जीडीपी में इस साल 9.5 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान: आरबीआई

मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन चली समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में आई गिरावट अब पीछे रह गई है और उम्मीद की किरण दिखने लगी है. इससे पहले विश्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में 9.6 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है.

चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 9.6 प्रतिशत गिरावट का अनुमान: विश्व बैंक

विश्व बैंक ने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति इससे पहले के किसी भी समय की तुलना में काफ़ी ख़राब है. कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को थामने के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन का भी प्रतिकूल असर पड़ा है.

लॉकडाउन ख़त्म हो गया, मगर क्या प्रवासी मज़दूर और ग़रीबों की ज़िंदगी में कोई बदलाव आया?

वीडियो: कोरोना वायरस के मद्देनज़र लगाए गए लॉकडाउन के बाद अनलॉक फेज़ शुरू हो गया है, लेकिन कई दैनिक वेतनभोगी अभी भी लॉकडाउन की स्थिति में जी रहे हैं. लॉकडॉउन के दौरान हुए वित्तीय नुकसान से नहीं उबर पा रहे हैं.

केंद्र और राज्य यौनकर्मियों को मासिक राशन और नकद मुहैया कराने पर विचार करें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यह जानना चाहा है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत यौनकर्मियों को तुरंत क्या राहत प्रदान की जा सकती है. अदालत ने कहा कि राशन कार्ड न होने की वजह से लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है. वे गंभीर संकट में हैं.

ओयो इंडिया ने कर्मचारियों के सामने ख़ुद से अलग होने या छुट्टियां आगे बढ़ाने का विकल्प रखा

कोरोना संकट के चलते होटल कंपनी ओयो इंडिया ने अपने भारतीय परिचालन के कई कर्मचारियों को चार मई से सीमित लाभ के साथ चार महीने की छुट्टी पर भेज दिया था. साथ ही सभी कर्मचारियों से उनके वेतन में 25 प्रतिशत कटौती स्वीकार करने को कहा था.

कोरोना के चलते विमानन उद्योग सबसे कमज़ोर स्थिति में, कुछ कंपनियां बंद होने के कगार पर: सीएपीए

विमानन क्षेत्र में परामर्श देने वाली कंपनी सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन ने कहा कि कोरोना संकट के चलते पूरे विमानन उद्योग को मिलाकर इस वित्त वर्ष में छह से साढ़े छह अरब डॉलर का घाटा हो सकता है.

कोरोना संकट: दिल्ली मेट्रो ने कर्मचारियों के भत्तों में 50 फीसदी कटौती की

दिल्ली मेट्रो रेल निगम में क़रीब 14,500 कर्मचारी हैं. मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि मेट्रो सेवाओं का परिचालन न होने की वजह से पैदा हुई गंभीर वित्तीय स्थिति के मद्देनज़र यह क़दम उठाया गया है.

कोविड-19 सदी में एक बार आने वाले संकट जैसा, 2020-21 में जीडीपी में आएगी गिरावट: बिड़ला

शेयरधारकों को लिखे पत्र में भारतीय उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि भारत में कोविड-19 ऐसे समय आया है, जबकि वैश्विक अनिश्चितता तथा घरेलू वित्तीय प्रणाली पर दबाव की वजह से आर्थिक परिस्थितियां पहले से सुस्त थीं.

पिछले साल इस्तीफ़ा देकर वापस लेने वाले 48 पायलटों को एयर इंडिया ने अचानक बर्ख़ास्त किया

इन 48 पायलटों ने समय पर वेतन और भत्ते न मिलने के कारण पिछले साल इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन फिर छह महीने की नोटिस अवधि के भीतर इस्तीफ़ा वापस ले लिया था. एयर इंडिया ने इन्हें बर्ख़ास्त करने के पीछे का कारण कंपनी की आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी को बताया है.

मीडिया बोल: सुशांत प्रकरण, दंगे में फंसाए जाते प्रोफ़ेसर, लेखक और मीडिया

वीडियो: कोरोना वायरस, बाढ़ की विभीषिका, बेकारी-बेहाली के दौर में भी मीडिया, खासकर न्यूज़ चैनल अभिनेता सुशांत सिंह प्रकरण में बड़े मसलों से ध्यान हटाने और एक तरह का ‘मीडिया ट्रायल’ चलाते नज़र आ रहे हैं. कुछ चैनल प्रोफेसरों-लेखकों को फंसाने में क्यों जुटे हैं? मीडिया बोल के नए एपिसोड में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा.

कोरोना ने शिक्षा क्षेत्र में अवरोध पैदा किया, 1.6 अरब छात्र प्रभावित: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक के क़रीब 2.38 करोड़ बच्चे और युवा केवल महामारी के आर्थिक असर की वजह से अगले साल पढ़ाई छोड़ सकते हैं या उससे वंचित रह सकते हैं.

ग्रेच्युटी की समयसीमा पांच साल से घटाकर एक साल की जाए: संसदीय समिति

श्रम पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफ़ारिश की है कि ग्रेच्युटी की सुविधा को सभी प्रकार के कर्मचारियों तक बढ़ाया जाना चाहिए, जिसमें ठेका मज़दूर और दैनिक या मासिक वेतन कर्मचारी शामिल हैं.

मीडिया बोल: देश कोरोना से बेहाल, टीवी पर अयोध्या और रफाल!

वीडियो: कोविड-19 महामारी के दौर में देश के आम लोग बेहाल हैं, पर मीडिया के बड़े हिस्से, ख़ासकर टीवी चैनलों के लिए इन दिनों बड़े मसले हैं- अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन, रफाल का भारत आना, सरहदी तनाव या एक अभिनेता की दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या से जुड़े मामले. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

वैश्विक महामारी के पहले 12 महीनों में भुखमरी से जा सकती है लाखों बच्चों की जान: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों ने आगाह किया कि कोरोना और उससे निपटने के लिए लगे प्रतिबंधों के कारण कई समुदाय भुखमरी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने चेताया कि बढ़ते कुपोषण के दीर्घकालिक परिणाम होंगे, जो व्यक्तिगत त्रासदियों को एक पीढ़ीगत तबाही में बदल सकते हैं.

असम: ग़रीबी और काम न मिलने से परेशान प्रवासी मज़दूर ने अपनी नवजात बच्ची को बेचा

मामला कोकराझार ज़िले का है. लॉकडाउन के दौरान गुजरात लौटे एक मज़दूर ने आर्थिक तंगी और काम न मिलने से परेशान होकर अपनी 15 दिन की बच्ची को 45 हज़ार रुपये में बेच दिया. पुलिस ने मज़दूर और बच्ची खरीदने वाली महिलाओं को गिरफ़्तार कर लिया है.