कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: जैसे अक्सर क्रांति को क्रांति की संतानें ही खा जाती हैं वैसे ही संविधान की संतानें, राजनीतिक दल, लोकतांत्रिक पद्धति से चुनी गई सरकारें संविधान को कुतर-काट रहे हैं.
साक्षात्कार: मध्य प्रदेश में शिक्षा जगत के बहुचर्चित व्यापमंं घोटाले का खुलासा करने वालों में से एक आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी दशक भर से जारी घोटाले की जांच पर कहते हैं कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकारें होने के चलते सीबीआई दबाव में काम कर रही है. जब कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई, तो उसने भी घोटाले की जांच का चुनावी वादा पूरा नहीं किया.
पुण्यतिथि विशेष: जनता को जागरूक करने वाली पत्रकारिता के लक्ष्य को लेकर 'महात्मा' हरगोविंद ने 1958 में सहकारिता का सफल प्रयोग करते हुए ‘जनमोर्चा’ का प्रकाशन शुरू किया. पांच लोगों के पंद्रह-पंद्रह रुपयों के योगदान से शुरू हुआ यह अख़बार आज भी व्यक्तिगत मालिकाने के बिना चल रहा है.
बीते 3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत दर्ज एक केस के सिलसिले में समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक और इसके कर्मचारियों के यहां छापेमारी की थी. इस दौरान 90 से अधिक पत्रकारों के क़रीब 250 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ज़ब्त किए गए थे. लगभग एक महीने बाद भी इन्हें वापस नहीं करने से पत्रकारों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है.
पुस्तक समीक्षा: हाल ही में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज की जेल डायरी ‘फ्रॉम द फांसी यार्ड: माय इयर्स विथ द वूमेन ऑफ यरवदा’ प्रकाशित होकर आई है. इस डायरी को उन्होंने पुणे की यरवदा जेल में रहते हुए लिखा है. एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपियों में से एक सुधा 3 साल से अधिक समय तक जेल में रही हैं.
गत 19 अक्टूबर को हनुमानगढ़ी की बसंतिया पट्टी के एक नागा साधु की उनके दो शिष्यों द्वारा ही धारदार हथियार से हत्या कर दी गई. पुलिस का कहना है कि ये शिष्य नकद रुपयों व महंती के उत्तराधिकार के लालच में गुरुहंता बने.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पांचवा भाग चौपाल जाति के बारे में है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पिकासो की ऊर्जा और कल्पनाशीलता अथक और अपरंपार थी. फिर पिकासो से रोथको तक जाना बिल्कुल भिन्न कलासंसार में जाना है. उनके यहां कला गहन विचार, सतत चिंतन और बहुत ठहराव से उपजती है. वह कुछ गहरा और अप्रत्याशित देखती-दिखाती है पर ख़ुद को कुछ कहने से रोकती है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. चौथा भाग कोईरी/कुशवाहा जाति के बारे में है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. तीसरा भाग मडरिया जाति के बारे में है.
लगभग चालीस साल पहले अयोध्या में रहने वाले 'गुमनामी बाबा' को सुभाष चंद्र बोस बताए जाने की कहानी एक स्थानीय अख़बार की सनसनीखेज़ सुर्ख़ी से शुरू हुई थी. इसके बाद तो नेताजी के प्रति उमड़ी भावनाओं के अतिरेक ने लोगों को बहाकर वहां ले जा छोड़ा, जहां तर्कों की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पांचवीं सूची जारी होने के साथ ही 230 विधानसभा सीटों में से 228 पर इसके प्रत्याशियों के नाम साफ़ हो गए हैं. पार्टी ने लगभग सभी मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा है, हालांकि टिकट वितरण को लेकर पार्टी फिर भी असंतोष, विरोध और बग़ावत का सामना कर रही है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. दूसरा भाग संतराश जाति के बारे में है.
17 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि वे देश के सभी ज़िलों से ऐसे सरकारी अधिकारियों के नाम दें, जिन्हें मोदी सरकार की 'पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने' के एक अभियान के लिए 'जिला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)' के तौर पर तैनात किया जाए.
सच यह है कि गोलवलकर की कथनी का तरीका भले ही अप्रचलित हो गया हो, पर उनका एजेंडा आज भी सामाजिक परिदृश्य पर हावी है.