एक रिपोर्ट के अनुसार, मनरेगा योजना के तहत काम की मांग पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ गई है. सितंबर तक योजना के तहत काम चुनने वाले व्यक्तियों की संख्या भी एक साल पहले की तुलना में इस साल 4.6 प्रतिशत बढ़कर लगभग 19 करोड़ हो गई है.
बीते दिनों संजय गांधी अस्पताल में एक महिला की सर्जरी के बाद मौत को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था. अस्पताल का संचालन कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति द्वारा उनकी अलग हुई पत्नी पर तलाक़ के बिना दूसरी शादी करने की शिकायत पर दर्ज मामले की कार्यवाही को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि हिंदू विवाह क़ानून के तहत सप्तपदी बेहद ज़रूरी है, लेकिन मौजूदा मामले में इस साक्ष्य की कमी है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को किसी आरोपी की गिरफ़्तारी के लिखित आधार की एक प्रति उसे बिना किसी अपवाद के प्रदान की जानी चाहिए. मामले में एजेंसी के कामकाज की आलोचना करते हुए अदालत ने कहा कि ईडी के आचरण में ‘मनमानेपन की बू आ रही है’.
बीते महीने ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बच्चूभाई मगनभाई खाबड़ ने बताया था कि गुजरात में कुल 31,61,310 बीपीएल परिवारों की पहचान की गई है. इनमें 16,28,744 परिवार बेहद ग़रीब और 15,32,566 परिवार ग़रीब की श्रेणी में हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में बीपीएल श्रेणी में परिवारों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ रही है.
गुजरात के अहमदाबाद शहर स्थित एक निजी स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम के तहत हिंदू छात्रों को कथित तौर पर नमाज़ पढ़ने के लिए कहे जाने के बाद हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. स्कूल ने माफी मांगते हुए कहा है कि कार्यक्रम का उद्देश्य केवल छात्रों को विभिन्न धर्मों की प्रथाओं के बारे में जागरूक करना था.
पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर ज़िले का मामला. लोढ़ा शाबर समुदाय से आने वाले 12 वर्षीय लड़के पर खाना चुराने का आरोप लगाते हुए भीड़ ने कथित तौर पर उन्हें शारीरिक यातनाएं दीं और उनका सिर मुंडवा दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ़्तार किया है, जिनमें एक टीएमसी नेता भी शामिल हैं, जिन पर भीड़ को भड़काने का आरोप है.
ताज़ा घटना बीते 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश संभल ज़िले के दुगावर गांव के एक निजी स्कूल में हुई. छात्र के पिता की शिकायत पर आरोपी शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया गया है. बीते अगस्त महीने में मुज़फ़्फ़रनगर के स्कूल में महिला शिक्षक ने होम वर्क न करने मुस्लिम छात्र को उनके सहपाठियों से थप्पड़ मरवाया था.
हिंदुत्व वॉच के एक अध्ययन के मुताबिक़, हेट स्पीच वाले कार्यक्रमों में से एक तिहाई ( 33%) में स्पष्ट रूप से मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा और 12% में हथियार उठाने का आह्वान किया गया था. लगभग 11% में मुसलमानों के बहिष्कार के आह्वान किए गए.
पुलिस ने बताया कि असम के दीमा हसाओ ज़िले से आदिवासी कुकी समुदाय की नाबालिग लड़की को मेजर और उनकी पत्नी दो साल पहले ट्रांसफर होने के बाद हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में अपने साथ ले गए थे. लड़की को पूरे एक साल तक अमानवीय यातना से गुज़रना पड़ा. उसके पूरे शरीर पर तमाम तरह की चोटों के निशान हैं. उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
पुलिस ने बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुंदर नगरी में एक पूजा पांडाल से प्रसाद चोरी करने के संदेह में एक 26 वर्षीय मानसिक रूप से कमज़ोर युवक को बिजली के खंभे से बांधकर कई घंटों तक लाठियों से पीटा गया, जिससे उनकी मौत हो गई. युवक की पहचान इसार मोहम्मद के रूप में हुई है.
टीबी रोग के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की कमी संबंधी ख़बरों के सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बयान जारी करके इन्हें भ्रामक क़रार दिया है. इसकी आलोचना करते हुए सिविल सोसायटी समूहों ने कहा है कि उनके पास टीबी की दवाएं प्राप्त करने में कठिनाइयों से जूझ रहे रोगियों, रिश्तेदारों और डॉक्टरों की अपीलों की बाढ़ आ गई है.
पटना का मामला. एक साहूकार और उसके सहयोगियों द्वारा दलित महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई, उसके कपड़े उतार दिए गए और उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया. बताया गया है कि महिला ने 1,500 रुपये का क़र्ज़ चुकाने के बाद सूद के और पैसे देने की मांग को ठुकरा दिया था.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले का मामला. सभी प्रभावित लोगों ने शुक्रवार और शनिवार को देसी शराब का सेवन किया था. शराब पीने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें जी मिचलाने, पेट दर्द, चक्कर आने, सांस लेने में तकलीफ़ और दृष्टि कम होने की शिकायत होने लगी. इनमें से दो ने रविवार सुबह दम तोड़ दिया.
जन्मदिन विशेष: रामधारी सिंह दिनकर उन कवियों के लिए सबक थे- आज भी हैं- जो कई बार देश ओर कविता के प्रति अपनी निष्ठाओं की क़ीमत पर ‘अपनी’ सरकार के चारण बन जाते हैं.