उत्तर प्रदेश के आगरा का मामला है. सोशल मीडिया में वायरल 30 सेकंड के वीडियो में आरोपी, घायल व्यक्ति के सिर पर लात मारते हुए भी दिखाई दे रहा है, जो ज़मीन पर बेहोश पड़ा हुआ है. आरोपी और अन्य लोग घायल व्यक्ति को गाली देते हुए भी सुनाई दे रहे हैं.
मध्य प्रदेश के सीधी से भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि आदिवासी पर पेशाब करने के आरोपी का घर उनकी पैतृक संपत्ति थी. इसे अधिकारियों द्वारा ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए था. चाहे आरोपी कोई भी हो, उसके परिवार को परेशानी नहीं उठानी चाहिए. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि आरोपी, विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि था.
मणिपुर में हिंसा भड़कने से पहले 30 अप्रैल को चुराचांदपुर के रहने वाले एक स्नातक छात्र को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. छात्र ने एक फेसबुक पोस्ट साझा की थी, जिसमें कुकी-ज़ो लोगों की समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री सहित मेईतेई नेताओं को दोषी ठहराया गया था. 4 मई को अदालत से जेल ले जाते समय भीड़ ने पुलिस वाहन पर हमला कर छात्र की हत्या कर दी और पुलिस के हथियार लूट लिए थे.
मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में एक दलित व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि दूसरी जाति के एक व्यक्ति ने उनके चेहरे और सिर पर मानव मल लगा दिया था. राज्य के रीवा ज़िले में हुई एक अन्य घटना में एक व्यक्ति को मुंह से जूता उठाने लिए मजबूर किए जाने का मामला सामने आया है.
मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले के तोरबुंग बाज़ार में सशस्त्र उपद्रवियों ने कम से कम 10 ख़ाली घरों और एक स्कूल को जला दिया. हमले के दौरान कथित तौर पर मानव ढाल के रूप में काम करने वाली सैकड़ों महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने कई राउंड फायरिंग की और देसी बम फेंके थे.
कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए क़दम उठाने का समय बहुत पहले चला गया है. उन्हें मणिपुर में तथाकथित डबल-इंजन शासन के पूरी तरह से विफल होने को छिपाने के लिए ध्यान भटकाने, चीज़ों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और आक्षेप लगाने में लिप्त होने की बजाय अब कार्रवाई करनी चाहिए.
केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने संसद में बताया कि केंद्र सरकार से जुड़े कुल लंबित मामलों की संख्या 6,36,605 है. इसमें से अकेले वित्त मंत्रालय 1,79,464 मुक़दमों में शामिल है. इन मुक़दमों पर वर्ष 2022-23 में 54.35 करोड़ रुपये ख़र्च किया गया था.
केरल हाईकोर्ट एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसे वर्ष 2012 में तिरुवनंतपुरम के थंपनूर रेलवे स्टेशन पर एक रेलवे पुलिसकर्मी की बंदूक से चली गोली लग गई थी. फैसले में अदालत ने रेलवे को आदेश दिया कि वह व्यक्ति को 8.2 लाख रुपये की राशि बतौर मुआवज़ा प्रदान करे.
मिज़ोरम के मिज़ो लोग मणिपुर के कुकी-ज़ोमी समुदाय के साथ गहरा जातीय जुड़ाव रखते हैं. मणिपुर में कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद मिज़ोरम में पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन द्वारा जारी बयान के बाद राज्य में रह रहे मेईतेई समुदाय के लोगों में दहशत देखी गई और वे मिज़ोरम से भागने लगे.
केंद्र सरकार संसद में जम्मू कश्मीर से जुड़े चार संवैधानिक संशोधन पेश करने वाली है, जिनमें एक जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 भी है. इसमें प्रावधान किया गया है कि 114 सदस्यीय केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में दो सीटें 'कश्मीरी प्रवासियों' के लिए और एक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के विस्थापितों के लिए आरक्षित की जाएंगी.
घटना इंफाल पूर्व ज़िले में 15 मई की है. मेईतेई महिलाओं के संगठन ‘मीरा पैबिस’ ने एक 18 वर्षीय युवती के साथ मारपीट के बाद उसे चार हथियारबंद पुरुषों को सौंप दिया था, जिन्होंने उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया. राज्य में जारी हिंसा के बीच महिलाओं के साथ बर्बरपूर्ण यौन हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के पकुआहाट गांव में बीते 18 जुलाई को हुई इस बर्बर घटना की जानकारी 22 जुलाई को एक वीडियो सामने आने के बाद हुई. साप्ताहिक बाज़ार के दौरान चोरी के शक में दोनों महिलाओं को भीड़ ने बर्बर तरीके से पीटने के साथ निर्वस्त्र घुमाया था. भीड़ में अधिकांश महिलाएं शामिल थीं.
बीते 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने की घटना का वीडियो हाल ही में सामने आया था. बीते 4 मई को ही इंफाल में कार धोने का काम करने वाली कांगपोकपी की दो महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और बुरी तरह से मारपीट की गई, जिससे उनकी मौत हो गई. बीते 6 मई को एक महिला को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया था.
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक मामले में 22 लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था, जिनमें से अधिकांश मछुआरे थे. उन्होंने कथित तौर पर दो अन्य मछुआरों पर हमला किया था, जिन्होंने प्रदर्शन में भाग लेने से इनकार कर दिया था.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वयस्कों के बीच सहमति से बने शारीरिक संबंध को बलात्कार नहीं कहा जा सकता, अगर दोनों में से किसी एक पक्ष ने शादी करने से इनकार कर दिया हो. ओडिशा हाईकोर्ट ने भी बीते दिनों ऐसा ही एक फैसला सुनाया था.