पूर्व आईएएस अधिकारी ईएएस सरमा ने भारतीय निर्वाचन आयोग को बीते 22 मार्च को एक पत्र लिखकर शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अपने भाषण में 'हिंदू धर्म की आस्था' के नाम पर वोट की अपील करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्हें आयोग की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है.
साक्षात्कार: डाॅ. रामबहादुर वर्मा जाने-माने राजनीति विज्ञानी, लेखक व स्तंभकार हैं, जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति के दो टूक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं. 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र उनसे बातचीत.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया. उनकी विचारधारा एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरित है.
यह शायद पहली बार था जब कश्मीर के सबसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान में सेना सीधे तौर पर किसी राजनीतिक विषय पर कोई कार्यक्रम प्रायोजित कर रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना मामले में बीते वर्ष 2 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसके दो दिन बाद ही बॉन्ड बिक्री के अगले चरण की घोषणा कर दी गई. सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसके बाद हुई 29वें और 30वें चरण की बिक्री में क्रमश: 99% और 94% बॉन्ड 1 करोड़ रुपये मूल्यवर्ग वाले बेचे गए.
झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और शिबू सोरेन परिवार की बहू सीता सोरेन के भाजपा में शामिल होने के कुछ घंटों बाद ही मांडू से भाजपा विधायक और विधानसभा में पार्टी के सचेतक जयप्रकाश भाई पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए. उनका नाम कुछ दिनों पहले भाजपा विधायक दल का नेता बनाए जाने के लिए भी उछला था.
चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले शीर्ष पांच समूहों/कंपनियों में से तीन ने सबसे अधिक चंदा भारतीय जनता पार्टी को दिया, जबकि दो ने अपने चंदे का सबसे बड़ा हिस्सा तृणमूल कांग्रेस को दिया.
लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के समर्थन में एकजुट होकर 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से संपर्क करते हुए आरोप लगाया कि उनकी गिरफ़्तारी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का घोर और दुस्साहसिक दुरुपयोग, जिसका चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ता है.
कांग्रेस को सबसे ज़्यादा चंदा देने वालों में वेदांता (125 करोड़ रुपये), वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड (110 करोड़ रुपये) और एमके जालान समूह की कंपनियां (69.35 करोड़ रुपये) हैं.
बीआरएस को चंदा देने वालों में एक दिलचस्प नाम किटेक्स गारमेंट्स का सामने आया है, जिसने केरल में ट्वेंटी-ट्वेंटी नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी और साल 2022 में अरविंद केजरीवाल ने इसके साथ गठबंधन का ऐलान भी किया था.
भारत राष्ट्र समिति की एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में उनकी गिरफ़्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनकी याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ को ही केजरीवाल की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर भी सुनवाई करनी थी.
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, पीसी मोहन और शोभा करंदलाजे ने नागरथपेटे में एक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जो बीते 17 मार्च की एक घटना को लेकर था. सांसदों का आरोप है कि अज़ान के दौरान हनुमान चालीसा बजाने पर एक हिंदू दुकानदार पर हमला किया गया, जबकि स्थानीय भाजपा विधायक ने घटना के सांप्रदायिक होने से इनकार कर दिया था.
चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सबसे अधिक चंदा पाने वालों में भाजपा के बाद तृणमूल कांग्रेस का नंबर आता है. इसे कुल 1609.53 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसका एक तिहाई हिस्सा (542 करोड़ रुपये) लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने दिया.
चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए नवीनतम डेटा के अनुसार, भाजपा ने 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच कुल 6060.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी के बाद विपक्ष के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्ष से लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की बजाय भाजपा जांच एजेंसियों की आड़ से चुनाव लड़ना चाहती है.