कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच राष्ट्रीय राजधानी में उपजे 'ऑक्सीजन संकट' की चेतावनी के बाद मंगलवार देर रात और बुधवार सुबह कुछ बड़े सरकारी और निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन की नयी खेप मिली है. ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश देते हुए कहा था कि आर्थिक हित मानव जीवन से ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं.
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद दिल्ली सरकार ने 26 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है. इसके बाद से दिल्ली से पिछले साल की तरह प्रवासी मज़दूर दोबारा अपने घरों को लौटने लगे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और आप सरकार को निर्देश दिया कि वे हलफ़नामा देकर बताएं कि कोविड-19 के मरीज़ों के लिए प्रत्येक अस्पताल में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या कितनी है, कितने बेडों के साथ वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन की सुविधा है और कितने में ऐसी सुविधा नहीं है. साथ ही केंद्र से कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के पहलू पर ग़ौर किया जाए.
एक मृतक महिला के पति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनकी दिवगंत पत्नी की तस्वीर को हाथरस बलात्कार पीड़ित बताकर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, गूगल और ट्विटर से जवाब मांगा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी ऐसे मामले को लेकर की, जहां तत्काल सुनवाई का आवेदन दायर किया गया था, जबकि ऐसी सुनवाई की ज़रूरत नहीं थी. अदालत ने कहा कि कई जज और कर्मचारी कोरोना संक्रमित हैं, ऐसे में वकीलों को आवेदन दायर करते समय और अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है.
देश में कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में वहां पिछले साल तबलीगी जमात का एक धार्मिक कार्यक्रम हुआ था और इसे पिछले साल 31 मार्च से बंद रखा गया है. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड ने नियमों में ढील दिए जाने की मांग करते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था.
दक्षिण मुंबई की जुमा मस्जिद ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका में ट्रस्ट की एक मस्जिद में पांच वक़्त की नमाज़ अदा करने की इजाज़त मांगी गई थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि धार्मिक रीति-रिवाज़ों को मनाना या उनका पालन करना महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण लोक व्यवस्था और लोगों की सुरक्षा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र और दिल्ली पुलिस के इस दावे को ख़ारिज कर दिया कि रमज़ान के लिए निज़ामुद्दीन मरकज़ में 200 लोगों की पुलिस-सत्यापित सूची में से केवल 20 लोगों को प्रार्थना के लिए परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा सकती है.
मुंबई के पत्रकार वरुण हिरेमथ पर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाते हुए दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. फरवरी में मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फ़रार हैं. महिला ने केंद्रीय गृह मंत्री, पुलिस कमिश्नर और सहायक पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर आरोपी को गिरफ़्तार करने में प्रशासन की अनिच्छा को लेकर रोष जताया है.
वीडियो: 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक निर्णय दिया था, जिसके तहत दिल्ली के किसी भी तालाब या जोहड़ (पोखर) को तबाह नहीं किया जाएगा. इस आदेश के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी के बुढेला गांव में दिल्ली सरकार एक जोहड़ को साहित्य कला केंद्र में तब्दील कर रही है, जिसका गांववाले विरोध कर रहे है.
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में ऐसे प्रचारकों व प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार से रोकने का अनुरोध किया है जो कोविड-19 के मद्देनज़र चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि आम जनता से कोविड-19 नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना वसूला जाता है लेकिन नेताओं के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाती.
दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों की उन चार याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए ये टिप्पणी की, जिनमें अकेले निजी वाहन चलाते हुए मास्क न पहनने के लिए चालान काटने को चुनौती दी गई थी. अदालत ने चालान काटने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि अगर किसी वाहन में केवल एक व्यक्ति है तो उसे भी सार्वजनिक स्थान माना जाएगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस याचिका ख़ारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने कर्मचारियों कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए और समय देने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि वेतन और पेंशन पाना यह संविधान के अंतर्गत जीवन और आज़ादी के अधिकार के तहत आता है. यह निगम पर है कि वह अपने कर्मचारियों को भुगतान का रास्ता तलाश करे.
दिल्ली हाईकोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें बालिग होने के बाद पीड़ित और आरोपी ने समझौता करने का फ़ैसला किया था. पीठ ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज अपराध को ख़ारिज करना क़ानून की उस भावना के विपरीत होगा, जो कि बच्चों की सुरक्षा के लिए पारित किया गया था.
दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ को दोबारा खोलने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई है. इससे पहले अदालत ने केंद्र, आप सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर स्थिति रिपोर्ट दाख़िल करने के लिए कहा था. पिछले साल मार्च में निज़ामुद्दीन मरकज़ कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा था.