प्रधानमंत्री से कौन पूछेगा कि पनामा पेपर मामले में क्या प्रगति हुई है?

अगर दो लाख शेल कंपनियां बंद हुई हैं, जो ब्लैक मनी को व्हाइट कर रही थीं तो क्या प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि कितने लाख लोगों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हुए है?

‘गोरक्षा के चक्कर में पशुधन ही किसानों का दुश्मन हो गया है’

अब खेती में बैलों का उपयोग नहीं होता. बूचड़खाने बंद होने के बाद उन्हें ख़रीदने वाला भी कोई नहीं. बड़ी संख्या में आवारा जानवर खेतों को तबाह कर रहे हैं.

आदिवासियों के लिए इस आज़ादी का क्या मतलब है?

आदिवासी तो दुनिया बनने से लेकर आज़ाद ही हैं. बस्तर के इन जंगलों में तो अंग्रेेज़ भी नहीं आए. इसलिए इन आदिवासियों ने अपनी ज़िंदगी में न ग़ुलामी देखी है, न ग़ुलामी के बारे में सुना है.

मीडिया बोल, एपिसोड 10: गोरखपुर में बच्चों की मौत और लोक स्वास्थ्य का सवाल

मीडिया बोल की 10वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, टीवी पत्रकार अरफ़ा ख़ानम शेरवानी और द वायर हिंदी के कृष्णकांत के साथ गोरखपुर में बच्चों की मौत के मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.

झारखंड सरकार गांधी की छवि और जनता का पैसा ईसाईयों के ख़िलाफ़ नफरत फैलाने में इस्तेमाल कर रही है

11 अगस्त को झारखंड के अधिकतर हिंदी अख़बारों में छपे एक सरकारी विज्ञापन में गांधी के नाम से धर्मांतरण के संबंध में वो बातें लिखी गईं, जो उन्होंने कभी कही ही नहीं थीं.

आज़ादी अगस्त में पैदा हुई थी इसलिए मर गई

लगता है वह एक ही प्रधानमंत्री है जो अपने चोले और शक्ल बदल कर हर बरस घंटे भर कुछ बोलता है. उसे इस बार भी बोलना है. जब मैं यह लिख रहा हूं उसके बोले जाने वाले शब्द लिखे जा चुके होंगे. उनके बोलने में लोकतंत्र हर बार मजबूत होता है. उन्हें सुनकर इंसान हर बार मजबूर होता है.

डिजिटल साक्षरता का सच: ‘मैं डिजिटल साक्षर हूं लेकिन कंप्यूटर नहीं चला सकता’

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने लायक हो जाता है, तो उसे ‘साक्षर’ की श्रेणी में डाल दिया जाता है.

आॅक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुईं तो मेडिकल कॉलेजों को बकाया भुगतान करने का निर्देश क्यों?

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों में दवा और गैस का कोई भी भुगतान बकाया न रखने को कहा है.

अगर इंसेफलाइटिस ख़त्म हो गया तो धर्म ख़तरे में पड़ जाएगा

मृत्यु तो संसार का एकमात्र शाश्वत सत्य है. योगी जी उत्तर प्रदेश को इसी सत्य का साक्षात्कार कराना चाहते हैं जो धर्म का मर्म है. लेकिन लोग उनके पीछे पड़ गए हैं.

गोरखपुर में बच्चों को ऑक्सीजन की कमी ने नहीं, सरकारों ने मार डाला

जिस गोरखपुर मेडिकल कॉलेज पर इंसेफलाइटिस पीड़ित बच्चों के इलाज की ज़िम्मेदारी है उसकी स्थिति देखकर कहा जा सकता है कि बच्चों की मौत से सरकारों को कोई फर्क नहीं पड़ता.

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