थलों पर मोदी की तस्वीरों वाले 'विकसित भारत' के पोस्टर लगाने के लिए लिखा है.

‘2024 लोकसभा चुनावों से पहले सबसे बड़े मुद्दे बेरोज़गारी और आर्थिक संकट हैं’

वीडियो: आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र देश की अर्थव्यवस्था, नौकरियों की स्थिति और बेरोज़गारी पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा और युवा हल्ला बोल के अनुपम के साथ चर्चा कर रहे हैं योगेंद्र यादव.

चुनावी बॉन्ड: कोर्ट ने एसबीआई की समय विस्तार की याचिका ख़ारिज की, मंगलवार तक विवरण देने कहा

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया था और भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग को जमा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन बाद में एसबीआई ने 30 जून तक के समय विस्तार की मांग करते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर दिया.

‘चुनावी बॉन्ड फैसला मोदी सरकार के भ्रष्टाचार और लेन-देन की कलई खुलने की पहली सीढ़ी है’

भारतीय स्टेट बैंक की चुनावी बॉन्ड के विवरण जारी करने के लिए मांगे गए समय विस्तार की याचिका ख़ारिज किए जाने का स्वागत करते हुए मामले के याचिकाकर्ता एनजीओ कॉमन कॉज़ ने कहा है कि यह फैसला भारतीय नागरिकों के यह 'जानने के अधिकार' को बरक़रार रखता है कि किस पार्टी को कौन, कितना पैसा दे रहा है.