पंजाब में मची राजनीतिक खींचतान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के कामकाज को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि विडंबना है कि जिन्हें पार्टी हाईकमान अपना ख़ासमख़ास समझती थी, वे पार्टी छोड़कर चले गए लेकिन जिन्हें वे ख़ास नहीं मानते थे, वे आज भी साथ खड़े हैं.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच दिल्ली में ‘फैबीफ्लू’ नाम की दवाई की किल्लत होने पर पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने 21 अप्रैल को घोषणा की थी कि उनके संसदीय क्षेत्र के लोग उनके दफ़्तर से निशुल्क यह दवा ले सकते हैं. इसके बाद सोशल मीडिया सहित राजनीतिक हलकों में हुए विरोध और दवा की जमाखोरी के आरोपों के बाद उनके ख़िलाफ़ अदालत में याचिका दायर की गई थी.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ़्तिख़ारुद्दीन द्वारा कथित रूप से अपने सरकारी आवास में धार्मिक सभा आयोजित कर इस्लाम के मूल्यों पर चर्चा किए जाने का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है. इसकी जांच के लिए प्रशासन ने एक एसआईटी गठित की है.
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने युवाओं से भूमि, फसल और आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश को युवाओं द्वारा क्रांति की ज़रूरत है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को भगत सिंह की जयंती के मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम में देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत की. नर्सरी से कक्षा बारहवीं तक के इस पाठ्यक्रम में अलग-अलग उम्र के विद्यार्थियों के लिए तीन श्रेणियों में हैंडबुक दी गई हैं, जिनमें स्वतंत्रता सेनानियों की सौ कहानियां शामिल हैं.
आरोप है कि गोरखपुर में एक होटल में देर रात हुई चेकिंग के दौरान पुलिस द्वारा पीटे जाने के चलते कानपुर निवासी एक व्यवसायी की मौत हुई है. वहीं, पुलिस का दावा है कि नशे की हालत में ज़मीन पर गिरने से पीड़ित के सिर में चोट आई थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई.
चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने छत्तीसगढ़ पुलिस अकादमी के निलंबित निदेशक गुरजिंदर पाल सिंह की अपील पर यह टिप्पणी की. सिंह ने जबरन उगाही के आरोप में तीसरी एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद दंडात्मक कार्रवाई से बचाव का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
दिल्ली की एक अदालत को बताया गया कि दंगों संबंधित मामले में नासिर अहमद नाम के व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज केस की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है और यहां तक कि प्राथमिकी में नामजद लोगों से पूछताछ भी नहीं हुई है. इस पर कोर्ट ने को फटकारा. बीते कुछ समय में अदालत दिल्ली दंगों के विभिन्न मामलों से निपटने के तरीके को लेकर पुलिस पर कई बार सवाल उठा चुकी है.
ग्रामीण भारत में कृषक परिवारों की स्थिति को लेकर हाल ही में एनएसओ द्वारा जारी किए गए एक सर्वे के मुताबिक़, देश के 17.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 44.4 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी से हैं.
भारत में लगातर दूसरे दिन कोविड-19 के बीस हज़ार से कम नए मामले सामने आए हैं. देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,37,16,451 हो गई है और अब तक 4,47,751 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, दुनियाभर में संक्रमण के मामले 23.27 करोड़ से अधिक हो गए हैं और 47.65 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आई ढेरों रिपोर्ट्स में एक समान बात यह है कि भारत में नरेंद्र मोदी के शासन में मानवाधिकार समूहों पर दबाव बढ़ा है, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को धमकाया गया है और मुसलमानों के प्रति घृणा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इस तरह के अभियान की प्रेरणा जो भी हो, मानवाधिकारों के इन उल्लंघनों के बारे में कुछ करने की ज़रूरत है.
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार के साथ गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस से जुड़ गए हैं. बताया गया है कि विधायक होने के कारण कुछ तकनीकी मुद्दों के मद्देनज़र वे कुछ समय बाद औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता लेंगे.
पेगासस प्रोजेक्ट के तहत मिले दस्तावेज़ दिखाते हैं कि 2019 में जिन भारतीय नंबरों को वॉट्सऐप ने हैकिंग को लेकर चेताया था, वे उसी अवधि में में चुने गए थे जब वॉट्सऐप के मुताबिक़ पेगासस स्पायवेयर ने इस मैसेजिंग ऐप की कमज़ोरियों का फायदा उठाते हुए उसके यूज़र्स को निशाना बनाया था.
नवजोत सिंह सिद्धू ने इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था. अपने त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के चरित्र का पतन समझौतों से शुरू होता है और वे पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याण के एजेंडा को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वे पार्टी में बने रहेंगे.
दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से कहा गया कि फ़रवरी 2020 में देश की राष्ट्रीय राजधानी को हिला देने वाले दंगे स्पष्ट रूप से पल भर में नहीं हुए और वीडियो फुटेज में मौजूद प्रदर्शनकारियों के आचरण से यह स्पष्ट रूप से पता चलता है. यह सरकार के कामकाज को अस्त-व्यस्त करने के साथ-साथ शहर में लोगों के सामान्य जीवन को बाधित करने के लिए सोचा-समझा प्रयास था.