गांव बचेगा तो गाय बचेगी

शहर की भीड़ हर रोज़ और बढ़ रही है. गांव को अपने भीतर लील रही है. इंसान का ही रहना यहां मुहाल है. गाय को बचाने का तो बस बवाल है.

वीडियो: आइए, भारत में रह रहे अफ्रीकी छात्रों को सुनते हैं…

बीते दिनों ग्रेटर नोएडा में नाइजीरियाई छात्रों पर हुए हमले की अफ्रीकी छात्रों के संगठन एसोसिएशन आॅफ अ​फ्रीकन स्टूडेंट्स इन इंडिया (एएएसआई) ने कड़ी निंदा की.

सभ्य समाज में मूल अधिकारों के लिए बंदूकों की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए: गांधी

इतिहासकार सुधीर चंद्र ने अपनी किताब ‘गांधी: एक असंभव संभावना ‘में गांधी के विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला है.

कथित गोरक्षकों की गुंडागर्दी, राजस्थान में एक की मौत

अलवर में विहिप और बजरंग दल से जुड़े लोगों ने गाय ले जाने वालों पर हमला कर दिया. गाय ख़रीदे जाने के दस्तावेज़ दिखाने के बाद भी बुरी तरह पीटा.

जन गण मन की बात: अफ्रीकी छात्रों पर नस्लीय हमला और भारतीय युवा, एपिसोड 28

जन गण मन की बात की 28वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ अफ्रीकी छात्रों पर हमले और भारतीय युवाओं की सोच पर किए गए एक सर्वे की चर्चा कर रहे हैं.

वीडियो: ‘हम होंगे कामयाब’ गीत के पीछे की कहानी

‘हम होंगे कामयाब’ गीत को सुस्मित बोस ने पहली बार किसी भारतीय मंच पर गाया था. इस वीडियो के माध्यम से वे ‘वी शैल ओवरकम’ गाने के हिंदी में बनने और फिर विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुदित होने की कहानी बता रहे हैं.

रामकथा: जगबीती बन चली एक आपबीती

रामकथा का रिश्ता लोकमानस से है, उसके सुख-दुःख, आस-निरास से है. ऐसे में ‘रामकथा क्या है’ जैसे प्रश्न का उत्तर किताबों से ज्यादा लोक व्यवहारों में खोजा जाना चाहिए.

क्या रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर निकालने की योजना बना रही है सरकार?

म्यांमार के 40,000 से ज़्यादा रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं. देश में इनकी सबसे ज़्यादा संख्या कश्मीर में हैं. यहां 10,000 से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं.

अजमेर दरगाह विस्फोट: एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा और इंद्रेश को दी क्लीनचिट

साल 2007 में हुए अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने साध्वी प्रज्ञा और संघ के नेता इंद्रेश कुमार को ​क्लीनचिट दे दी है.

संस्कृति के नाम पर लोगों को आसानी से भड़काया और बरगलाया जा सकता है: अज्ञेय

मुस्लिम मजलिस की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल में भी वही दूषित, संकीर्ण और कठमुल्लई मनोवृत्ति है, और वह एक लौकिक भारतीय समाज और खरी राष्ट्रीयता के विकास में बाधक होगी.

प्रशांत भूषण और सतही ​समझ के धार्मिकों का अधर्म

भारतीय परंपरा और लड़कियों की सुरक्षा की ओट में पुरानी पीढ़ी का आधुनिकता विरोध एक ऐसे सांस्कृतिक साम्राज्यवाद को मज़बूती दे रहा है जो आगे जाकर भारतीय सभ्यता से समन्वयवाद का पूरा सफाया करने में संकोच नहीं करेगा.

क्या सचमुच ‘भूतों’ के पेट में जा रहा है मिड डे मील?

आधार के समर्थन में आई कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि लाखों ‘छात्रों के भूत’ मिड डे मील का लाभ उठा रहे हैं. ये दावे न तो प्रमाणिक हैं, न गंभीर जांच पर आधारित हैं.

छात्रों का विरोध-प्रदर्शन रोकने के लिए जेएनयू पहुंचा हाईकोर्ट

विश्वविद्यालय प्रशासन ने अदालत से प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के अंदर कोई भी विरोध-प्रदर्शन रोकने के लिए निर्देश जारी करने की अपील की है.

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