नगालैंड के लोगों की मौत पर अमित शाह अपना भ्रामक बयान वापस लेकर माफ़ी मांगेंः कोन्यक यूनियन

नगालैंड में कोन्यक जनजाति का शीर्ष संगठन ‘कोन्यक यूनियन’ ने मोन ज़िले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 नागरिकों के मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावे ‘ग़लत पहचान’ और सुरक्षा बलों द्वारा ‘आत्मरक्षा’ में आम लोगों पर गोली चलाने के तर्क को भी ख़ारिज किया और कहा कि उन्हें कोन्यक और नगालैंड के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए.

मणिपुरः सेना की गोलीबारी से लोगों की मौत पर प्रदर्शन, आफ़स्पा हटाने के लिए पीएम मोदी को ज्ञापन

बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन ज़िले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छह दिसंबर को संसद में कहा था कि सैन्यबल के इशारे पर गाड़ी न रुकने के बाद फायरिंग की गई थी. विभिन्न संगठन उनके इस बयान को झूठ बताते हुए इसकी निंदा कर रहे हैं.

नगालैंड: आफ़स्पा के बावजूद बीते 28 सालों में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन नहीं हुआ

राष्ट्रमंडल देशों में रहने वालों के अधिकारों के लिए काम करने वाली ग़ैर-सरकारी संस्था कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ने हाल ही में सुरक्षा बलों के हाथों 14 नागरिकों की मौत को लेकर राज्य में तत्काल मानवाधिकार आयोग के गठन की मांग की है.

आफ़स्पा के साये में शांति वार्ता संभव नहीं, शाह का बयान ‘गैर-ज़िम्मेदाराना’: एनएससीएन-आईएम

केंद्र के साथ नगा राजनीतिक वार्ता में प्रमुख वार्ताकार एनएससीएन-आईएम ने कहा है कि आफ़स्पा के कारण नगाओं को कई मौकों पर कड़वा अनुभव मिला है. इसने काफ़ी ख़ून बहाया है. ख़ून और राजनीतिक बातचीत एक साथ नहीं चल सकती. वहीं मेघालय में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भी बयान दिया है कि सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों के मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है.

नगालैंड हिंसा: जानिए क्या है पूरा घटनाक्रम

वीडियो: बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने सेना को विशेष अधिकार देने वाले आफ़स्पा हटाने की मांग की है. 

नगालैंड फायरिंगः अंग्रेज़ी अख़बारों ने की आफ़स्पा की आलोचना, सेना के दावों पर सवाल उठाया

नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सुरक्षाबलों द्वारा फायरिंग में नागरिकों की मौत के बाद देश के प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिकों के संपादकीय में आफ़स्पा पर नए सिरे से विचार करने की बात कही गई है, साथ ही केंद्र व सुरक्षाबलों को कटघरे में खड़ा किया गया है.

असम: न्यूज़ पोर्टल के संपादक पर राजद्रोह के आरोप के ख़िलाफ़ पत्रकारों का प्रदर्शन

असम के बराक घाटी के तीन ज़िलों के 150 से अधिक पत्रकारों ने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा को पत्र लिखकर ‘बराक बुलेटिन’ न्यूज़ पोर्टल चलाने वाले पत्रकार अनिर्बान रॉय चौधरी के ख़िलाफ़ सभी आरोपों को रद्द करने की मांग की है. पत्रकारों ने इस घटना को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला बताया.

नगालैंड: घायलों ने गृह मंत्री अमित शाह के दावे को नकारा, कहा- सेना ने सीधे गोली चलाई थी

नगालैंड के मोन ज़िले में सेना की गोलीबारी में 14 आम नागरिकों की मौत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सैन्यबल के इशारे पर गाड़ी न रुकने के बाद फायरिंग की गई. घटना में गंभीर रूप से घायल हुए एक शख़्स ने इससे इनकार किया है. वहीं, डिब्रूगढ़ के अस्पताल ने न केवल दो घायलों, बल्कि उनके परिजनों को भी मीडिया से बात करने से मना किया है.

त्रिपुराः सुप्रीम कोर्ट ने एचडब्ल्यू न्यूज़, दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई

त्रिपुरा में हुई हिंसा के संबंध में मस्जिदों पर हमले और तोड़फोड़ के मामलों को कवर कर रहीं एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क की इन दो महिला पत्रकारों के ख़िलाफ़ एक स्थानीय विहिप नेता की शिकायत पर 14 नवंबर को एफ़आईआर दर्ज की गई थी. शिकायत में दावा किया गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलने के दौरान पत्रकारों ने हिंदू समुदाय और त्रिपुरा सरकार के ख़िलाफ़ भड़काऊ बातें कही थीं.

नगालैंड फायरिंग: एनपीपी नेता अगाथा संगमा ने संसद में की पूर्वोत्तर से आफ़स्पा हटाने की मांग

मेघालय के तुरा से भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी की सांसद अगाथा संगमा ने नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है कि निर्दोष लोगों को आफ़स्पा की वजह से जान गंवानी पड़ी है. अब समय आ गया है कि इस क़ानून को हटाया जाए.

नगालैंड फायरिंग: पुलिस रिपोर्ट में सुरक्षाबलों द्वारा घटना को छिपाने के प्रयास का संकेत मिला

सुरक्षाबलों द्वारा फायरिंग की घटना नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच उस समय हुई, जब कुछ दिहाड़ी मज़दूर 4 दिसंबर की शाम पिकअप वैन से एक कोयला खदान से घर लौट रहे थे. घटना की शुरुआती पुलिस रिपोर्ट में संकेत है कि सुरक्षाबलों द्वारा इस कार्रवाई को संभावित रूप से छिपाने की कोशिश की गई थी.

नगालैंड: सेना की गोलीबारी में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार, सीएम ने आफ़स्पा हटाने की मांग की

बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन ज़िले में सेना की गोलीबारी में 14 आम नागरिकों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और नगालैंड सरकार को नोटिस जारी जारी कर छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इस घटना के विरोध में राज्य का सबसे बड़ा पर्यटन आधारित मनोरंजन कार्यक्रम ‘हॉर्नबिल उत्सव’ को समाप्त कर दिया गया है.

नगालैंड में नागरिकों की हत्याओं के बाद पूर्वोत्तर में आफ़स्पा हटाने की मांग ने फ़िर ज़ोर पकड़ा

बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने सेना को विशेष अधिकार देने वाले आफ़स्पा हटाने की मांग की है. मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने कहा है आफ़स्पा निरस्त किया जाना चाहिए.

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