गुजरात दंगों के मुस्लिम गवाहों का कहना है कि कैसे अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के निकट आने के साथ उनकी सुरक्षा वापस ले लेने की कार्रवाई ने उनके डर को फिर से जगा दिया है. उनका कहना है कि राम मंदिर की मांग ने ही इस पूरे अध्याय को जन्म दिया था और बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी.
मराठवाड़ा संभागीय आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में मराठवाड़ा में 1,088 किसानों ने आत्महत्या की. मराठवाड़ा के बीड ज़िले में सबसे अधिक 269 मौतें दर्ज की गईं. इसके बाद औरंगाबाद ज़िले में 182, नांदेड़ में 175, धाराशिव में 171 और परभणी ज़िले में 103 मौतें हुईं.
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आयकर विभाग को कहा था कि वह सूचना के अधिकार के तहत पीएम केयर्स फंड को दी गई कर छूट संबंधी जानकारी का ख़ुलासा करे. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि आयकर अधिनियम आरटीआई अधिनियम से अधिक प्रबल होता है. संबंधित जानकारी केवल विशेष परिस्थितियों में ही प्रदान की जा सकती है.
छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में बीते 21 जनवरी को एक हिंदुत्व समूह द्वारा ईसाई समुदाय के कुछ लोगों को पीटने की घटना सामने आई है. आरोप है कि हमलावार वही लोग थे, जो नियमित रूप से राम मंदिर समारोह से संबंधित रैलियों में भाग ले रहे थे. हिंदूत्व समूह ने भी ईसाई समूह पर पथराव के आरोप में केस दर्ज कराया है.
झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया था कि सीआरपीएफ जवानों ने बिना अनुमति के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास में प्रवेश की कोशिश की थी, जब उनसे ईडी द्वारा पूछताछ की जा रही थी. वहीं, सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि बंगाल में ईडी अधिकारियों पर हमले को लेकर जवानों की तैनाती की गई थी.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश से सांप्रदायिक झड़पों की ख़बरें सामने आई हैं. महाराष्ट्र में मीरा भायंदर-वसई विरार क्षेत्र एक धार्मिक जुलूस के दौरान विभिन्न समूहों के बीच कुछ झड़पें हुईं. गुजरात के मेहसाणा ज़िले में धार्मिक जुलूस निकालाने के दौरान पथराव की सूचना है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भर्ती के लिए आवेदन बंद करने के समय 50.14 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. सभी आवेदकों में से 15 लाख महिलाएं हैं, जिन्होंने 12,000 आरक्षित सीटों के लिए आवेदन किया है. पुरुष आवेदकों की संख्या 35 लाख है. एक पद के लिए लगभग 83 दावेदार हैं.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखते हुए कहा है कि आप निस्संदेह इस उत्सव के महत्व से अवगत हैं, हम विशेष रूप से अनुरोध कर रहे हैं कि किसी भी मामले में किसी भी वकील या वादी की अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए.
तेलंगाना के रचाकोंडा में एक रेस्तरां में आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री ‘राम के नाम’ की स्क्रीनिंग आयोजित की गई थी. पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग आयोजित की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 8 जनवरी को बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की समय-पूर्व रिहाई का ख़ारिज करते हुए कहा था कि गुजरात सरकार के पास उन्हें समय से पहले रिहा करने की शक्ति नहीं है. रिहाई का आदेश रद्द करते हुए अदालत ने दोषियों को दो हफ़्ते के अंदर वापस जेल में सरेंडर करने को कहा था.
भारतीय गणतंत्र इस बात को भी भला कैसे भूलेगा कि इसके लिए प्रधानमंत्री ने ‘धर्माचार्य’ का चोला धारण कर लिया था और उनके ‘सिपहसालार’ उन्हें विष्णु का अवतार और प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख को 1947 के 15 अगस्त जितनी महत्वपूर्ण बता रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों ने राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन यानी 22 जनवरी को लेकर विभिन्न सरकारी आदेश जारी किए हैं, जिनमें सरकारी छुट्टी से लेकर निर्बाध बिजली आपूर्ति और बाज़ार बंदी जैसे फ़रमान शामिल हैं. इस बीच एम्स दिल्ली ने दोपहर तक ओपीडी सेवाएं बंद रखने का फैसला वापस ले लिया है.
एक समाचार रिपोर्ट बताती है कि अक्टूबर-दिसंबर 2023 के बीच टाइम सिटी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी नामक एक कंपनी ने सरयू नदी के पास 1.13 करोड़ रुपये में ज़मीन का एक टुकड़ा ख़रीदा, जिसे कुछ हफ्तों बाद अडानी समूह को तीन गुना से भी अधिक कीमत पर बेच दिया गया. टाइम सिटी समूह एक पूर्व भाजपा विधायक का है.
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह और उसके बाद आने वाली बाहरी भीड़ से किसी गड़बड़ी की आशंका के चलते एक संगठन ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को लिखे पत्र में मुस्लिम आबादी वाले इलाकों के साथ-साथ अयोध्या के उन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा की मांग की है, जहां 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा देखी गई थी.