पुलिस ने कहा है कि असम के कोकराझार ज़िले जामदुआर इलाके में बीते 18 अप्रैल की देर रात उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में पशु तस्कर अकबर बंजारा और सलमान बंजारा मारे गए और चार पुलिसकर्मी घायल हो गए. एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने असम पुलिस की कहानी पर संदेह जताते हुए कहा कि विधि-शासन पर बंदूक-शासन हावी हो चुका है.
कर्मचारियों को सप्ताह में एक बार स्वदेशी पारंपरिक कपड़े पहनने की अपील संबंधी त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद की अधिसूचना पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. भाजपा ने इस फैसले का विरोध करते हुए पूछा कि ऐसे कर्मचारी जो त्रिपुरा के बाहर के हैं वे क्या करेंगे. परंपरा, संस्कृति और भाषा को थोपा नहीं जाना चाहिए.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों कहा था कि सभी पूर्वोत्तर राज्य दसवीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य करने पर सहमत हो गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सनोउजम श्यामचरण सिंह को इसकी आलोचना पर दर्ज शिकायत के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया. उधर, आठ छात्र इकाइयों के संगठन द नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि हिंदी अनिवार्य करना पूर्वोत्तर की मूल भाषाओं के लिए अहितकर होगा और इससे सौहार्द बिगड़ेगा.
असम में विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार की उस घोषणा का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि पूर्वोत्तर के आठों राज्य 10वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने इस क़दम को ‘सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की ओर बढ़ाया गया क़दम’ क़रार दिया.
मेघालय के हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) प्रमुख केपी पांगियांग ने आरोप लगाया है कि तीन गांव - जॉयपुर, सलबाड़ी और हुवापाड़ा - लोगों की इच्छा के विरुद्ध असम को दे दिया गया. बीते मार्च में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और असम के उनके समकक्ष हिमंता बिस्वा शर्मा ने सीमा विवादों के हल के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में ब्रू विस्थापित युवा संघ ने पुनर्वास प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के लिए त्रिपुरा की बिप्लब देव सरकार के लापरवाही भरे रवैये को ज़िम्मेदार ठहराया है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता शर्मिला ने कहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. हम इस औपनिवेशिक क़ानून को कब तक बरक़रार रखेंगे? उग्रवाद से लड़ने के नाम पर करोड़ों रुपये बर्बाद किए जाते हैं, जिनका उपयोग पूर्वोत्तर के समग्र विकास के लिए किया जा सकता है. आफ़स्पा प्रगति की राह में एक रोड़ा है.
स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, तिरप ज़िले में असम राइफल्स के जवान ने मछली पकड़कर घर लौट रहे युवकों पर आतंकवादी होने के संदेह में गोली चलाई. यह ज़िला आफ़स्पा के अंतर्गत आता है, जिसे लेकर दिसंबर 2021 में नगालैंड में सुरक्षाबलों की गोलाबारी में 14 नागरिकों की मौत के बाद से सवाल उठाए जा रहे हैं.
गृह मंत्रालय के अनुसार, नगालैंड के सात ज़िलों के 15 थाना क्षेत्र, मणिपुर के छह ज़िलों में 15 थाना क्षेत्र और असम के 23 ज़िलों में पूरी तरह से और एक ज़िले में आंशिक रूप से आफ़स्पा हटाया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा उग्रवाद ख़त्म करने के लिए किए गए कई समझौतों के फलस्वरूप आफ़स्पा के तहत आने वाले इलाकों को घटाया जा रहा है.
सिपहीजाला ज़िले की घटना. पुलिस ने बताया कि सोनामुरा उपसंभाग में जात्रापुर थानाक्षेत्र में ग्रामीणों ने एक युवक को मवेशी चोर समझकर बुरी तरह पीटा. हालत गंभीर होने के चलते स्थानीय अस्पताल ने उसे अगरतला रेफर किया, जहां ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया. मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
ग्रैफिटी कलाकार निलिम महंत और मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं वकील इबो मिली को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार 'कुछ उचित प्रतिबंधों' के साथ आता है. कोर्ट ने उन्हें दीवार के उस हिस्से को फिर से पेंट करने का भी निर्देश दिया है, जिसे विरूपित किया गया था.
अरुणाचल प्रदेश के युवा वकील व मानवाधिकार कार्यकर्ता इबो मिली और असम के प्रसिद्ध ग्रैफिटी कलाकार निलिम महंत को रविवार को अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इबो ने जहां सरकार की बांध निर्माण नीति के विरोध में एक कलाकृति बनाई थी, तो वहीं महंत ने जलवायु परिवर्तन संबंधी एक वैश्विक अभियान के तहत प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग पर निशाना साधा था.
असम में 'विदेशियों' की पहचान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 3.3 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख से अधिक लोग को इस सूची जगह नहीं मिली थी. फाइनल सूची आने के बाद से ही राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाती रही है.
यह विवाद नगालैंड और मणिपुर की सीमा से लगे एक वन क्षेत्र ‘केज़ोल्त्सा’ को लेकर हैं. यह सेनापति ज़िले (मणिपुर) के माओ नगाओं और नगालैंड की राजधानी कोहिमा के साउदर्न अंगामी नगाओं के बीच विवाद का विषय रही है. यहां मणिपुर द्वारा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के ख़िलाफ़ साउदर्न अंगामी पब्लिक ऑर्गनाइजेशन ने बंद का आह्वान किया था, जिसके विरोध में ऑल असम मणिपुरी यूथ एसोसिएशन ने भी नाकेबंदी का ऐलान कर दिया है.
पिछले साल बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले के बाद त्रिपुरा में आगज़नी, लूटपाट और हिंसा की घटनाएं हुई थीं, इसके ख़िलाफ़ चार छात्रों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सांप्रदायिक हिंसा पर लोगों को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए नोटिस भेजने को लेकर त्रिपुरा पुलिस की खिंचाई की थी.