दिल्ली विश्वविद्यालय ने घरेलू परीक्षाओं को 'ओपन बुक एग्जाम' मोड में लेने के निर्देश दिए हैं, जिसके लिए तकनीकी संसाधन अनिवार्य हैं. लेकिन असमान वर्गों से आने वाले छात्रों के पास ये संसाधन हैं, यह कैसे सुनिश्चित किया गया? अगर विश्वविद्यालय ने उन्हें दाखिले के समय लैपटॉप या स्मार्ट फोन मुहैया नहीं करवाया तो वह इनके आधार पर परीक्षा लेने की बात कैसे कर सकता है?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,06,750 हो गई है. सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 37 हज़ार से अधिक हो गया है और 1300 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
इतिहास से अगर कुछ साबित होता है तो सिर्फ़ यही कि आधुनिक राज्य आम तौर पर हुकूमत करने के लिए और ख़ास तौर पर दमन करने के लिए जो तरीके अपनाता है, किस तरह उनकी जड़ें महामारियों से निपटने के उपायों तक भी जाती हैं.
कोविड-19 लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने सात मई से ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत की है, लेकिन इस मिशन की सूची में श्रीलंका का नाम न होने से वहां करीब दो महीनों से फंसे भारतीयों में नाराज़गी है.
पालघर लिंचिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर मामलों को रद्द करने के साथ सीबीआई को सौंपने की मांग वाली रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है.
16 मई को उत्तर प्रदेश के औरैया में हुई सड़क दुर्घटना में 26 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गई थी, जिनमें 11 झारखंड और बाकी पश्चिम बंगाल से थे. इन्हें उनके गृह राज्यों में भेजे जाने की तस्वीरों में ट्रक के एक कोने में मज़दूर बैठे दिखते हैं और दूसरे कोने में शव रखे नज़र आते हैं.
सीतामढ़ी ज़िले में एक क्वारंटीन सेंटर में अव्यवस्थाओं के लेकर हुए प्रवासी मज़दूरों के हंगामे की ख़बर करने वाले पत्रकार पर प्रशासन की ओर से मामला दर्ज करवाते हुए कहा गया है कि पत्रकार ने मज़दूरों को उकसाया था. बेगूसराय में भी एक स्थानीय पत्रकार के ख़िलाफ़ एफआईआर हुई है.
दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी से अब तक 3.18 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 48 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने शॉपिंग मॉल और बाज़ारों को खोलने का आदेश दिया.
गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को आदेश जारी कर कहा था कि सभी नियोक्ताओं को लॉकडाउन के दौरान अपने श्रमिकों की सैलरी में कोई कटौती किए बिना पूरी सैलरी देनी होगी.
लॉकडाउन के समय काम न होने से निम्न आर्थिक वर्ग के लोगों के पास न पैसा है न ही कमाई का अन्य कोई साधन. बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के बासमनपुर पंचायत के मुसहर टोले का हाल भी यही है. यहां के रहवासियों का कहना है कि रोजी-रोटी नहीं है और अब भुखमरी जैसे हालात बन रहे हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लिए लॉकडाउन के दिशानिर्देशों को जारी करते हुए कहा कि केवल 20 यात्रियों के साथ बसों का संचालन किया जाएगा जबकि मेट्रो ट्रेन, कॉलेज, शॉपिंग मॉल और स्विमिंग पूल बंद रहेंगे.
कोरोना संकट से बढ़ती बेरोजगारी में मनरेगा रोजगार गारंटी योजना ही एकमात्र सहारा रह गया है. लोगों को रोजगार देने की उचित नीति नहीं होने के कारण मोदी सरकार को अपने कार्यकाल में मनरेगा का बजट लगभग दोगुना करना पड़ा है और हाल ही में घोषित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये को जोड़ दें तो ये करीब तीन गुना हो जाएगा.
केंद्र सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जीडीपी का करीब 10 फीसदी है लेकिन इससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाला भार जीडीपी का करीब एक फीसदी ही है. यानी कि केंद्र इतनी ही राशि खर्च करेगा. सरकार ने अधिकतर राहत कर्ज या कर्ज के ब्याज में कटौती के रूप में दी है.
दिल्ली में रह रहे बिहार के प्रवासी श्रमिक रामपुकार पंडित की मोबाइल फोन पर बात करते रोते हुए तस्वीर बीते दिनों सुर्ख़ियों में रही थी. उनके बेटे की मौत हो गई है और वे अब तक परिवार से नहीं मिल सके हैं.
देश में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 96,169 हो गए हैं, जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर तीन हज़ार से अधिक हो गई है.