मणिपुर हिंसा: 10 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर उनकी ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाए

कांग्रेस सहित दस विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मणिपुर में जातीय हिंसा को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की. विपक्षी दलों ने हिंसा को रोकने में विफल रहने के लिए केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार की 'बांटो और राज करो की राजनीति' को ज़िम्मेदार ठहराया है.

हिंसा से जूझ रहे मणिपुर से दिल्ली पहुंचे तीन प्रतिनिधिमंडलों से नहीं मिले प्रधानमंत्री मोदी

पिछले 45 दिनों से मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्य के विधायकों के दो प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने के लिए 15 जून से नई दिल्ली में हैं.

मणिपुर हिंसा: विभिन्न एफ़आईआर से पता चलता है कि पुलिस शस्त्रागारों से आधुनिक ​​हथियार लूटे गए

मणिपुर हिंसा के दौरान पुलिस शस्त्रागारों से हथियार लूटने के मामले में दर्ज विभिन्न एफ़आईआर के द वायर द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि एके 47 और इंसास राइफल, बम एवं अन्य आधुनिक हथियार लूटे गए. उपद्रवी बुलेटप्रूफ जैकेट भी ले गए और पुलिस थानों में आग तक लगा दी.

वक़्त आ चुका है कि मणिपुर में एन. बीरेन सरकार हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए: राज्यसभा सांसद

मिज़ोरम से राज्यसभा सांसद के. वेनलेलवना ने कहा कि केंद्र सरकार को मणिपुर में एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को हटा देना चाहिए ताकि केंद्रीय बल 'बेहद पक्षपाती' मणिपुर पुलिस को अपनी कमांड में लेकर राज्य में हो रही जातीय हिंसा को रोक सकें. 

भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के कारण मणिपुर जल रहा है: सिविल सोसाइटी समूह

देश भर के 550 से अधिक सिविल सोसायटी समूहों और व्यक्तियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए समुदायों के बीच सदियों पुराने जातीय तनाव को बढ़ा रही है. बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से जारी जातीय हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया गया है.

मणिपुर हिंसा पर पूर्व सेना प्रमुख बोले- क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत है

मणिपुर में रहने वाले एक पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ने ट्वीट किया था कि राज्य 'स्टेटलेस' स्थिति में हैं, जहां कोई भी कभी भी किसी की ज़िंदगी और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सेना प्रमुख (रिटायर्ड) जनरल वेद प्रकाश मलिक ने कहा कि वहां क़ानून-व्यवस्था पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए. 

मणिपुर में फिर हिंसा भड़की, भीड़ ने भाजपा नेताओं के घर जलाने की कोशिश की

पुलिस और सेना के सूत्रों ने बताया है कि शुक्रवार को मणिपुर के बिष्णुपुर ज़िले के क्वाकटा और चूड़ाचांदपुर ज़िले के कांगवई से स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की गई. उधर, असम राइफल्स को हालिया हिंसा का ज़िम्मेदार बताने वाला लेख लिखने के लिए मेईतेई संगठन के एक नेता पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है.

मणिपुर में हिंसा का दौर जारी: राजधानी इंफाल में केंद्रीय मंत्री के आवास समेत कई घर जलाए गए

मणिपुर में पिछले लगभग डेढ़ महीने से जारी जातीय हिंसा के बीच इंटरनेट पर प्रतिबंध 20 जून तक बढ़ा दिया गया है. अपना घर जलाए जाने पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से विफल हो चुकी है. इस बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंसा को लेकर चुप्पी तोड़ने की अपील की है.

मणिपुर हिंसा: राज्य की एकमात्र महिला मंत्री का सरकारी आवास हमलावरों ने जलाया

मणिपुर की एकमात्र महिला मंत्री नेमचा किपगेन के इंफाल पश्चिम ज़िले ​के लाम्फेल इलाके में स्थित आधिकारिक आवास को बुधवार शाम को जला दिया गया. घटना के समय वह घर पर नहीं थीं. भाजपा से संबद्ध किपगेन उन 10 कुकी विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने हिंसा शुरू होने के बाद अलग प्रशासन की मांग उठाई है.

मणिपुर: आदिवासी फोरम ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मेईतेई और कुकी को ‘अलग करने’ की मांग की

मणिपुर के एक जनजातीय समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में जारी हिंसा का एकमात्र समाधान मेईतेई और कुकी-जो समुदायों को पूरी तरह से अलग करना है क्योंकि दोनों समुदायों के बीच 'जातीय मतभेद और अविश्वास' समझौते से परे जा चुका है.

मणिपुर: फिर भड़की हिंसा में कम से कम नौ लोगों की मौत, कई घायल

बीते क़रीब डेढ़ महीने से मणिपुर में जातीय संघर्ष जारी है. पुलिस के अनुसार, मंगलवार को कांगपोकपी ज़िले के ऐगिजंग गांव में देर रात हुई फायरिंग में नौ लोगों की मौत हुई है. ये सभी मेईतेई समुदाय से हैं. 

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