बीते 28 जून से 1 जुलाई के बीच नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया था. इसकी तीन सदस्यों एनी राजा, निशा सिद्धू और दीक्षा द्विवेदी के ख़िलाफ़ राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, उकसाने और मानहानि से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की अरुणाचल प्रदेश इकाई ने राज्य की विविध बहुजातीय और बहु-आदिवासी संरचना के साथ-साथ इसकी मजबूत प्रथागत और पारंपरिक पहचान का हवाला देते हुए समान नागरिक संहिता के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया है.
मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ख़ाम ख़ान सुआन हाउजिंग, कुकी महिला मंच की संयोजक मैरी ग्रेस ज़ोउ और कुकी पीपुल्स एलायंस के महासचिव विल्सन लालम हैंगशिंग ने द वायर के लिए करण थापर को इंटरव्यू दिया था. आरोप है कि साक्षात्कार के दौरान उनके बयानों ने सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काया था.
मणिपुर के पूर्व राज्यपाल गुरबचन जगत ने एक लेख में कहा है कि राज्य भर में पुलिस थानों एवं पुलिस शस्त्रागारों पर हमला किया गया है और हज़ारों बंदूकें व भारी मात्रा में गोला-बारूद लूट लिया गया है. जम्मू कश्मीर, पंजाब, दिल्ली, गुजरात के सबसे बुरे समय में भी ऐसा नहीं हुआ था.
इस साल मार्च महीने में त्रिपुरा विधानसभा सत्र के दौरान बागबासा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक जादब लाल नाथ अपने मोबाइल फोन पर कथित तौर पर पॉर्न देखते हुए पकड़े गए थे. विपक्ष के विधायकों ने शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा किया था.
अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर ज़िले में शुक्रवार को हुईं अलग अलग घटनाओं में संदिग्ध उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में मणिपुर पुलिस कमांडो की मौत हो गई, चुराचांदपुर ज़िले की सीमा से लगे तीन गांवों में किशोर समेत तीन लोगों की जान चली गई है.
वीडियो: मणिपुर में दो महीने से जातीय हिंसा जारी है, जिससे प्रभावित लोग अपना घर, ज़मीन छोड़ देने को मजबूर हो चुके हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 70,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनके लिए लगभग 350 राहत शिविर बनाए गए हैं. कैसी है इन शिविरों की स्थिति?
नॉर्थ ईस्ट इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि हिंसक संघर्षों का इतने लंबे समय तक जारी रहना राज्य प्रशासन और केंद्र सरकार के लिए भी शर्म की बात है. मणिपुर में बीते 3 मई से भड़की जातीय हिंसा में अब तक लगभग 140 लोग मारे जा चुके हैं और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि राज्य के युवाओं को रोज़गार प्रदान करने के सरकार के चल रहे प्रयास के एक हिस्से के रूप में कैबिनेट ने फैसला किया है कि सरकारी और अर्द्ध-सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करते समय स्थायी निवासी प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी.
पूर्वोत्तर राज्य मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा की पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है. इससे पहले, गठबंधन के एक अन्य घटक दल नेशनल पीपुल्स पार्टी से आने वाले मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा भी समान नागरिक संहिता का विरोध जता चुके हैं.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा ने मणिपुर में शांति का आह्वान करते हुए कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि चीज़ें बेहतर हो जाएंगी, लेकिन स्थितियां और ख़राब होती दिख रही हैं. यह कब रुकेगा? मैं अपने मणिपुरी ज़ो जातीय भाइयों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. वे पीड़ित मेरे रिश्तेदार हैं, मेरा अपना ख़ून हैं.
हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने वाली नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन ने कहा कि राज्य सरकार और उसकी मशीनरी मौजूदा संकट में निष्क्रिय बनी हुई है और केंद्र सरकार की आपराधिक उदासीनता ने मौजूदा गंभीर स्थिति को बढ़ा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, एक मणिपुर ट्राइबल फोरम दिल्ली और दूसरी मणिपुर विधानसभा की हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष द्वारा दायर की गई है. अदालत ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट में पुनर्वास शिविरों, हथियारों की बरामदगी, क़ानून व्यवस्था समेत अन्य उठाए जा रहे क़दमों को शामिल किया जाना चाहिए.
मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के बाद सत्तारूढ़ भाजपा सहित प्रदर्शनकारी कुकी विधायकों और आदिवासी संगठन अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि जातीय हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय हाथ की पुष्टि या खंडन करना संभव नहीं है, लेकिन यह पूर्व नियोजित लगता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में समान नागरिक संहिता की पुरज़ोर वकालत के बाद मेघालय, मिज़ोरम और नगालैंड में विभिन्न संगठनों ने इसके ख़िलाफ़ विरोधी तेवर अपना लिए हैं. एक नगा संगठन ने विधानसभा द्वारा यूसीसी के समर्थन में विधेयक पारित करने की स्थिति में हिंसा की चेतावनी दी है.