द वाशिंगटन पोस्ट को एक कनाडाई अधिकारी ने बताया है कि भारतीय राजनयिकों के बीच हुई बातचीत और संदेशों में ‘भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी और रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी’ का उल्लेख है. आरोपों के मुताबिक़, वह ‘वरिष्ठ अधिकारी’ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हैं.
स्मृति शेष: दस सालों तक क़ैद में अलग-थलग और कठोरतम जीवन परिस्थितियों के बीच भी जीएन साईबाबा की जिजीविषा और हौसला अटूट रहा. शायद इन्हीं जीवन मूल्यों के सहारे उन्होंने सदियों से उत्पीड़ित समुदायों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए अपनी असंदिग्ध प्रतिबद्धता को कायम रखा होगा.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: कृष्ण कुमार की ‘थैंक यू गांधी’ कई बार संस्मरणात्मक लगते हुए भी आज के भारत के बारे में है. उसमें कथा, कथा-इतर गद्य, स्मृतियां, आत्मवृतांत, विचार-विश्लेषण आदि सबका रसायन बन गया है और उनमें पाठक की आवाजाही सहज ढंग से होती चलती है.
पुडुचेरी की अनौपचारिक उर (ग्राम) पंचायतें मछुआरों के कारोबार से लेकर विवाह और इससे जुड़े झगड़ों तक के निपटान के लिए ज़िम्मेदार हैं. हालांकि इनकी सदस्यों में स्त्रियां नहीं थीं, न ही उनकी सुनी जा रही थी. पर अब धीमी रफ़्तार से परिवर्तन आ रहा है.
पुण्यतिथि विशेष: डॉ. राममनोहर लोहिया के संसदीय जीवन की विडंबना पर जाएं, तो अल्पज्ञात व अचर्चित होने के बावजूद उनमें सबसे बड़ी यह है कि अपने अंतिम दिनों में वे लोकसभा में जिस कन्नौज सीट का प्रतिनिधित्व करते थे, अपने निधन के बाद आए हाईकोर्ट के फैसले में उसे हार गए थे.
जम्मू-कश्मीर में 2022 में चुनावी क्षेत्रों के पुनर्निधारण के लिए परिसीमन की प्रक्रिया की गई थी, जिसके बाद जम्मू में विधानसभा सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 हो गई थी. हालांकि, चुनावी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि भाजपा को इससे कोई ख़ास लाभ नहीं हुआ.
जम्मू-कश्मीर चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों के चलते तीसरे मोर्चे के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन परिणाम उलटे रहे और भाजपा के 'प्रॉक्सी' बताए जा रहे इनमें से कई उम्मीदवारों के लिए ज़मानत बचाना भी मुश्किल हो गया.
चुनावी मैदान में जीत विनेश की लड़ाई का अंत नहीं है. यह दरसअल शुरुआत है. जिन आकांक्षाओं को लेकर उन्हें बतौर खिलाड़ी अपना करिअर शिखर पर छोड़कर राजनीति का रुख़ करना पड़ा, उन सपनों को पूरा करने का रास्ता अब आरंभ होता है.
बीते महीने एल्गार परिषद मामले के आरोपियों की सूची से फादर स्टेन स्वामी का नाम हटाए जाने की अपील वाली याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के सामने आई थी, जब जस्टिस मोहित-डेरे ने सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: इस समय गांधी सच्चे प्रतिरोध, प्रगतिशीलता, अध्यात्म और सच-प्रेम-सद्भाव-न्याय पर आधारित राजनीति के सबसे उजले प्रतीक हैं. उनकी मूल्यदृष्टि को पुनर्नवा कर भारत की बहुलता, उसकी आत्मा और अंतःकरण बचाए जा सकते हैं.
प्रभुत्ववान जातियों द्वारा मछुआरी औरतों का शारीरिक शोषण एक सामान्य घटना थी. भले वे ब्राह्मण हों, यादव या कोई और, पुरुषों की जाति और धन की शक्ति सुनिश्चित करती थी कि शोषित औरतें उत्पीड़न को उजागर न करें.
सेना में जवानों की अल्पकालिक भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ' योजना, दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर डटे किसान और राजधानी में ही पुलिस द्वारा घसीटे गए प्रदर्शनकारी पहलवानों के मुद्दों की हरियाणा के मौजूदा विधानसभा चुनावों में गहरी छाप नज़र आती है.
अमित बागड़ी ने बचपन में एक बार अनजाने में ब्राह्मणों के कुएं से पानी पी लिया था. उन्हें तुरंत उस कुएं से दूर रहने की हिदायत दी गई. तब से वे कभी उस कुएं पर नहीं गए.
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से बग़ावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले 5 उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कई सीटों पर बाग़ियों ने भाजपा का खेल बिगाड़ा था. नतीजतन, पार्टी बहुमत से दूर रह गई थी. इस बार भी कम से कम 18 सीटों पर भाजपा के बाग़ी निर्दलीय मैदान में हैं.
दशक भर पहले गुड़गांव के मानेसर स्थित मारुति फैक्ट्री में प्रबंधन और मज़दूरों के बीच हिंसक हुए विवाद में एक अधिकारी की मौत हो गई थी. इसके बाद करीब ढाई हज़ार मज़दूरों को मनमाने तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया था. वे आज तक नौकरी बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं.