मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राज्य के नर्सिंग कॉलेजों की जांच की थी. 26 अप्रैल 2023 को इस संबंध में जांच का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि कुछ कॉलेजों को ‘अवैध तरीके’ से मान्यता दी गई है और यह ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पतालों में असंख्य रोगियों के जीवन को ख़तरे में डाल रहा है.
‘भारत में मृत्युदंड: वार्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट’ में कहा गया है कि वर्ष 2023 में देश भर में निचली अदालतों द्वारा 120 मौत की सज़ाएं सुनाई गईं, जिनमें सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में 33 रही. 2023 में निचली अदालतों में सबसे अधिक मौत की सज़ा यौन अपराधों से जुड़े हत्या के मामलों में दी गई, जो 120 मौत की सज़ाओं में से 64 है.
उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि बीते 8 फरवरी को हल्द्वानी में भड़की हिंसा के संबंध में तीन एफ़आईआर दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटों में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में, जहां हिंसा हुई थी, कर्फ्यू लगा हुआ है. कई निवासियों को ज़िले के अन्य हिस्सों में अपने रिश्तेदारों के यहां चले जाने की सूचना है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि भारत ने अप्रैल-दिसंबर 2023 में 6,216 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़े हैं. यह चालू वित्त वर्ष के लिए 13,800 किमी निर्माण लक्ष्य का केवल 45 प्रतिशत है. सरकार ने 2022 में 10,457 किमी और 2023 में 10,331 किमी सड़कें बनाईं, जबकि लक्ष्य 12,500 किमी का था.
क़तर में एक निजी फर्म के साथ काम कर रहे भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को अगस्त 2022 में हिरासत में लिया गया था. सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उन्हें रिहा कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि यह निर्णय क़तर के अमीर द्वारा माफ़ी दिए जाने के बाद लिया गया है.
इससे पहले राज्य में जब भाजपा सत्ता में थी, तब कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी. केम्पन्न ने ही आरोप लगाया था कि कई विभागों में ठेकेदारों को निविदाएं हासिल करने और अपने बिलों का भुगतान करवाने के लिए 40 फीसदी रिश्वत देनी पड़ती है. तब कांग्रेस ने इस मुद्दे को एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उठाया था.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को बताया है कि जनवरी 2018 से सितंबर 2023 तक केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकार के संगठनों की कुल मिलाकर 373 वेबसाइट हैक की गईं. इसे देखते हुए समिति ने सरकार से सरकारी वेबसाइटों और अन्य महत्वपूर्ण डिजिटल बुनियादी ढांचे की साइबर सुरक्षा मजबूत करने के लिए कहा है.
हिंदुत्ववादी संगठन ‘कुटुंब सुरक्षा परिषद’ द्वारा जारी अल्टीमेटम में यीशु और मैरी की प्रतिमाओं और तस्वीरों के साथ-साथ स्कूल परिसरों में स्थित चर्चों को भी हटाना शामिल है. संगठन ने दावा किया है कि इस क़दम का उद्देश्य ‘ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण गतिविधियों के लिए स्कूलों का उपयोग करने से रोकना’ है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि देश में पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता मानते हुए और 5.65 लाख आयुष डॉक्टरों के साथ देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:834 है, जो कि डब्ल्यूएचओ के मानक 1:1000 से बेहतर है.
शीर्ष अदालत में दिया गया केरल सरकार का यह बयान केंद्र सरकार के उस आरोप का जवाब था कि केरल ‘आर्थिक रूप से सबसे कमज़ोर राज्यों में से एक है.’ केरल ने कहा कि देश के कुल क़र्ज़ का बाकी 40 फीसदी हिस्सा सभी राज्यों का है. केरल ने केंद्र पर राज्यों को ग़रीबी में धकेलने वाली नीतियां बनाने और क़ानून में संशोधन करने का भी आरोप लगाया है.
पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और वकील विष्णु शंकर जैन ने संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की है. 1976 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा पेश किए गए 42वें संवैधानिक संशोधन के तहत संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द शामिल किए गए थे.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के संबंध में लोकसभा में पेश की गई एक संसदीय समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इससे काफी कम केवल 86,000 करोड़ का प्रावधान किया है.
महाराष्ट्र के पुणे शहर की घटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने के बाद उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद वागले निशाने पर आ गए हैं. वागले ने सोशल साइट एक्स पर इस संबंध में टिप्पणी की थी. इसके लेकर उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
उत्तराखंड के सुदूर गांवों, तहसीलों और क़स्बों में आम आदमी और लिखे-पढ़े लोग भी पूरी तरह भ्रमित हैं कि बेशुमार समस्याओं से घिरे इस छोटे-से प्रदेश में अफ़रा-तफ़री में पारित हुए विवादास्पद यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल से उनकी ज़िंदगी किस तरह से बदलेगी.
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