द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मणिपुर में हिंसा से संबंधित एक वीडियो सामने आया है, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है. घटना 3 मई को हिंसा भड़कने के अगले दिन हुई. भीड़ ने पुलिस हिरासत से इन महिलाओं और कुछ पुरुषों को क़ब्ज़े में लेकर इस ख़ौफ़नाक घटना को अंजाम दिया था. दो पुरुषों की हत्या कर दी गई थी, जबकि एक महिला से बलात्कार किया गया था.
संशोधित नियमों के तहत केंद्र को गंभीर कदाचार या अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए पेंशनभोगी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए अब राज्य सरकार से संदर्भ (रिफरेंस) का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक, अब ख़ुफ़िया संगठन में काम कर चुके कर्मचारी के ख़िलाफ़ संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने वाली किताबें लिखने पर कार्रवाई हो सकती है.
छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने 29 युवकों की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी है. एसटी/एससी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इन युवकों ने कथित फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरियों में भर्ती पर राज्य की निष्क्रियता के ख़िलाफ़ विधानसभा के पास नग्न प्रदर्शन किया था.
बीते 15 जुलाई को राजस्थान के जोधपुर स्थित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय परिसर में 17 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार काम मामला सामने आया था. तीन आरोपियों के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सदस्य होने के पुलिस के आरोप का भाजपा नेताओं ने खंडन किया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने यह आदेश एक सीआरपीएफ कॉन्स्टेबल की याचिका पर दिया, जिसमें एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी. एकल पीठ ने सीआरपीएफ द्वारा जारी आदेश के ख़िलाफ़ कॉन्स्टेबल की अपील को ख़ारिज कर दिया था, जिसने उन्हें इस आधार पर पदोन्नति देने से इनकार कर दिया था कि वह एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे.
उज्जैन ज़िला प्रशासन ने 'बाबा महाकाल सवारी' का हिस्सा रहे भक्तों पर पानी थूकने के आरोप में तीन लोगों के ख़िलाफ़ ये कार्रवाई की है. आरोपियों में दो नाबालिग हैं. एक आरोपी जेल और बाकी दोनों को नाबालिग पुनर्वास केंद्र में रखा गया है.
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जम्मू कश्मीर के हीरानगर उप-जेल हिरासत केंद्र में महिलाओं और बच्चों समेत लगभग 270 रोहिंग्या शरणार्थी दो साल से अधिक समय से बंद हैं. वे लगातार हिरासत में रखे जाने के ख़िलाफ़ अक्सर विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं. मई में भी शरणार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया था और दो मौकों पर खाना खाने से इनकार कर दिया था.
नरेंद्र मोदी की छवि को ख़राब करने वालीं तीस्ता सीतलवाड़ अकेली नहीं हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और भारतीय चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों ने भी अतीत में गुजरात हिंसा और मुख्यमंत्री के रूप में मोदी द्वारा चलाई गई सरकार की भूमिका पर कड़ी टिप्पणियां की थीं.
महाराष्ट्र में बीते जलगांव कलेक्टर द्वारा जून महीने में जारी एक आदेश के बाद एरंडोल तालुका स्थित 800 साल पुरानी जुम्मा मस्जिद में मुस्लिम समुदाय को नमाज़ अदा करने से रोक दिया गया था. एक संगठन द्वारा दावा किया गया था कि मस्जिद ‘अवैध रूप से’ एक हिंदू पूजा स्थल पर बनाई गई थी, जिसके बाद कलेक्टर ने यह आदेश पारित किया था.
हज़ारीबाग़ के बरही थाने का मामला. चोरी के आरोपी 25 वर्षीय व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि उसकी मौत आत्महत्या से हुई, जबकि परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि यह 'हिरासत में यातना' का मामला है जिसके कारण मौत हुई.
वन संरक्षण अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए 400 से अधिक पारिस्थिकीविदों ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में कहा है कि यह सिर्फ़ संशोधन नहीं है, बल्कि एक पूरी तरह से नया अधिनियम है. इसके तहत कथित तौर पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवश्यक मंज़ूरियों से छूट दे दी गई है.
मणिपुर सरकार का यह फैसला क्वैरमबैंड इमा कीथल जॉइंट कोऑर्डिनेटिंग कमेटी फॉर पीस द्वारा सभी से ‘मदर्स प्रोटेस्ट’ रैली को सफल बनाने की अपील के बाद आया है. इसे देखते हुए राजधानी इंफाल शहर में भी सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं. राज्य में बीते 3 मई से जातीय हिंसा जारी है.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मंगलवार शाम आतंकवादियों ने महाराष्ट्र के रहने वाले दो मज़दूरों को गोली मारकर घायल कर दिया. बीते 13 जुलाई को भी संदिग्ध आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में बिहार के रहने वाले तीन मज़दूरों को गोली मारकर घायल कर दिया था.