कार्यकर्ता और पत्रकार गौरी लंकेश की 5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु स्थित उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके परिवार और कार्यकर्ता मुकदमे की धीमी गति से नाखुश हैं. उन्होंने मामले की रोज़ाना के आधार पर सुनवाई के लिए एक विशेष फास्ट-ट्रैक अदालत की मांग की है.
हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करने वाली एडिटर्स गिल्ड की फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने रिपोर्ट में 'इंटरनेट बैन' को ग़लती बताते हुए कहा था कि हिंसा के दौरान मणिपुर मीडिया ‘मेईतेई मीडिया’ बन गया था. अब सीएम एन. बीरेन सिंह का कहना है कि सरकार ने गिल्ड सदस्यों पर एफआईआर दर्ज की है, जो 'राज्य में और संघर्ष पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.'
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने पिछले महीने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया था. टीम द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर सरकार द्वारा इंटरनेट बैन का पत्रकारिता पर हानिकारक प्रभाव पड़ा, क्योंकि बिना किसी संचार के एकत्र की गईं स्थानीय ख़बरें स्थिति का संतुलित दृष्टिकोण देने के लिए पर्याप्त नहीं थीं.
कश्मीर में पत्रकारों और रिपोर्टिंग की स्थिति पर बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में घाटी के कुछ पत्रकारों और संपादकों से बातचीत की है, जिन्होंने बताया है कि घटनाओं की रिपोर्टिंग को लेकर अधिकारियों द्वारा बनाए गए ‘डर और धमकी’ के माहौल के कारण वे ‘घुटन’ महसूस करते रहे हैं.
ऑल्ट न्यूज़ के पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर पर मुज़फ़्फ़रनगर के स्कूल के मुस्लिम छात्र को साथी छात्रों द्वारा पीटने संबंधी वीडियो साझा कर छात्र की पहचान ज़ाहिर करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. ज़ुबैर ने इसे 'बदले की राजनीति' बताते हुए कहा है कि उन्होंने एनसीपीसीआर के कहने के बाद उक्त वीडियो हटा दिया था.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय विमेन प्रेस कोर, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने कहा कि 'द कश्मीर वाला' के ख़िलाफ़ सरकार की कार्रवाई 'प्रेस की आज़ादी की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है.'
वीडियो: श्रीनगर से संचालित होने वाली 'द कश्मीरवाला' न्यूज़ वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है और इसके ट्विटर और फेसबुक पेज भी ब्लॉक हो चुके हैं. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से सूबे में मीडिया के क्या हालात हैं, बता रहे हैं अजय कुमार.
स्वतंत्र मीडिया संस्थान ‘द कश्मीर वाला’ के संस्थापक-संपादक फहद शाह आतंकवाद के आरोप में 18 महीने से जम्मू जेल में बंद हैं, जबकि इसके ट्रेनी पत्रकार सज्जाद गुल भी जनवरी 2022 से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में जेल में बंद हैं. संस्थान ने एक बयान में कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के अलावा उन्हें श्रीनगर में अपने मकान मालिक से दफ़्तर ख़ाली करने का नोटिस भी मिला है.
घटना जलगांव ज़िले की है, जहां के पचोरा शहर के एक पत्रकार संदीप महाजन ने आठ वर्षीय लड़की के रेप और हत्या की हालिया घटना के बारे में बनाए गए वीडियो में सीएम एकनाथ शिंदे की आलोचना की थी. इसके कुछ दिन बाद उन पर शिंदे गुट के विधायक किशोर पाटिल के सहयोगियों द्वारा हमला किया गया.
आरएसएस की साप्ताहिक पत्रिका 'ऑर्गनाइज़र' ने जून में प्रकाशित एक लेख में दिल्ली के एक ईसाई स्कूल के प्रिंसिपल पर ननों, विद्यार्थियों के शोषण समेत कई आरोप लगाए थे. इसे हटाने का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया लेख को 'किसी तथ्यात्मक सत्यापन के बग़ैर लापरवाह तरीके से' प्रकाशित किया गया.
पुलिस ने बताया कि घटना बिहार के अररिया ज़िले के रानीगंज थाना क्षेत्र के प्रेमनगर गांव में हुई. पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में घटना का कारण मृतक का अपने पड़ोसी के साथ पुरानी रंज़िश बताई जा रही है. दैनिक जागरण ने पत्रकार को अररिया का संवाद सूत्र बताया है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में प्रकाशित दावों के आधार पर ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक को भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हमलों का सामना करना पड़ रहा है. इस रिपोर्ट के आधार पर बीते दिनों भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि कांग्रेस नेताओं और न्यूज़क्लिक को ‘भारत विरोधी’ माहौल बनाने के लिए चीन से धन मिला है.
एक याचिका सुनते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि समाचार चैनलों के लिए न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल एसोसिएशन का स्व-नियामक तंत्र अप्रभावी है और वे टीवी चैनलों के विनियमन के लिए दिशानिर्देश जारी करेंगे.
न्यूज़क्लिक का ट्विटर एकाउंट ऐसे समय में निलंबित किया गया है, जब कुछ ही दिन पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस पर 'चीनी प्रोपेगेंडा' प्रकाशित करने का आरोप लगाया था. न्यूज़क्लिक की तरफ से बताया गया है कि उन्हें ट्विटर हैंडल के सस्पेंड होने के बारे में सूचित करने वाला कोई ईमेल नहीं मिला.
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के एएसआई सर्वे के मीडिया कवरेज पर रोक की मांग की याचिका पर वाराणसी की अदालत ने एएसआई के साथ-साथ मंदिर और मस्जिद पक्षों से कहा कि वे सर्वे के बारे में मीडिया से बात न करें.