ईरान की मोरलिटी पुलिस ने पिछले हफ्ते 22 वर्षीय युवती महसा अमीनी को सख़्ती से लागू किए गए ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए गिरफ़्तार किया गया था. हिरासत के दौरान तीन दिन बाद अमीनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसके बाद से ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
घटना कोलार ज़िले के मलूर तालुक के एक गांव में इस महीने की शुरुआत में घटी थी, जब गांव में निकाले जा रहे ग्राम देवता के जुलूस में 15 साल के लड़के के मूर्ति के स्पर्श के बाद उसके परिवार से साठ हज़ार रुपये का जुर्माना देने को कहा गया. ऐसा न करने पर उन्हें गांव से बाहर निकालने की धमकी दी गई.
मध्य प्रदेश में गुना ज़िले के चकदेवपुर गांव के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं द्वारा कथित तौर पर शौचालय की सफाई करने की तस्वीरें सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि सफाई करने वाली लड़कियां कक्षा 5 और 6 की छात्राएं हैं.
उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद ज़िले के भोजपुर इलाके का मामला. पुलिस ने कहा कि घटना एक सितंबर को भोजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी और पीड़िता के रिश्तेदार द्वारा सात सितंबर को दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एक आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले का मामला. भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद ने आरोप लगाया है कि जेल में मुस्लिम समुदाय के इन लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की और जेल अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है.
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले को मामला. पुलिस के अनुसार, एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के बीच प्रेम संबंध था और वे घर छोड़कर चले गए थे. उन्हें ढूंढ़कर युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया था. आरोप है कि इसके महीने भर बाद जब युवक अपने माता-पिता के साथ कहीं जा रहे थे तो रास्ते में युवती के परिजनों ने उन पर हमला कर दिया.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एक समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि उनके द्वारा गोद लिए गए तीन गावों में लोग इतने गरीब हैं कि उनके पास खाने तक के पैसे नहीं हैं, इसलिए वे अवैध शराब बनाते और बेचते हैं. जब पुलिस उन्हें पकड़ लेती है तो उनके परिजन अपनी बच्चियों को बेचकर पुलिस को पैसे देते हैं और उन्हें छुड़ाते हैं.
उत्तर बंग विश्वविद्यालय के कुलपति सुबीरेश भट्टाचार्य 2014-18 तक पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूल सेवा आयोग के अध्यक्ष थे. आरोप है कि उन्होंने 2016 में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में आयोग के तत्कालीन सलाहकार के साथ मिलकर अयोग्य, ग़ैर-सूचीबद्ध और निचली रैंक वाले उम्मीदवारों को अनुचित लाभ दिया था.
पुलिस ने बताया कि घटना रविवार रात तब हुई जब खनिक असम-अरुणाचल सीमा के पास तिनसुकिया ज़िले में एक सुदूर पहाड़ी पर अवैध रूप से चलाई जा रही ‘रैट होल’ खदान में कोयला निकालने के लिए घुसे थे. ज़हरीली गैस के संपर्क में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.
वर्ष 2012 में राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा सरकारी नियुक्तियों, मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों में दाखिले में कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 58 प्रतिशत कर दिया गया था. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के विरुद्ध है.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू पर एनआईए ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के नेताओं के निर्देश पर माओवादी गतिविधियों व विचारधारा के प्रचार के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया है.
विशेष रिपोर्ट: जेल में सज़ा काट रही महिला क़ैदियों के साथ रहने वाले बच्चों को तो तमाम परेशानियों का सामना करना ही पड़ता है, लेकिन वो जिन्हें मां से अलग कर बाहर अपने बलबूते जीने के लिए छोड़ दिया जाता है, उनके लिए भी परेशानियों का अंत नहीं होता.
मणिपुर की भाजपा सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा है कि राज्य के इतिहास, संस्कृति, परंपरा और भूगोल पर प्रकाशित कुछ पुस्तकों की सामग्री तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करती है. इसलिए, इन किताबों को 'सही जानकारी' के साथ प्रकाशित करने पर निगरानी रखने के लिए एक 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
घटना पुणे की है, जहां जुन्नर तालुका के 45 वर्षीय किसान दशरथ लक्ष्मण केदारी ने सुसाइड नोट में किसानों की दुर्दशा की अनदेखी के लिए महाराष्ट्र सरकार और केंद्र को ज़िम्मेदार ठहराया है. नोट में केदारी ने फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने और लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात भी लिखी है.
ओडिशा के क्योंझर ज़िला मुख्यालय अस्पताल में बड़ी संख्या में लोगों ने चिकित्सकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन किया और आरोप लगाया कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण बच्चों की मौत हुई. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने ज़िला प्रशासन को मामले की जांच कर तत्काल रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.