शिक्षाविद और नीति-निर्माता उम्मीद कर रहे थे कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार कुछ अहम क़दम उठाएगी क्योंकि लाखों छात्रों ने कोरोना महामारी के चलते अपनी शिक्षा के अहम वर्षों का नुकसान उठाया है, हालांकि बजट से उन सभी को निराशा हुई है.
बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर कुलियों के विश्राम के लिए बने पर इस्तेमाल में न आने वाले कमरे में लंबे समय से मुस्लिम श्रमिकों द्वारा नमाज़ पढ़ी जा रही थी. अब हिंदू जनजागृति समिति ने इस पर आपत्ति जताए हुए इसे 'साज़िश का हिस्सा' बताया है.
मामला बुलंदशहर-अलीगढ़ की सीमा पर बसे एक गांव का है. आरोप है कि चारा लेने गई नाबालिग को पास के गांव के चार युवक जबरन उठाकर ले गए और गैंगरेप किया. इसके बाद मुख्य आरोपी ने उसके सिर में गोली मार दी. लड़की के परिजनों ने पुलिस पर डरा-धमकाकर मामला दबाने का आरोप लगाया है.
वीडियो: विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के नोएडा क्षेत्र में आने वाले गढ़ी चौखंडी गांव के रहवासियों ने खुली नालियों, कच्ची सड़क, पानी और सीवेज संबंधी समस्याएं उठाई हैं.
भारत का रक्षा बजट वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4.78 करोड़ रुपये था. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए इसे बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.
जबलपुर के एक व्यक्ति ने एक याचिका में कहा था कि उन्होंने महाराष्ट्र की एक हिंदू महिला से शादी की और महिला ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म अपनाया पर उनके माता-पिता ने जबरन उन्हें ले जाकर क़ैद कर लिया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन्हें साथ रहने की इजाज़त देते हुए कहा कि बिना किसी दबाव के साथ रहने के इच्छुक बालिगों के मामले में किसी तरह की नैतिक पुलिसिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती.
अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले से 18 जनवरी को एक किशोर मिराम तरोन लापता हो गया था, जिसके बाद 19 जनवरी को सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों द्वारा किशोर का अपहरण किए जाने का दावा किया था. 27 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि किशोर को भारत को सौंप दिया गया है.
द वायर ने आठ बिंदुओं में समझाने की कोशिश की है कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने प्रमुख क्षेत्रों और कुछ महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं पर कितना ख़र्च किया है और आने वाले वर्षों में वह इसके लिए कितना ख़र्च करने की बात कह रही है.
प्रगतिशील नागरिक समाज संगठनों, सामाजिक आंदोलनों, शिक्षाविदों और अन्य विशेषज्ञों के एक मंच जन सरोकार ने आगामी केंद्रीय बजट से पहले नरेगा, खाद्य सुरक्षा, पेंशन, कृषि, बैंकिंग और वित्त, जेंडर, पर्यावरण जैसे क्षेत्रों को लेकर अपनी अपेक्षाएं और मांगें जारी की हैं.
सिल्वरलाइन रेल परियोजना के तहत एक सेमी हाईस्पीड रेलवे कॉरिडोर तैयार किया जाना है. केरल सरकार का कहना है कि इससे सड़कों पर भीड़ कम होगी और लोगों को यात्रा का एक बेहतर स्थायी विकल्प मिलेगा. हालांकि कार्यकर्ताओं और अलाप्पुझा ज़िले के रहवासियों के बीच से इसे लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं.
राजस्थान के चुरू ज़िले की घटना. पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने आरोप लगाया कि जाट समुदाय के आठ लोगों ने बीते 26 जनवरी की रात 11 बजे उन्हें घर से अगवा कर लिया था और नज़दीक के खेत में जान से मारने की मंशा से ले गए थे. इस संबंध में दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है.
स्मृति शेष: इब्राहीम अश्क फ़िल्मी गीतकारों से बहुत अलग थे और साहित्य की हर करवट पर नज़र रखते थे. फ़िल्मी और पेशेवर शायर कहकर उनके क़द को अक्सर ‘कमतर’ बताया गया. शायद इसलिए भी अश्क ने अपनी कई आलोचनात्मक तहरीरों में कथित साहित्यकारों की ख़ूब ख़बर ली.
बीते दिनों गोरखपुर की एक अदालत में 31 वर्षीय दिलशाद की गोली मारकर की गई हत्या को 'बलात्कारी' की हत्या बताया जा रहा है. दिलशाद के पिता ने इसे 'ऑनर किलिंग' बताते हुए कहा कि उनके बेटे के हत्यारोपी भागवत निषाद उनके क़रीबी दोस्त थे और दिलशाद ने हिंदू धर्म अपनाकर उनकी बेटी से शादी की थी. इससे नाराज़ भागवत ने दिलशाद पर अपहरण और पॉक्सो के तहत केस दर्ज करवाया था.
दिसंबर, 2021 में वन अधिकार क़ानून को पारित हुए 15 साल पूरे हुए हैं, हालांकि अब भी वन निवासियों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. आज जहां पूरे भारत में 20 लाख से अधिक वन अधिकार दावे मंज़ूर किए गए, उनमें हिमाचल प्रदेश का योगदान केवल 169 है, जो प्रदेश को इस क़ानून के क्रियान्वयन में सबसे पिछड़ा राज्य बनाता है.
भारत में, विशेषकर उत्तर भारत में छात्रों की जगह टेस्टार्थियों ने ले ली है. टेस्टों की राह इतनी जटिल बना दी गई है कि इनमें शामिल होने वालों की सारी ऊर्जा इसी भूलभुलैया में बाहर का रास्ता खोजते हुए चुक जाती है. आज छात्र नहीं टेस्टार्थियों की भीड़ खड़ी है. भीड़ का ग़ुस्सा ज़रूर फूट सकता है, पर वह आंदोलन नहीं कर सकती.