पुलिस के अनुसार हमले में कोई पत्रकार घायल नहीं हुआ है. वहीं राज्य के एक मीडिया संगठन का कहना है कि यह हमला अचानक हुई घटना नहीं है बल्कि सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब देब के मीडिया को कथित तौर पर धमकाने के बाद राज्य भर में पत्रकारों पर हुए लगातार हमलों का हिस्सा है.
असम पुलिस में उपनिरीक्षकों के 597 पदों की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र 20 सितंबर को लीक हो गया था. इस मामले में भाजपा नेता दीबान डेका सहित 40 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. डेका की गिरफ़्तारी के बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था.
मणिपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टी. बृंदा ने 2018 के ड्रग्स मामले के एक मुख्य आरोपी लुखाउसी जू को अदालत द्वारा बरी किए जाने के एक दिन बाद राज्य के पुलिस वीरता पदक को लौटा दिया. बीते जुलाई महीने में उन्होंने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर लुखाउसी जू को बचाने का आरोप लगाया था.
केंद्र सरकार द्वारा शिक्षकों का लंबित वेतन जारी करने में कथित देरी के विरोध में यह पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया गया है. पिछले पांच महीने से शिक्षकों का वेतन लंबित है.
बीते अक्टूबर महीने में असम के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि राज्य में 610 सरकारी मदरसे हैं और सरकार इन संस्थानों पर प्रति वर्ष 260 करोड़ रुपये ख़र्च करती है. जबकि लगभग 1,000 मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालय हैं और राज्य सरकार इन संस्कृत पाठशालाओं पर वार्षिक तौर पर लगभग एक करोड़ रुपये ख़र्च करती है.
कई छात्र संगठनों द्वारा प्रदेश के बाहर के असम राइफल्स के पूर्व कर्मचारियों को पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में शामिल करने का विरोध किया जा रहा है. चांगलांग ज़िले के विजयनगर में ऐसे ही एक पूर्व कर्मी के पंचायत चुनाव का नामांकन पत्र भरने के ख़िलाफ़ एक छात्र संगठन की अगुवाई वाली भीड़ ने सरकारी दफ़्तरों में आग लगा दी और एक थाने में तोड़फोड़ की.
असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों में पिछले साल 12 दिसंबर को पांच लोगों की मौत हो गई थी. इसे काला दिवस कहते हुए 18 संगठनों ने क़ानून के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए राज्य के मूल निवासियों की पहचान, भाषा और सांस्कृतिक धरोहर के ख़िलाफ़ है.
असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम नहीं आए थे. अब एनआरसी समन्वयक हितेश शर्मा ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में दायर एक हलफ़नामे में कहा है कि वह सप्लीमेंट्री सूची थी और उसमें 4,700 अयोग्य नाम शामिल हैं.
त्रिपुरा में भाजपा समर्थकों के एक समूह द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और त्रिपुरा प्रभारी विनोद सोनकर के सामने ‘बिप्लब हटाओ, भाजपा बचाओ’ का नारा लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने 13 दिसंबर को जनसभा करने की बात कहते हुए कहा था कि जनता फैसला करे कि वह पद पर रहे या नहीं.
असम में 40 सदस्यीय बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद चुनावों के लिए दूसरे चरण का मतदान 10 दिसंबर को होगा. यह चुनाव केंद्र, राज्य और बोडो समूहों के बीच इस साल जनवरी में लंबे समय से चले आ रहे बोडो मुद्दे को लेकर हुए समझौतों के बाद हुआ है. असम में कुछ आदिवासी क्षेत्रों को स्वायत्तता प्रदान की गई है.
अक्टूबर में नगालैंड के सबसे प्रभावशाली नगा संगठन एनएससीएन-आईएम के प्रमुख ने कहा था कि भारत सरकार के साथ चल रही शांति वार्ता में उनका संगठन अलग झंडे और संविधान की मांग पर कोई समझौता नहीं करेगा.
असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने दावा किया कि यह क़ानून ‘लव जिहाद’ के ख़िलाफ़ नहीं है, लेकिन मध्य प्रदेश में प्रस्तावित और उत्तर प्रदेश में पास क़ानून के समान ही होगा. शर्मा ने कहा कि इस क़ानून में सभी धर्म शामिल होंगे और यह पारदर्शिता लाकर हमारी बहनों को सशक्त बनाएगा.
नगालैंड सरकार ने बीते जुलाई महीने में कुत्तों के मांस के वाणिज्यिक आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस फैसले के खिलाफ मांस बेचने वाले कारोबारियों ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इस फैसले से उनकी आजीविका और कारोबार प्रभावित हुआ है.
त्रिपुरा के गोमती ज़िले के उदयपुर में हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-8 को जाम कर दिया था. संगठन का कहना है कि पुलिस और प्रशासन जबरन धर्म परिवर्तन के ख़तरे को रोकने में विफल रहे हैं और अब केवल क़ानून ही आवश्यक सुरक्षा उपाय प्रदान कर सकता है.
मिज़ोरम की सरछिप सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा पर आरोप था कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जबकि वह ज़ोराम पीपुल्स मूवमेंट नाम के राजनीतिक दल के शीर्ष नेता थे. वह राज्य के पहले ऐसे विधायक बन गए हैं जिन्हें अयोग्य क़रार दिया गया है.