हिंसाग्रस्त मणिपुर संबंधी एक फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को लेकर राज्य पुलिस द्वारा अपने खिलाफ दायर की गई एफ़आईआर का सामना कर रहे एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में बतया कि सेना के अनुरोध पर उसकी टीम ने वहां का दौरा किया था. पत्र में सेना ने स्थानीय मीडिया पर एक समुदाय के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाया था.
नगालैंड विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन एनपीएफ विधायक कुझोलुज़ो निएनु ने कहा कि नगाओं को अनुच्छेद 371ए के तहत विशेष सुरक्षा प्राप्त है और इसलिए समान नागरिक संहिता और वन संरक्षण संशोधन अधिनियम पर चर्चा की ज़रूरत है.
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) का यह बयान केंद्र सरकार द्वारा विद्रोही समूह के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के कुछ दिनों बाद आया है. एनएससीएन-आईएम समेत नगा समूहों का दावा है कि नगा कभी भी भारत का हिस्सा नहीं थे और उन्होंने 14 अगस्त 1947 को ‘स्वतंत्रता’ की घोषणा की थी.
मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के बाद कुकी-जो आदिवासी समुदाय से आने वाले 10 विधायक अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं. इनमें से 7 सत्तारूढ़ भाजपा के हैं. भाजपा विधायक और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि अगर वे ‘शांति के लिए काम करने’ को लेकर गंभीर नहीं तो ‘इस्तीफा दे दें’.
बीते 8 सितंबर को मणिपुर के टेंगनौपाल ज़िले के पलेल में हुई गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे. इस दौरान पलेल के पास मोलनोई गांव में सुरक्षा बलों और हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी हो गई थी. राज्य मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को घटना से अवगत कराने की बात कही है.
असम मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) और अशांत क्षेत्र अधिनियम को पूरे राज्य से वापस लेने की सिफ़ारिश की है. पिछले महीने एक स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि उनकी सरकार इस साल के अंत तक पूरे राज्य से आफस्पा हटाने का प्रयास करेगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन ने मणिपुर में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति पर नियमित रूप से प्राप्त रिपोर्ट पर आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ए) और धारा 24 के तहत जानकारी देने से इनकार किया है.
असम के बजाली ज़िले के एक व्यवसायी रबीउल इस्लाम ने आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस ने ग़लत तरीके से हिरासत में लिया और 2.5 करोड़ रुपये देने के लिए कहा, ऐसा नहीं करने पर उन्हें एनकाउंटर में मारने की धमकी दी और उनकी हत्या को ‘जिहादी तत्वों के साथ संबंध’ बताकर उचित ठहराने की बात कही थी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने इंफाल से अंतिम पांच कुकी परिवारों को हटाने की ख़बर का हवाला देते हुए कहा कि एक राज्य सरकार ‘जातीय सफाये’ की अगुवाई करती है और केंद्र सरकार का दावा है कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार चल रही है... इससे ज़्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.
बीते हफ्ते इंफाल में दो मेईतेई वकीलों के घर पर सैकड़ों लोगों की एक भीड़ ने हमला किया. ये दोनों वकील कुकी समुदाय से आने वाले हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ख़ाम ख़ान सुआन हाउजिंग के ख़िलाफ़ द वायर को दिए एक इंटरव्यू के संबंध में दर्ज मामले को देख रहे थे. अब उन्होंने इस केस से नाम वापस ले लिया है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने पिछले महीने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया था. टीम द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर सरकार द्वारा इंटरनेट बैन का पत्रकारिता पर हानिकारक प्रभाव पड़ा, क्योंकि बिना किसी संचार के एकत्र की गईं स्थानीय ख़बरें स्थिति का संतुलित दृष्टिकोण देने के लिए पर्याप्त नहीं थीं.
असम राइफल्स के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने कहा है कि हमने इतिहास में कभी भी इस तरह की किसी स्थिति का सामना नहीं किया है. नागरिकों के पास ‘बड़ी संख्या में हथियार’ चिंता का एक प्रमुख विषय है. जब तक ये हथियार किसी भी तरह से वापस नहीं आ जाते, ये चुनौती सबसे बड़ी रहेगी.
मणिपुर में पिछले चार महीने से जातीय हिंसा लगातार जारी है. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में बहुत सारे नागरिक समाज संगठन हैं, जो अलग-अलग तरह की बात करते हैं. उन्होंने हिंसा ख़त्म करने के लिए संगठनों से एक ठोस प्रस्ताव लाने और एक स्वर में बोलने की अपील की, ताकि इसे दिल्ली में केंद्र सरकार तक पहुंचाया जा सके.
हिंसाग्रस्त मणिपुर के चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर ज़िलों की सीमा पर कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच बुधवार से रुक-रुककर फायरिंग हुई है. इसमें इंडिया रिज़र्व बटालियन के दो कर्मियों सहित कम से कम सात लोग घायल हुए हैं और 29 अगस्त से अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है.
मणिपुर में सौ दिन से अधिक समय से जारी हिंसा के बीच बुलाए गए विधानसभा के एकदिवसीय सत्र में कांग्रेस के विरोध के बीच सीएम एन. बीरेन सिंह ने कहा कि सरकार का हिंसा पर चर्चा कराने का कोई इरादा नहीं है. इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-3 के बारे में बोलते हुए वैज्ञानिकों और प्रधानमंत्री का 'आभार व्यक्त' किया.