आईटी नियमों पर विभिन्न हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

संविधान के अनुच्छेद 139ए के तहत केंद्र सरकार ने सात जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसमें आईटी नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया था. अदालत ऐसा करने से मना कर दिया है. 

दिल्ली दंगाः हाईकोर्ट ने छात्र कार्यकर्ता गुलफ़िशा फ़ातिमा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका ख़ारिज की

दिल्ली दंगों संबंधी मामले में आरोपी छात्र कार्यकर्ता गुलफ़िशा फ़ातिमा ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें हिरासत में रखना ग़ैर क़ानूनी है, जिस पर अदालत ने कहा कि वे न्यायिक हिरासत में है और इसे अवैध नहीं कहा जा सकता.

नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर एनबीए सदस्यों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई न हो: अदालत

केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर न्यूज़ बॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) की याचिका पर उससे जवाब मांगा है. इस याचिका में दलील दी गई है कि नए आईटी नियम सरकारी अधिकारियों को मीडिया की अभिव्यक्ति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ‘अनुचित रूप से प्रतिबंधित करने’ की ‘अत्यधिक शक्ति’ प्रदान करते हैं.

जम्मू कश्मीर परिसीमन: भाजपा के एक धड़े ने 2011 की जनगणना को आधार बनाने पर आपत्ति जताई

जम्मू कश्मीर एकमात्र ऐसा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है, जहां 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन होगा. अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का परिसीमन 2021 की जनगणना के अनुसार किया जाना है. जम्मू कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन को लेकर जम्मू की भाजपा इकाई ने 2011 की जनगणना के इस्तेमाल का विरोध किया. उसने कहा कि इन आंकड़ों में हेराफेरी की गई थी, इसलिए वोटर लिस्ट के आधार पर जनसंख्या की गणना की जानी चाहिए.

डेटा संरक्षण विधेयक जब तक क़ानून का रूप नहीं लेता, नई निजता नीति लागू नहीं करेंगे: वॉट्सऐप

निजी डेटा संरक्षण विधेयक सरकार और निजी कंपनियों द्वारा किसी भी व्यक्ति के डेटा के इस्तेमाल के नियमन से जुड़ा है. इस विधेयक की जांच करने वाली संसद की संयुक्त समिति को रिपोर्ट देने के लिए मानसून सत्र तक का वक़्त​ दिया गया है. वॉट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि निजता नीति (प्राइवेसी पॉलिसी) पर अभी रोक लगा दी गई है तथा संसद के अनुमति देने पर ही इसे लागू किया जाएगा.

भारद्वाज के आरोप पर एनआईए: सेशन जज संज्ञान ले सकते हैं, क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का है

बीते छह जुलाई को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता एवं वकील सुधा भारद्वाज ने अपने वकील के ज़रिये बॉम्बे उच्च न्यायालय को बताया था कि 2018 में उनकी गिरफ़्तारी के बाद जिस न्यायाधीश (अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश) ने उन्हें हिरासत में भेज दिया था, उन्होंने एक विशेष न्यायाधीश होने का ‘दिखावा’ किया था और उनके द्वारा जारी किए गए आदेश के कारण उन्हें और अन्य आरोपियों को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा.

‘अदालती कार्यवाही लाइव-स्ट्रीम हो, ताकि लोगों को पता चले कि क्यों इतने मामले लंबित पड़े हैं’

साल 2018 के एक मामले की सुनवाई के दौरान जब वकील ने स्थगन की मांग की तो सर्वोच्च न्यायालय ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि इसी वजह से अदालत बदनाम होती हैं. वकील तारीख़ पर तारीख़ मांगते हैं और हम पर केस का बोझ बढ़ता जाता है. न्यायालयों में इसलिए मामले लंबित पड़े हैं, क्योंकि मामले में दलीलें नहीं पेश की जाती हैं.

