वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को दी गई छूट पर मूल फाइलों को रिकॉर्ड पर रखने को लेकर अनिच्छा दिखाते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने बीते मंगलवार को इस सूचना पर विशेषाधिकार का दावा किया है. कांग्रेस ने सवाल किया कि सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है.
अभिभावकों की शिकायत पर दिल्ली सरकार ने 12 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा छह अन्य स्कूलों के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई स्कूल अभिभावकों को विशिष्ट विक्रेताओं से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म ख़रीदने के लिए मजबूर करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है.
एफ़आईआर में एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया के ख़िलाफ़ विदेशी फंडिंग लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने और विदेशी सरकारों तथा संस्थानों का उपयोग करके लाइसेंस को नवीनीकृत करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करने के आरोप लगाए गए हैं. जनवरी 2022 में गृह मंत्रालय द्वारा इस संगठन के एफ़सीआर लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया था.
बीते वर्ष अक्टूबर में बॉम्बे हाईकोर्ट ने माओवादियों से संबंध मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा समेत छह लोगों को बरी करते हुए कहा था कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कथित ख़तरे’ के नाम पर क़ानून की उचित प्रक्रिया को ताक़ पर नहीं रखा जा सकता.
द वायर को दिए एक साक्षात्कार में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने वर्ष 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए थे, जिनके बाद हमले में जान गंवाने वाले 40 सैनिकों में से कुछ के परिजन घटना की जांच की मांग कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य वन क्षेत्र में की इस विस्तार योजना को आदिवासी समुदाय से तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी.
बिलक़ीस बानो के बलात्कार के दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि समय से पहले दोषियों को रिहा करने से पहले अपराध की गंभीरता पर विचार किया जाना चाहिए.
मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने बहादुरी से पुलवामा का पर्दाफाश किया. किसान उनके साथ हैं. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे मलिक ने द वायर के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि पुलवामा आतंकी हमला सरकारी ग़लती के चलते हुआ था.
51 शक्तिपीठों में से एक मां शारदा मंदिर सतना ज़िले के मैहर में है. सरकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि मैहर में मांस-मदिरा की दुकानें हटाई जाएंगी. दोनों आदेश कथित तौर पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समर्थकों द्वारा जनवरी में संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर से संपर्क किए जाने के बाद जारी किए गए हैं.
घटना उन्नाव की है. ख़बरों के अनुसार, फरवरी 2022 में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई नाबालिग दलित लड़की ने एक बेटे को जन्म दिया था. पीड़िता की मां के अनुसार, बलात्कार का मामला वापस लेने से इनकार करने के बाद ज़मानत पर बाहर दो आरोपियों ने बच्चे को ख़त्म करने के उद्देश्य से उनके घर में आग लगा दी.
वीडियो: अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस सुरक्षा के बीच मीडिया के सामने हुई हत्या की पूरी कहानी क्या है? इसे लेकर सरकार और पुलिस मशीनरी पर लगातार सवाल क्यों उठ रहे हैं?
अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्या को लेकर वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा कि 'पुलिस एनकाउंटर में मौत के मामले पहले भी हुए हैं, लेकिन शायद यह पहली बार है जब पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को किसी तीसरे शख़्स ने मार दिया.'
बिहार: शराबबंदी के 7 साल में ज़हरीली शराब से आधिकारिक तौर पर 199 लोगों की मौत, कोई भी दोषसिद्धि नहीं
बिहार पुलिस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2016 से ज़हरीली शराब के संबंध में 30 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सका है. हाल ही में मोतीहारी ज़िले में जहरीली शराब पीने से 26 लोगों की मौत हुई है. ये आंकड़ा अभी पुलिस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है.
चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि मतगणना में वीवीपैट पर्चियों की गिनती की शुरुआत से ही ईवीएम में मतदाताओं का विश्वास हासिल किया जा सकता है. वीवीपैट प्रणाली के साथ ईवीएम मतदान प्रणाली का सटीक होना सुनिश्चित करते हैं.
एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की किताब में 1973 के आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को अलगाववादी दस्तावेज़ के रूप में चित्रित करने पर आपत्ति जताई गई है. शिरोमणि अकाली दल की ओर से कहा गया है कि प्रस्ताव केवल संवैधानिक ढांचे के भीतर संघवाद को बढ़ावा देने की मांग करता है.