कानपुर देहात ज़िले के मडौली गांव का मामला. परिवार का आरोप है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान जब महिलाएं अंदर थीं तो पुलिस ने उनकी झोपड़ी में आग लगा दी. पुलिस का दावा है कि दोनों ने ख़ुद को आग लगा ली. मामले में एसडीएम, थानाध्यक्ष, चार लेखपालों, एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों सहित 39 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.
सरकार ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से लोकसभा में बताया है कि वर्ष 2019-21 की तीन साल की अवधि में आत्महत्याओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. 2019 में 1,39123 लोगों ने आत्महत्या की थी, 2020 में यह 1,53,052 हो गई और 2021 में बढ़कर 1,64,033 हो गई.
मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम ज़िले के चौकीपुरा गांव का मामला. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. उपद्रवियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए टीमें गठित की गई हैं.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन आयोग के गठन के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं में कहा गया था कि परिसीमन की कवायद संविधान की भावनाओं के विपरीत की गई थी और इस प्रक्रिया में सीमाओं में परिवर्तन तथा विस्तारित क्षेत्रों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए था.
अधिवक्ता शाहिद आज़मी की 11 फरवरी 2010 को मुंबई के कुर्ला उपनगर में उनके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना के समय वह मालेगांव 2006 बम विस्फोट, 7/11 ट्रेन विस्फोट मामले, औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामले और घाटकोपर विस्फोट मामले में कई आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
मेडिकल जर्नल ‘द लांसेट’ में प्रकाशित तीन शोधपत्रों की शृंखला में कहा गया है कि दूध कंपनियां अपने उत्पादों को बेचने के लिए लैंगिक राजनीति के दांव-पेच भी अपनाती हैं. इसमें भ्रमित करने वाले दावों और राजनीतिक हस्तक्षेप से निपटने के लिए तुरंत सख़्त कार्रवाई की अपील की गई है.
साल 2012 में भाजपा के दिवंगत नेता और पूर्व क़ानून मंत्री अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम में सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों की नियुक्ति के चलन पर सवाल उठाए थे. इसी कार्यक्रम में मौजूद भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद दो सालों (नियुक्ति से पहले) का अंतराल होना चाहिए वरना सरकार अदालतों को प्रभावित कर सकती है और एक स्वतंत्र, निष्पक्ष न्यायपालिका कभी भी वास्तविकता नहीं बन पाएगी.
समाचार वेबसाइट स्क्रॉल के रिपोर्टर ज़फ़र आफ़ाक़ ने बीते दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर से एक रिपोर्ट की थी, जिसमें बजरंग दल के सदस्यों द्वारा मुस्लिम युवकों पर हमले और पुलिस कार्रवाई में भेदभाव की बात कही गई थी.
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत डॉ. बीआर आंबेडकर के क़ानून मंत्री के पद से त्याग-पत्र की प्रमाणित प्रति मांगी गई थी. याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रपति सचिवालय में इस संबंध में आवेदन किया था, लेकिन इन कार्यालयों ने इस संबंध में आधिकारिक दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी है.
एक पत्रकारिता सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा कि निष्पक्ष आलोचना प्रत्येक व्यक्ति और पत्रकार का अधिकार है. मुझे सरकार की नीतियों और कृत्यों पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है. अगर मैं ऐसा करता हूं तो यह राजद्रोह नहीं है.
पिछले दिनों हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में अपने भाषण में अडानी समूह का उल्लेख करते हुए सरकार एवं प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया था. संसद के दोनों सदनों में उनके भाषण के कई अंशों को कार्यवाही से हटा दिया गया था.
महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक स्थानीय दैनिक अख़बार में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भू-एजेंट पंढरीनाथ आंबेरकर से संबंधित ख़बर लिखने वाले पत्रकार शशिकांत वारिशे को बीते छह फरवरी को एक एसयूवी ने टक्कर मार दी थी और अगले दिन अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी. आरोप है कि उक्त एसयूवी को आंबेरकर चला रहा था.
जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 2019 के ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा रहे थे. उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. उनसे पहले पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य बनाया गया था, जबकि जस्टिस अशोक भूषण को उनकी सेवानिवृत्ति के चार महीने बाद राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
विहिप समेत कई कई हिंदुत्ववादी दक्षिणपंथी संगठनों की एकीकृत संस्था सकल हिंदू समाज की ओर से प्रदर्शन के दौरान कहा गया कि आरे कॉलोनी में स्थित राम मंदिर के पास एक क़ब्रिस्तान के निर्माण से हिंदू दुखी हैं.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत केंद्र द्वारा 14 राज्यों को 6,157 करोड़ रुपये का बकाया देना बाकी है. इनमें 8 राज्य विपक्ष शासित हैं. लगभग 2,700 करोड़ रुपये अकेले पश्चिम बंगाल को देना बाकी है.