‘तुम्हारा यह (साबुन-शैम्पू) दान एक गाली है मेरे आत्मसम्मान के लिए’

यूपी में योगी के दौरे से पहले मुसहर समुदाय के लोगों को साबुन व शैम्पू बांटे गए ताकि सीएम से मिलने के लिए वे नहाकर आएं. कवि असंग वानखेड़े ने इसके जवाब में एक ​कविता लिखी.

भाजपाई मुख्यमंत्री पेमा खांडू बोले- मैं भी खाता हूं बीफ, इसमें कुछ ग़लत नहीं

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री खांडू ने कहा, ‘केंद्र सरकार को इस नोटिफिकेशन पर दोबारा सोचना चाहिए. पूरे नॉर्थ ईस्ट में आदिवासियों की अच्छी ख़ासी संख्या है और वे मांसाहारी हैं.’

गाय और गोमांस पर गहमा-गहमी जारी है

ममता बनर्जी का आरोप है कि मोदी सरकार पशु बिक्री प्रतिबंध संबंधी अधिसूचना के दायरे से भैंस को हटाने जा रही है ताकि भाजपा के क़रीबी मांस व्यापारियों को फायदा पहुंचाया जा सके.

किसानों ने शुरू किया आंदोलन, सड़कों पर फेंके दूध और सब्ज़ियां

क़र्ज़ माफ़ी और फ़सलों का उचित दाम न मिलने से नाराज़ किसानों ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अनाज, फल, दूध और सब्ज़ियों की आपूर्ति रोक दी है.

बढ़ते सामाजिक टकराव पर प्रधानमंत्री चुप क्यों?

बढ़ती जातीय और सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं प्रधानमंत्री मोदी की विकास के उनके घोषित एजेंडे के अनुकूल नहीं रहीं, लिहाजा देश को अपेक्षा थी कि ऐसी घटनाओं पर मोदी सख्ती से पेश आएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

नोटबंदी के बाद जीडीपी वृद्धि दर निचले स्तर पर, स्पेन में मोदी ने कहा- निवेश के लिए भारत मज़बूत

वित्तमंत्री अरुण जेटली बोले, विकास की रफ्तार में आई गिरावट के लिए नोटबंदी नहीं, पूरे विश्व में जारी आर्थिक मंदी और यूपीए सरकार ज़िम्मेदार है.

क्या मोदी सरकार में एक मुसलमान के सामने ज़िंदा बचे रहना ही सबसे बड़ी चुनौती है?

नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले तीन साल के राज में ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसने मुसलमानों में असुरक्षा और भय की तीव्र भावना पैदा करने का काम किया.

अयोध्या पहुंचे आदित्यनाथ, अस्थायी राम मंदिर में की पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘बहुत अच्छा लगा लखनऊ में कई मुस्लिम संगठनों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि हिंदू समाज को सौंपने की वकालत की है.’

गाय की राजनीति में उलझा पूरा देश, सरकारें, कोर्ट और जनता दो ​धड़ों में बंटी

गाय और अन्य जानवरों के वध के लिए ख़रीद-फ़रोख़्त पर केंद्र सरकार के आदेश पर तीन अदालतों ने तीन तरह का आदेश दिया है तो राज्य सरकारों ने कड़ा विरोध जताया है.

लोग गाय माता की सेवा करते-करते ख़ुद भेड़िये बन गए हैं

वह कैसी सोच है जिसे पूरी दुनिया में केवल एक गाय ही रक्षा करने योग्य लगती है. सड़क के किनारे सोया थका-हारा मज़दूर नहीं, पुल के नीचे मिट्टी में पलते दुर्बल बच्चे नहीं, अस्पतालों के बाहर बैठे रोगी नहीं.

1 617 618 619 620 621 648