मामला नीमच का है. पुलिस ने बताया कि केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजना के तहत पढ़ने वाले एक नाबालिग कश्मीरी छात्र द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में कथित तौर पर 2019 के पुलवामा आतंकी हमले को बाबरी विध्वंस और कुछ अन्य घटनाओं का बदला लेने का कृत्य बताया गया था.
वीडियो: हिजाब को लेकर कर्नाटक के कई कॉलेजों में पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब उडुपी ज़िले एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से कॉलेज में प्रवेश करने नहीं दिया गया. द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
जेएनयू की नवनियुक्त कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित की नियुक्ति के बाद उनके कुछ पुराने ट्वीट विवादों में हैं. अब डिलीट कर दिए गए ट्विटर एकाउंट के बारे में पंडित ने कहा कि जेएनयू के किसी व्यक्ति ने साज़िशन इसे बनाया था. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कि जेएनयू के किसी शख़्स को यह कैसे पता रहा होगा कि उन्हें संस्थान का कुलपति बनाया जाएगा और कैसे उनकी नियुक्ति से पहले ट्विटर एकाउंट बना होगा.
कर्नाटक में हिजाब के विरोध के बीच मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हिजाब यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. वहीं, भाजपा शासित पुदुचेरी के एक सरकारी स्कूल में छात्रा को कथित तौर पर हिजाब हटाने को कहा गया.
जेएनयू की नवनियुक्त कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कई मौकों पर बिना किसी हिचकिचाहट अपनी हिंदुत्व दक्षिणपंथी विचारधारा को सार्वजनिक किया है. नियुक्ति के बाद उनके पुराने ट्वीट शेयर किए जाने का सिलसिला बढ़ने के बाद उनका ट्विटर एकाउंट डिलीट कर दिया गया है.
बीते जनवरी माह में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर कथित रूप से ‘ग़ैरक़ानूनी और भ्रामक’ फतवा प्रकाशित करने के मामले की जांच करने को कहा था, जिसके बाद सहारनपुर के ज़िलाधिकारी ने वेबसाइट तक पहुंच पर रोक लगा दी है.
यह योजना उत्तराखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है, जो विशेष रूप से कक्षा 1 से 10 में पढ़ने वाले राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए है, जिनमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन शामिल हैं.
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर 59 वर्षीय शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित को पांच वर्षों के लिए जेएनयू के कुलपति नियुक्त किया गया है. पंडित जेएनयू की छात्रा रही हैं, जहां से उन्होंने एमफिल के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की उपाधि हासिल की है.
मणिपुर के एक एनजीओ अपुनबा इमागी मचासिंग का कहना है कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी अनुबंध के तहत काम कर रहे हैं जबकि कुछ की भर्तियां डेप्युटेशन के आधार पर की गई हैं. एनजीओ ने यूनिवर्सिटी की दयनीय स्थिति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भी भेजा है.
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, एम. जगदीश कुमार को पांच साल की अवधि के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं, जेएनयू के छात्र संघ और शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय के कुलपति को यूजीसी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि कुमार को सरकार का एजेंडा लागू करने के लिए पुरस्कृत किया गया है.
बीते जनवरी माह में कर्नाटक में उडुपी ज़िले के एक कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने का विरोध करने का मामला सामने आने के बाद ऐसी ही दो घटनाएं इसी ज़िले के कुंडापुर में हुई हैं. इन दोनों कॉलेजों में भी हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया है. इस बीच राज्य के गृहमंत्री ने कहा है कि किसी को भी अपने धर्म का पालन करने के लिए विद्यालय नहीं आना चाहिए.
याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई है कि हिजाब पहनना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत एक मौलिक अधिकार है और यह इस्लाम की एक अनिवार्य प्रथा है. कर्नाटक के उडुपी स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनने की वजह से 28 दिसंबर 2021 से छह मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में बैठने नहीं दिया जा रहा है.
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की हंसराज कॉलेज इकाई ने आरोप लगाया कि छात्राओं के छात्रावास के लिए तय स्थान पर ‘गोशाला’- स्वामी दयानंद गो-संरक्षण और अनुसंधान केंद्र बनाया जा रहा है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन के दौरान जन शिक्षा की रक्षा करने, छात्र कल्याण को प्राथमिकता देने और शिक्षा का भगवाकरण न करने की मांग की.
उडुपी के महिला पीयू कॉलेज की छह मुस्लिम छात्राओं का आरोप है कि उन्हें एक जनवरी से कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा रही है. भाजपा विधायक के. रघुपति भट की अध्यक्षता वाली कॉलेज विकास समिति का कहना है कि जब तक मामले का समाधान नहीं निकल जाता, तब तक छात्राएं ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकती हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में स्वामी दयानंद सरस्वती गो-संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है. कॉलेज की प्रिंसिपल ने कहा है कि हमारा कॉलेज डीएवी ट्रस्ट कॉलेज है, जिसका आधार आर्य समाज है. उसी परंपरा के अनुरूप हम हर महीने के पहले दिन हवन करते हैं. आग में चढ़ाने के लिए ज़रूरी चीज़ें जैसे- शुद्ध घी, बाज़ार से ख़रीदकर लाना पड़ता है. अब हम इस मामले में आत्मनिर्भर बन सकते हैं.