उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति और एक प्रशासनिक अधिकारी पर धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक स्कूल की पूर्व महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि दूसरों को ईसाई धर्म में परिवर्तन कराने में मदद करने के लिए कुलपति उन पर दबाव बना रहे थे.
कर्नाटक के शिवमोगा ज़िले का मामला. शिक्षा विभाग ने महिला शिक्षक का तबादला कर दिया है. इस बारे में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि शिक्षक मंजुला देवी बीते 31 अगस्त को 5वीं कक्षा में पढ़ा रही थीं, तभी दो मुस्लिम छात्र आपस में झगड़ने लगे. शिक्षक ने दोनों को डांटा और कथित तौर पर उनसे कहा कि यह उनका देश नहीं है.
आईआईटी-दिल्ली में बीटेक अंतिम वर्ष के 21 वर्षीय छात्र को विंध्याचल हॉस्टल में मृत पाया गया था. छात्र छह महीने के एक्सटेंशन पर हॉस्टल में रह रहा था. इससे पहले 10 जुलाई को एक छात्र ने आत्महत्या की थी.
अभिनेता आर. माधवन पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में फिल्म निर्माता शेखर कपूर का स्थान लेंगे, जिनका एफटीआईआई अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल इस साल मार्च में समाप्त हो गया था. माधवन को संस्थान के गवर्निंग काउंसिल का अध्यक्ष भी नामित किया गया है.
नागपुर विश्वविद्यालय ने एमए इतिहास पाठ्यक्रम में जनसंघ और रिपब्लिकन पार्टी पर एक अध्याय को बरक़रार रखते हुए सीपीआई की जगह भाजपा को शामिल किया है. इसके अलावा द्रमुक पर एक अध्याय को बदलते हुए अन्नाद्रमुक को लाया गया है. साथ ही, खालिस्तान आंदोलन पर एक अध्याय को हटाया गया है.
वीडियो: क्या भारत के विश्वविद्यालयों के अंदर शैक्षणिक स्वतंत्रता नाम की कोई चीज़ बची है? यूनिवर्सिटी की परिभाषा विचारों के आदान-प्रदान की जगह की है, लेकिन क्या आज हिंदुस्तान में ऐसी कोई जगह बच पाई है? चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में कार्यरत एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने उनके विभाग के दो सहकर्मियों और दो छात्रों पर मारपीट, छेड़छाड़ और उन्हें अपमानित करने के आरोप लगाए हैं. दलित समुदाय से आने वाली शिकायतकर्ता ने कहा है कि घटना 22 मई को हुई थी, लेकिन पुलिस ने 27 अगस्त तक केस दर्ज नहीं किया.
गुजरात सरकार ने हाल ही में गुजरात कॉमन यूनिवर्सिटीज़ बिल के मसौदे की घोषणा की है, जिसे अगले महीने विधानसभा में पेश किया जा सकता है. इसे शिक्षा का 'सरकारीकरण' और स्वायत्तता को ख़तरा क़रार देते हुए छात्रों और शिक्षक संघ इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
दिल्ली के गांधी नगर स्थित सरकारी सर्वोदय बाल विद्यालय के नवीं कक्षा के छात्रों ने एक काउंसलिंग सेशन के दौरान बताया कि उनकी अध्यापिका ने यह भी कहा कि 'बंटवारे के दौरान तुम लोग पाकिस्तान नहीं गए. भारत की आज़ादी में तुम्हारा कोई योगदान नहीं है.'
विभाजन और सांप्रदायिक राजनीति पर आधारित भीष्म साहनी के उपन्यास ‘तमस’ के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया अभियान की शुरुआत भाजपा के पूर्व सांसद बलबीर पुंज के एक मैसेज से हुई, जिसमें उन्होंने साहनी को वामपंथी बताते हुए दावा किया था कि तमस में सांप्रदायिक हिंसा के लिए ‘प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से’ आरएसएस को ज़िम्मेदार ठहराया गया था.
अप्रैल में यूजीसी ने निर्देश दिया था कि हर विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध कॉलेजों/संस्थानों में छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए एक लोकपाल नियुक्त करना होगा. अब सामने आया है कि देश के 1,091 विश्वविद्यालयों में से केवल 297 ने ही लोकपाल नियुक्त किए हैं.
कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या को लेकर राजस्थान के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मैं माता-पिता को बताना चाहता हूं कि आप कोचिंग सेंटरों को पैसा देते हैं और वे आपके बच्चों को धमकाते और परेशान करते हैं. कोचिंग वालों को दुर्व्यवहार करने का क्या अधिकार है?
राजस्थान के कोटा में दो अलग-अलग घटनाओं में नीट की तैयारी कर रहे दो छात्रों की कथित तौर पर बीते रविवार को आत्महत्या से मौत के मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही इस साल ऐसे छात्रों की संख्या 23 हो गई है. कोटा ज़िले के अधिकारियों ने इसे देखते हुए अगले दो महीने तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के नियमित टेस्ट नहीं कराने को कहा है.
मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के एक निजी स्कूल में महिला शिक्षक के कहने पर छात्रों द्वारा एक साथी मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने का वीडियो सामने आया था. अब बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि उनकी जांच में स्कूल, विभाग के मानदंडों पर सही नहीं पाया गया है, जिसके बाद इसे सील करने का नोटिस जारी किया गया है.
श्रीनगर के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सीनियर लेक्चरर जहूर अहमद भट एक वकील भी हैं. बीते 23 अगस्त को वह अनुच्छेद 370 को कमज़ोर करने के केंद्र के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए थे. एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि उनके आचरण की जांच लंबित है, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.