भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा है कि पिछले चार सालों में गन्ने की उत्पादन लागत बहुत बढ़ गई है, परंतु इसके मूल्य में मामूली बढ़ोतरी की गई. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी मूल्य वृद्धि को लेकर सरकार की आलोचना की है. टिकैट ने मूल्य वृद्धि को किसानों के साथ मज़ाक क़रार दिया. वहीं मायावती ने इसे चुनावी स्वार्थ बताया है. यूपी सरकार ने गन्ने के मूल्य में प्रति क्विंटल 25 रुपये
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने छह लेन वाले दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के 14.75 किलोमीटर के हिस्से के विकास के लिए दिल्ली वन विभाग से यह अनुमति मांगी है. वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण ने इन काटे गए पेड़ों के बदले में पेड़ लगाने के लिए कहीं और ज़मीन उपलब्ध नहीं कराई है.
शिक्षा से संबंधित प्लेटफॉर्म अनएकेडेमी के एक शिक्षक एक वायरल वीडियो में आदिवासी समुदाय के लोगों को लेकर नस्लीय टिप्पणी करते नज़र आए. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक छात्रा द्वारा इस वीडियो को ट्वीट करने पर इसकी चौतरफा आलोचना हुई, जिसके बाद इसे अनएकेडेमी के पेज से हटा दिया गया.
एक स्वतंत्रता सेनानी की 90 वर्षीय पत्नी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दाख़िल याचिका में महाराष्ट्र सरकार की पेंशन योजना का लाभ देने का अनुरोध किया है. महिला के पति की 56 साल पहले मौत हो गई थी. इस याचिका पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है.
शीर्ष अदालत के नौ नवनियुक्त न्यायाधीशों के अभिनंदन के लिए आयोजित एक समारोह में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बीवी नागरत्ना ने कहा कि महिला न्यायाधीशों की अधिक संख्या महिलाओं की न्याय मांगने और अपने अधिकारों को लागू करने की इच्छा को बढ़ा सकती है. कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने महिला वकीलों से आह्वान किया कि वे न्यायपालिका में 50 प्रतिशत आरक्षण के लिए ज़ोरदार तरीके से मांग उठाएं.
घटना छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में विशेष रूप से सक्षम लड़कियों के लिए बने सरकारी आश्रय गृह में बीते 22 सितंबर को हुई. मामले के आरोपी आश्रय गृह के केयरटेकर और चौकीदार को गिरफ़्तार कर लिया गया है. यहां रहने वाली मूक और बधिर लड़कियां आदिवासी समुदाय से हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना की अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि इससे विकास की दौड़ में पिछड़ रहे समुदायों की प्रगति में मदद मिलेगी. इसकी मांग न केवल बिहार बल्कि कई राज्यों से आ रही है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जाति के आधार पर जनगणना को ख़ारिज करते हुए कहा था कि पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर’ है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,36,78,786 हो गई और अब तक इस महामारी की चपेट में आकर 4,47,194 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 23.18 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि अब तक 47.48 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रोम में विश्व शांति सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. बनर्जी इस कार्यक्रम में आमंत्रित एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि हैं. विदेश मंत्रालय ने यह कहते हुए उन्हें रोम जाने की मंज़ूरी नहीं दी कि यह कार्यक्रम किसी राज्य के मुख्यमंत्री के शामिल होने के दर्जे के अनुरूप नहीं है.
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार ऐसे समय में किया गया है, जब विधानसभा चुनाव में बमुश्किल पांच महीने रह गए हैं. बीते जून महीने में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद के अलावा पलटू राम, धर्मवीर सिंह, छत्रपाल सिंह गंगवार, संगीता बलवंत, संजीव कुमार गौड़ और दिनेश खटिक ने शपथ ली. प्रसाद को कैबिनेट मंत्री, जबकि अन्य को राज्य मंत्री का पद दिया गया है.
मामला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी ज़िले में बेवर ब्लॉक के दौदापुर शासकीय प्राथमिक विद्यालय का है. ग्राम प्रधान पति द्वारा शिकायत पर स्कूल का दौरा करने गए अधिकारियों ने पाया कि मिड-डे मील परोसने के लिए अनुसूचित जाति के बच्चों को दिए गए बर्तन अन्य बर्तनों से अलग रखे गए थे. मामले में प्रधानाध्यापिका को निलंबित करने के अलावा दो रसोइयों को भी काम पर से हटा दिया गया है.
जर्मनी की लक्ज़री कार कंपनी ऑडी की ओर से कहा गया है कि आयात किए जाने वाले मॉडलों पर कर में कमी से वाहन के मूल्य को कम करने में मदद मिलेगी. साथ ही बाज़ार में वह एक निश्चित मात्रा में बिक्री के आंकड़े को हासिल कर पाएगी. ऑडी की ओर यह बयान ऐसे समय आया है, जब इसी महीने की शुरुआत में अमेरिका की प्रमुख वाहन निर्माता फोर्ड मोटर कंपनी ने भारत में वाहन उत्पादन बंद करने की घोषणा
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस रवींद्र भट्ट ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकारों को मौलिक अधिकारों का सम्मान करने वाली संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए, ये उनकी ज़िम्मेदारी भी है. उनकी सहायक भूमिका के अभाव में आबादी का एक बड़ा वर्ग भेदभावपूर्ण प्रथाओं और अन्याय का सामना कर सकता है और ज़्यादातर लोगों को जाति, ग़रीबी, धर्म आदि के आधार पर ये सब भुगतना पड़ सकता है.
बेंगलुरु के सत्र न्यायालय ने कहा कि चूंकि आरोपी अलग-अलग जेलों में बंद हैं और उन्हें सुनवाई के दौरान एक साथ पेश नहीं किया जा सका है, जिसके चलते बार-बार आरोप तय करने की कार्यवाही टाली जाती रही है, इसलिए उन्हें एक जगह ट्रांसफर किया जाए.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि आज़ादी के 74 साल बाद भी परंपरागत जीवन शैली का पालन कर रहे लोग और कृषि प्रधान समाज अदालतों का दरवाज़ा खटखटाने में झिझक महसूस करते हैं. हमारे न्यायालयों की परंपराएं, प्रक्रियाएं, भाषा उन्हें विदेशी लगती हैं. क़ानूनों की जटिल भाषा और न्याय प्रदायगी की प्रक्रिया के बीच ऐसा लगता है कि आम आदमी अपनी शिकायत को लेकर बहुत आशांवित नहीं होता है.