एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में माओवादियों से संबंध के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को रांची से गिरफ़्तार किया था. स्वामी ने ज़ब्त किए गए अपने स्ट्रॉ और सिपर को लौटाने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. पार्किंसन बीमारी की वजह से उनके हाथ हिलने से उन्हें खाने और पीने में दिक्कत होती है.
केंद्र सरकार द्वारा स्टेन स्वामी सहित देश के 16 सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करना आंदोलनरत जनसंगठनों और उनसे जुड़े नेताओं को भयभीत कर इन आंदोलनों को कमज़ोर करने की कोशिश है.
एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को रांची से गिरफ़्तार किया था. एनआईए ने उनकी याचिका के जवाब में कहा है कि वे कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति की आड़ में ज़मानत मांगकर स्थिति का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.
हमारे देश और राज्य को सुरक्षित रखने के नाम पर अगर स्टेन स्वामी को क़ैद में डाला जा सकता है तो क्या हम ख़ुद को आज़ाद कहलाने के क़ाबिल रह गए हैं?
एनआईए ने भीमा-कोरेगांव मामले में 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को झारखंड के रांची स्थित उनके घर से गिरफ़्तार किया था. उन पर भाकपा (माओवादी) के साथ संबंध होने का आरोप लगाया गया है.
एनआईए ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं स्टेन स्वामी, गौतम नवलखा, आनंद तेलतुंबड़े समेत आठ लोगों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किया है, उनमें मिलिंद तेलतुंबड़े को छोड़कर सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं.
साल 2018 में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर हिंसा की घटनाओं की जांच करने के लिए महाराष्ट्र की तत्कालीन देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस जेएन पटेल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था.
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की वकील ने कहा कि वह दो साल से भी ज़्यादा समय से जेल में बंद हैं और अब तक आरोप भी तय नहीं हुए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेरिट के आधार पर आपके पास अच्छा मामला है. आप नियमित ज़मानत के लिए आवेदन क्यों नहीं करतीं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एल्गार परिषद मामले में सोमवार को कबीर कला मंच के दो कार्यकर्ताओं सागर गोरखे और रमेश गयचोर को गिरफ़्तार किया था. इन्होंने एजेंसी द्वारा उन पर माओवादियों से संबंध स्वीकारने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था.
कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं सागर गोरखे और रमेश गयचोर का कहना है कि एनआईए उन पर दबाव बना रही है कि वे माओवादियों से संबंध की बात स्वीकार कर ले. माफ़ीनामा लिखकर देने पर उन्हें छोड़ने की बात कही गई है. एल्गार परिषद मामले में अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एल्गार परिषद मामले में पूछताछ के लिए हैदराबाद की ईएफएलयू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के सत्यनारायण और द हिंदू के पत्रकार केवी कुरमानाथ को तलब किया है. ये दोनों कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव के दामाद हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कोलकाता के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के एक प्रोफेसर को नोटिस भेजकर उनके कथित तौर पर एल्गार परिषद से जुड़े होने को लेकर 10 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. प्रोफेसर का कहना है कि एनआईए का नोटिस प्रताड़ित करने वाला है.
कोलकाता के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में पढ़ाने वाले प्रोफेसर पार्थसारथी रे जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वे उन नौ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में से हैं, जिन्हें बीते साल कथित तौर पर निगरानी रखने के लिए एक 'स्पाईवेयर हमले' का निशाना बनाया गया था.
एनआईए ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को एल्गार परिषद मामले में मुंबई आकर गवाही देने के लिए कहा है. प्रोफेसर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वे अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और यात्रा नहीं करना चाहते हैं.
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार राजनीतिक कार्यकर्ता और कवि वरवरा राव अगस्त, 2018 से जेल में बंद हैं. मामले की एक अन्य आरोपी सुधा भारद्वाज की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है.