'इतिहास के ज्ञान के नाम पर जहालत इतनी है कि फिल्मों को ही इतिहास मान लिया जाता है. हमें यह समझना होगा कि फिल्म इतिहास नहीं है.'
कई बार पत्र-पत्रिकाओं के लेख आपको बता सकते हैं कि हमारे सपनों का झारखंड सपने से भी आगे जा चुका है पर इस सपने की सच्चाई देखनी हो तो गांव की पगडंडी पर आइये.
ठुमरी की मलिका कही जाने वाली प्रख्यात शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी का कोलकाता में 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.
पुण्यतिथि विशेष: 13 वर्ष की उम्र में ही स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी के पास लगभग 35 वर्षों तक सांसद और तीन सरकारों में मंत्री रहने के बावजूद दिल्ली में अपना घर नहीं था.
तमाम योजनाओं के ऐलान और बहुत सारे वादों के बावजूद देश में भूख व कुपोषण से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ रही है.
आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता संग्राम सेनानी और प्रसिद्ध समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की चर्चा न की जाए.
हरिशंकर परसाई का व्यंग्य: बाबा ने शान्ति से कहा, ‘देवी, तू तो 'इशू' है. 'इशू' से थोड़े ही पूछा जाता है. गोरक्षा आंदोलन वालों ने गाय से कहां पूछा था कि तेरी रक्षा के लिए आंदोलन करें या नहीं.’
प्रासंगिक: 1969 में हुए पांचवें राष्ट्रपति चुनाव ने इंदिरा गांधी को अबाध नियंत्रण स्थापित करने का मौका दिया, लेकिन इससे कहीं ज़्यादा इस ख़तरनाक विचार को बढ़ावा दिया कि सिर्फ़ एक नेता यह फैसला लेने में सक्षम है कि देश और उसकी जनता के लिए क्या सर्वश्रेष्ठ है.
प्रासंगिक: यह वास्तव में एक त्रासदी है कि जिन लोगों के पास यह सुनिश्चित करने की क्षमता थी कि भारत सांप्रदायिकता के बवंडर में न फंस जाए, उनमें से कोई भी मेरठ हिंसा के असली रूप को पहचान नहीं पाया.
अटल बिहारी बाजपेयी ने एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि वहां (अयोध्या) नुकीले पत्थर निकले हैं. उन पर तो कोई नहीं बैठ सकता तो जमीन को समतल करना पड़ेगा, बैठने लायक करना पड़ेगा.
कहने के लिए इस्लाम शक्ति और विश्व-बंधुत्व का धर्म कहलाता है, हिंदू धर्म ब्रह्मज्ञान और सहिष्णुता का धर्म बतलाया जाता है, किंतु क्या इन दोनों धर्मों ने अपने इस दावे को कार्यरूप में परिणत करके दिखलाया?
किसी समय ब्राह्मणों की राजसत्ता में हमारे पूर्वजों पर जो भी कुछ ज़्यादतियां हुईं, उनकी याद आते ही हमारा मन घबरा कर थरथराने लगता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खानपान को जीने के अधिकार से जोड़ते हुए मीट की दुकानों पर लगी रोक को ग़लत बताया, व्यापारियों को लाइसेंस जारी करने का निर्देश.
मुस्लिम मजलिस की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल में भी वही दूषित, संकीर्ण और कठमुल्लई मनोवृत्ति है, और वह एक लौकिक भारतीय समाज और खरी राष्ट्रीयता के विकास में बाधक होगी.