भाजपा के अनुसार, संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा शहर के तुर्क और पठान समुदाय से संबंधित दो राजनीतिक परिवारों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम थी. हालांकि, स्थानीय लोगों और विपक्षी नेताओं ने इसे नकारते हुए पुलिस को बचाने का प्रयास कहा है.
ओडिशा के विधानसभा में प्रदर्शित संविधान के प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्द शामिल नहीं हैं. विपक्षी बीजू जनता दल और कांग्रेस के विधायकों ने मंगलवार इस मुद्दे पर विधानसभा की कार्यवाही बाधित की और इसे 'संविधान का अपमान' बताया.
अडानी समूह ने कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिल्टी (सीएसआर) के तहत तेलंगाना की यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी को सौ करोड़ रुपये का डोनेशन दिया था. अब राज्य की कांग्रेस सरकार ने अडानी समूह के ख़िलाफ़ हाल के आरोपों के मद्देनजर इस चंदे को लेने से मना कर दिया है.
वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक 2024 पर बनी संयुक्त संसदीय में शामिल विपक्षी दल के सदस्यों का कहना है कि कई राज्य सरकारों और विभिन्न हितधारकों ने अभी अपने विचार समिति के समक्ष नहीं रखे हैं, इसलिए और समय दिया जाना चाहिए. समिति को शीतकालीन सत्र में ही अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.
विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को अडानी समूह के ख़िलाफ़ कथित ‘भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं’ का मुद्दा उठाने के लिए 13 नोटिस सौंपे थे. लोकसभा में भी इस पर चर्चा की मांग हुई थी, हालांकि दोनों सदनों में इसे ख़ारिज कर दिया गया.
'इंडिया' गठबंधन ने झारखंड की 81 सीटों की विधानसभा में कुल 56 सीटें जीती हैं. यह परिणाम महज़ एक पार्टी की हार और दूसरी की जीत तक सीमित नहीं है. यह जनादेश देश में बढ़ती तानाशाही, हिंदुत्व की राजनीति और जन अधिकारों को कमज़ोर करने वाले कॉरपोरेट नीतियों के विरुद्ध एक संदेश है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सबसे ज्यादा 132 सीटें जीती हैं. राज्य की 230 विधानसभा सीटें जीतते हुए 'महायुति' ने कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट के महाविकास अघाड़ी गठबंधन को महज 50 सीटों पर रोक दिया है.
38 सीटों में से जहां दोनों पक्ष सीधे एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे थे, अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज की है. इस तरह अजित पवार ने साबित कर दिया है कि एनसीपी अब उनके नाम से जानी जाएगी.
महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में यह कांग्रेस का सबसे ख़राब प्रदर्शन है, जबकि भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत के करीब पहुँच गयी है.
झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान समेत 14 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे.
इस चुनाव में प्रशांत किशोर की नवगठित पार्टी जनसुराज भी मैदान में थी, लेकिन यह कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई.
झारखंड विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक कोई भी पार्टी दुबारा सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी थी, सत्ता विरोधी लहर हमेशा ही बिहार से अलग हुए इस राज्य के चुनाव परिणाम पर हावी रहा, लेकिन अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों में से 27 जीत कर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन ने इतिहास रच दिया है.
यूपी उपचुनाव के नतीजों के समय याद रखना चाहिए कि मतदान के दिन कई जगह पुलिसकर्मी नापसंद मतदाताओं को मतदान से वंचित करने के लिए उनके पहचान पत्र चेक करते, राह रोकते, उन पर रिवॉल्वर तक तानते दिखे थे. सत्ता तंत्र इस तरह चुनाव कराने लगेगा तो लोकतंत्र का भविष्य क्या होगा.
शिंदे की शिवसेना 81 और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 95 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था. इन दोनों दलों के बीच 53 निर्वाचन क्षेत्रों में सीधा मुकाबला था. इनमें से अधिकांश सीट पर शिंदे की पार्टी आगे चल रही है.
भाजपा 116, शिवसेना (शिंदे) 56, एनसीपी (अजित पवार) 35 सीटों पर आगे चल रही है.