डिजिटल मंच कई बार पूरी तरह अनियंत्रित होते हैं, ध्यान रहे कि ग़लत सूचनाओं को जगह न मिले: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सौहार्द्र समिति की ओर से जारी समन के ख़िलाफ़ फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक अजित मोहन की याचिका ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि दिल्ली फरवरी 2020 जैसे दंगे दोबारा नहीं झेल सकती. फेसबुक ने जहां लोगों को आवाज़ दी है, वहीं हमें इस तथ्य को भी नहीं भूलना चाहिए कि यह विध्वंसकारी संदेशों और विचारधाराओं का मंच भी बन गया है.

पूर्व राजनयिक के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक ट्वीट को लेकर हाईकोर्ट ने कार्यकर्ता की खिंचाई की

पारदर्शिता कार्यकर्ता और पूर्व पत्रकार साकेत गोखले ने ट्वीट करके पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी पुरी द्वारा कथित तौर पर स्विट्ज़रलैंड में संपत्ति ख़रीदने का हवाला दिया था और उनके पति एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का भी संदर्भ दिया गया था. इसे लेकर पुरी ने गोखले के ख़िलाफ़ मानहानि याचिका दायर कर क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच करोड़ रुपये की मांग की है.

नए आईटी नियमों के तहत गठित ब्रॉडकास्टर्स निकाय ने पहली अपील ख़ारिज की

डिजिटल मीडिया कंटेंट रेगुलेटरी काउंसिल (डीएमसीआरसी) ने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज़ ‘ग्रहण’ के ट्रेलर के ख़िलाफ़ दायर अपील को ख़ारिज कर दिया है. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि इस सीरीज़ का उद्देश्य 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में एक झूठी कहानी गढ़ना है.

सरकार ने ग़ैर-समाचार चैनलों के लिए बीसीसीसी को स्व-नियामक के तौर पर पंजीकृत किया

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कम्प्लेंट काउंसिल (बीसीसीसी) को संउसके सदस्य चैनलों के लिए द्वितीय श्रेणी के स्व-नियामक के तौर पर पंजीकृत किया है. यह टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री के ख़िलाफ़ आईं शिकायतों के समयबद्ध निपटान के लिए तीन-स्तरीय वैधानिक तंत्र प्रदान करेगी.

छत्तीसगढ़: जादू-टोना करने के आरोप में आदिवासी महिला को ज़िंदा जलाया, पुलिस ने आत्महत्या बताया

छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले की घटना. मृतक महिला के परिवार का आरोप है कि संपत्ति को लेकर उनके दूरस्थ संबंधियों और पड़ोसियों ने 14 जून को उन्हें जिंदा जला दिया था, जिसके बाद 19 जून को उनकी मौत हो गई थी. दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि यह पारिवारिक समस्याओं की वजह से की गई आत्महत्या है.

असम सरकार ने गो-संरक्षण संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी, विधानसभा सत्र में पेश होगा

असम के संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हज़ारिका ने कहा कि असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 को विधानसभा के 12 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में पेश किया जाएगा. प्रस्तावित विधेयक में राज्य के बाहर से मवेशियों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. सूत्रों ने कहा कि गोवध या गोमांस के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन हिंदू क्षेत्रों में इसके सेवन के संबंध में कुछ प्रावधान होंगे.

कोविड-19: बीते एक दिन में संक्रमण के 43,393 नए मामले और 911 लोगों की मौत

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का कुल आंकड़ा बढ़कर 30,752,950 हो गया और इस महामारी के कारण अब तक 405,939 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 18.50 करोड़ से ज़्यादा हैं और 40.01 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

त्रिपुरा: भाजपा सरकार द्वारा 1971 के शहीदों का स्मारक हटाने पर विवाद

अगरतला में 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों का स्मारक था, जहां हर साल 26 जनवरी तथा 15 अगस्त को राज्य सरकार और सेना की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती थी. इसे यहां से स्थानांतरित करने पर रोष जताते हुए विपक्षी दलों व बांग्लादेश के कुछ बुद्धिजीवियों ने इसे मूल जगह पर वापस लाने की मांग की है.