सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एशिया-पैसिफिक इंस्टिट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अगर न्यूज़ चैनल ऐसे मेहमानों को आमंत्रित करते हैं, जो ध्रुवीकरण कर रहे हैं, झूठी ख़बरें फैलाते हैं और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते हैं, तो चैनल की विश्वसनीयता कम हो जाती है.
नवंबर 2020 में ज़ी न्यूज़ पर प्रसारित एक कार्यक्रम में जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद के पिता का साक्षात्कार दिखाया गया था, जिसमें उन्होंने शेहला पर आतंकी फंडिंग से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था. शेहला ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की है कि चैनल बिना शर्त माफ़ी मांगे.
अक्टूबर 2020 में हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को बीते हफ्ते उन्हें सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिली है. जेल अधिकारियों ने उनकी रिहाई से इनकार करते हुए कहा है कि उनके ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एक मामला लंबित है.
'असमिया प्रतिदिन' में काम करने वाले बनजीत ठाकुरिया 7 सितंबर को एक रेस्तरां में लगी आग की घटना को कवर करने गए थे, जहां उनके साथ कुछ लोगों ने मारपीट की. जब वे इसकी शिकायत दर्ज करवाने पुलिस थाने गए, तब उन्हें ही हिरासत में ले लिया गया.
आयकर विभाग द्वारा इंडिपेंडेंट एंड पब्लिक-स्पिरिटेड मीडिया फाउंडेशन और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के कार्यालयों में 'सर्वे' के बाद दोनों संस्थानों ने नियमों के दायरे में काम करने की बात कही है. वहीं, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए आलोचकों की आवाज़ दबाने का सरकारी प्रयास क़रार दिया है.
बुधवार को आयकर विभाग द्वारा इंडिपेंडेंट एंड पब्लिक-स्पिरिटेड मीडिया फाउंडेशन, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च और ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालयों में किए गए 'सर्वे' की निंदा करते हुए विभिन्न स्वतंत्र डिजिटल मीडिया संस्थानों के संगठन डिजीपब ने कहा कि यह स्वतंत्र पत्रकारिता पर लगाम कसने की दमनकारी प्रवृत्ति है.
पंजाब स्थित संगरूर शहर के पत्रकारों का कहना है कि बीते दिनों ब्लैकमेल करने के आरोप में यहां कुछ पत्रकारों की गिरफ़्तारी हुई थी, जिसको आधार बनाकर पुलिस का खुफिया विभाग सभी पत्रकारों को कॉल करने उनसे उनकी निजी और पेशेवर जानकारी मांग रहा है.
बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल था, जिसमें एक महिला से कुछ लोग मारपीट करते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए समाचार चैनल ज़ी हिंदुस्तान ने दावा किया था कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर ज़ुल्म नहीं रुक रहा है. अब फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में पता चला है कि पीड़िता मुस्लिम समुदाय की हैं और इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
गुजरात के राजकोट से प्रकाशित ‘सौराष्ट्र हेडलाइन’ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कामकाज से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नाराज़गी का ज़िक्र करते हुए उनके ख़िलाफ़ यह संभावित क़दम उठाए जाने का संकेत दिया गया था. साल 2020 में एक गुजराती समाचार पोर्टल के संपादक पर कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव देने वाली रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था.
अमेरिकी मीडिया कंपनी वाइस के पत्रकार अंगद सिंह को बुधवार रात दिल्ली में उतरने के तीन घंटे के अंदर वापस भेज दिया गया. उनके परिजनों के अनुसार, वे एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने आए थे, न कि काम के सिलसिले में.
अडानी समूह ने पूर्व में उद्योगपति मुकेश अंबानी से जुड़ी एक कंपनी का अधिग्रहण किया था, जिसने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. अब अडानी समूह की कंपनी ने इस ऋण को समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है.
पिछले सप्ताह भिंड ज़िले के लहार प्रखंड के मारपुरा गांव के हरि सिंह द्वारा उनके वृद्ध पिता को एम्बुलेंस न आने पर ठेले से अस्पताल ले जाने की ख़बर सामने आई थी. इसे 'झूठा और भ्रामक' बताते हुए पुलिस ने ख़बर देने वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
18 अगस्त को अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसके पहले पन्ने पर दिल्ली की शिक्षा-व्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे भाजपा नेताओं ने 'पेड न्यूज़' बताया था. उनके दावों को ख़ारिज करते हुए न्यूयॉर्क टाइम्स ने स्पष्ट किया है कि उनकी रिपोर्ट ‘निष्पक्ष और ज़मीनी रिपोर्टिंग’ पर आधारित है.
नीति आयोग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि आयोग के किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी मीडिया आउटलेट में प्रकाशन के लिए लेख या ऑप-एड भेजने से पहले वरिष्ठ अधिकारियों के मामले में सीईओ, कनिष्ठ अधिकारियों के मामले में उनके संबंधित सलाहकारों से मंज़ूरी लेनी होगी.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि ब्लॉक किए गए भारतीय यूट्यूब चैनल फ़र्ज़ी और सनसनीखेज़ थंबनेल, न्यूज़ एंकर के फोटो और कुछ समाचार चैनल के लोगो का इस्तेमाल कर रहे थे. साथ ही उनके द्वारा प्रसारित सामग्री सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने की क्षमता रखती है.