असमी भाषा का समाचार पोर्टल ‘द क्रॉस करंट’ अपनी एक वीडियो रिपोर्ट को लेकर निशाने पर आया है, जिसमें दो आयोजनों से संबंधित पोस्टर/होर्डिंग्स में मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वा शर्मा की तस्वीरों के अत्यधिक उपयोग पर सवाल उठाए गए थे. इनमें से एक आयोजन ओलंपिक में पदक विजेता मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन को बधाई देने से संबंधित था. विवाद तब शुरू हुआ जब होर्डिंग्स पर मुख्यमंत्री तथा खेल मंत्री की तो तस्वीर थी, लेकिन लवलीना की कोई तस्वीर नहीं थी.
सात देशों के 17 पत्रकारों ने रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के साथ मिलकर एनएसओ ग्रुप के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. संगठन की ओर से कहा गया है कि जांच में उन सभी लोगों की पहचान करनी चाहिए, जो इसमें शामिल थे, फिर चाहे वह कंपनी के कार्यकारी अधिकारी हो या संबंधित देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी. एक ऐसे स्कैंडल में जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता को खामियाजा भुगतना पड़े, किसी तरह का संदेह नहीं रहना चाहिए.
इस साल फरवरी में ईडी ने समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक कार्यालय के साथ-साथ संगठन से जुड़े कई अधिकारियों और पत्रकारों के आवासों पर छापेमारी की थी. ईडी ने कहा था कि छापे कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े थे और एजेंसी विदेश में संदिग्ध कंपनियों से संगठन को प्राप्त धन की जांच कर रही थी. अदालत ने प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ़्तारी से मिली अंतरिम सुरक्षा 17 दिसंबर तक बढ़ा दी है.
साक्षात्कार: हाल ही में आए अपने संस्मरणों के संकलन ‘ग़ाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल’ में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उर्मिलेश ने अपने अनुभवों के माध्यम से देश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों और मीडिया में बरते जाने वाले जातिवादी रवैये को रेखांकित किया है. इस किताब को लेकर उनसे बातचीत.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका में कहा गया कि प्रेस की आज़ादी पत्रकारों की रिपोर्टिंग में सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा हस्तक्षेप नहीं किए जाने पर निर्भर होती है, जिसमें सूत्रों के साथ सुरक्षा व गोपनीयता के साथ बात करने की उनकी क्षमता, सत्ता के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार की जांच, सरकारी अक्षमता का खुलासा करना, और सरकार के विरोध में या विपक्ष से बात करना शामिल है.
इज़रायल के एनएसओ समूह के पेगासस स्पायवेयर से जासूसी के आरोपों के सामने आने के बाद पहली बार इससे प्रभावित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है. पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता, एसएनएम अब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और कार्यकर्ता इप्सा शताक्षी की ओर से ये याचिकाएं दायर की गई हैं. इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और शशि कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.
वीडियो: पेगासस जासूसी मामले में बिहार के स्वतंत्र पत्रकार संजय श्याम का नाम भी शामिल है. इस विषय पर द वायर ने उनसे बातचीत की.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई भारतीय एवं अफ़ग़ान अधिकारियों के हवाले लिखा है कि पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी का शव जब प्राप्त हुआ था तो वह पहचाने जाने लायक नहीं रह गया था. बीते 16 जुलाई को दानिश की मौत अफ़ग़ानिस्तान के कंधार शहर स्पिन बोल्डक में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय हुई थी.
राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के सदस्य गिरराज मीणा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि 23 जुलाई की शाम सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने उन्हें और पूरे आदिवासी समुदाय को गाली दी. यह भी कहा गया कि वे सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने के लिए अराजकता और दंगे फैलाना चाहते हैं.
अमेरिका की एक पत्रिका वाशिंगटन एक्जामिनर के मुताबिक़, तालिबान ने रॉयटर्स के पत्रकार दानिश सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि करने के बाद उन्हें और उनके साथ के लोगों को मारा था. पुलित्जर विजेता दानिश कंधार शहर के स्पिन बोल्डक में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करने गए हुए थे.
स्थानीय अदालत ने एक सोशल मीडिया कंपनी समेत 10 मीडिया घरानों को कोविड-19 दूसरी लहर के दौरान बिस्तर घोटाले के संबंध में भाजपा विधायक सतीश रेड्डी के ख़िलाफ़ ख़बर प्रसारित या प्रकाशित करने से रोक दिया. विधायक ने इंटरनेट पर पहले से मौजूद प्रकाशित खबरों को हटाने का भी अनुरोध किया था.
वीडियो: डीएनए के पूर्व विशेष संवाददाता और स्वतंत्र पत्रकार दीपक गिडवानी का फ़ोन नंबर पेगासस की जासूसी वाली संभावित सूची में शामिल है. इस मुद्दे पर दीपक गिडवानी से द वायर की बातचीत.
वीडियो: पेगासस जासूसी मामले में पंजाबी भाषी अख़बार ‘रोज़ाना पहरेदार’ के एडिटर-इन-चीफ जसपाल सिंह हेरां का नाम भी शामिल है. जसपाल सिंह से इस मामले पर द वायर की बातचीत.
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, जिसमें द वायर भी शामिल है, ने सिलसिलेवार रिपोर्ट्स में बताया है कि देश के केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, एक मौजूदा जज, कई कारोबारियों व कार्यकर्ताओं सहित 300 से अधिक भारतीय फोन नंबर उस लीक डेटाबेस में शामिल थे, जिनकी पेगासस से हैकिंग की गई या वे संभावित निशाने पर थे.
साक्षात्कार: झारखंड के रामगढ़ में रहने वाले स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह और उनसे जुड़े तीन फोन नंबर पेगासस स्पायवेयर द्वारा जासूसी की संभावित सूची में शामिल हैं. इस बारे में रूपेश कुमार सिंह से बातचीत.