वीडियो: हाल के दिनों में देश में लगातार बढ़ी सांप्रदायिक हिंसा और तनाव की घटनाओं के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कर्नाटक हाईकोर्ट की एक पीठ सलीम ख़ान नाम के एक शख़्स की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उनके ख़िलाफ़ 2020 में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था. एनआईए के अनुसार, ख़ान अल-हिंद समूह से जुड़े हुए हैं, जो कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल है.
जम्मू कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब के अमृतसर शहर में किसानों ने बिजली की किल्लत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने कहा है कि आग बरसाती गर्मी में 12 घंटे की बिजली कटौती. प्रधानमंत्री मौन, बिजली-कोयला मंत्री गुम!
भारतीय-अमेरिकी सुपरमॉडल और लेखक पद्मा लक्ष्मी ने कई ट्वीट्स कर कहा है कि भारत में ‘व्यापक पैमाने पर मुस्लिम विरोधी’ बयानबाज़ी चल रही है और उन्होंने उम्मीद जतायी कि हिंदू ‘इस डर पैदा करने’ और ‘दुष्प्रचार’ के जाल में नहीं फंसेंगे.
डिजिटल राइट एडवोकेसी ग्रुप एक्सेस नाउ द्वारा जारी नई रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 में दुनियाभर के 34 देशों में लगभग 182 बार इंटरनेट को बाधित किया गया, जो 2020 की तुलना में कुछ अधिक है.
अयोध्या पुलिस के अनुसार, कुछ असामाजिक तत्वों ने मांस के टुकड़े, एक धार्मिक ग्रंथ के कुछ फटे पन्ने और मुस्लिमों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर लिखे गए कुछ पत्रों को शहर की कुछ मस्जिदों और मज़ार के पास फेंककर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी. पुलिस का कहना है कि गिरफ़्तार किए गए लोग ‘हिंदू योद्धा संगठन’ से जुड़े हुए लोग हैं. इसके संचालक हिस्ट्रीशीटर महेश मिश्रा हैं.
बारामूला के एक स्कूल ने 25 अप्रैल को जारी सर्कुलर में शिक्षिकाओं से स्कूल अवधि के दौरान हिजाब पहनने से परहेज़ करने को कहा था. बाद में इसमें संशोधन करते हुए स्कूल ने बताया कि उसने नक़ाब पहनने से मना किया है क्योंकि यह विशेष तौर पर सक्षम बच्चों का स्कूल है और बच्चों को भावभंगिमा के ज़रिये पढ़ाया जाता है.
उत्तर प्रदेश की नोएडा सेक्टर-39 पुलिस ने बताया कि बीते 28 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों का एक समूह एक व्यक्ति को रिहा कराने के लिए थाने आया था, जिस पर बलात्कार का आरोप है. इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो यह मारपीट में बदल गया. आरोपियों ने पुलिसकर्मियों की वर्दी तक फाड़ दी थी. कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिन्हें बाद में ज़मानत मिल गई.
गुजरात हाईकोर्ट की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए भारतीय स्टेट बैंक से कहा कि बैंकिंग नियामक क़ानून कहता है कि 50 पैसे से कम की रकम की गणना नहीं की जानी चाहिए, ऐसे में आप लोगों का उत्पीड़न क्यों कर रहे हैं? यह बैंक प्रबंधक द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के अलावा और कुछ नहीं है.
दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि कोयले की कमी के चलते मेट्रो ट्रेन, अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है. तापमान बढ़ने के साथ दिल्ली में बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावॉट पहुंच गई है. वहीं एनटीपीसी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी को बिजली आपूर्ति करने वाले ऊंचाहार और दादरी बिजली स्टेशन पूरी क्षमता से चल रहे हैं और ‘नियमित’ कोयले की आपूर्ति प्राप्त कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि शाह फ़ैसल ने अपने पिछले सभी ट्वीट डिलीट कर दिए हैं, जो केंद्र सरकार की आलोचना में लिखे गए थे. साथ ही वह सोशल मीडिया पर वर्तमान भाजपा सरकार की नीतियों के प्रबल समर्थक नज़र आ रहे हैं. इन दिनों वह अक्सर अपने ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भाषणों, बयानों और घोषणाओं को साझा कर रहे हैं.
देश में जहां एक तरफ नफ़रत के पैरोकार सांप्रदायिकता की खाई गहरी करने के फेर में हैं, वहीं उनकी भड़काने और उकसाने की तमाम कोशिशों के बावजूद आम देशवासी सांप्रदायिक आधार पर एक दूजे के खून के प्यासे नहीं हो रहे, बल्कि उनके मंसूबों को समझकर जीवन के नए समतल तलाशने की ओर बढ़ने लगे हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,30,72,176 हो गई है और इस महामारी की चपेट में आकर अब तक 5,23,753 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 51.24 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 62.31 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
दिल्ली के जहांगीरपुरी में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गया था. पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 30 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, जिनमें से तीन नाबालिग हैं.
वैश्विक बाजार स्थिति के चलते जहां कई अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है, वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ ऐसा नहीं हुआ है. क्या आम भारतीयों के लिए प्रमुख बचत का ज़रिया रहे एलआईसी को इस तरह आनन-फानन बेचा जाना चाहिए?