वीडियो: भारत इन दिनों कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. पिछले करीब एक महीने से लगातार तीन लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी इससे बुरी तरह प्रभावित है. कोरोना वायरस से जूझ रहे दिल्ली के पड़ोसी राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब का हाल.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ये पोस्टर शहर के कई हिस्सों में लगाए गए. इनमें लिखा था कि मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 24,372,907 हो गए हैं, जबकि इस महामारी से जान गंवाने वालों को आंकड़ा बढ़कर 266,207 हो चुका है. विश्व में संक्रमण के 16.19 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 33.57 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल राज्य का सबसे बड़ा कोविड-19 केंद्र है. 13 मई को इस अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले 12 मई को ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते 21 कोविड मरीज़ों और 11 मई को 26 ऐसे मरीज़ों की मौत हुई थी. विपक्ष इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की आंकड़ा बढ़कर 24,046,809 हो गया हैं, जबकि मृतक संख्या बढ़कर 262,317 हो गई है. ये लगातार 22वां दिन है, जब देश में बीते एक दिन में तीन लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. विश्व में संक्रमण के 16.11 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 33.44 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
हाईकोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार से ज़िलावार मौतों का आंकड़ा पेश करने को कहा है. साथ ही सरकार से पहली लहर के दौरान गांवों में लौटे लगभग 40 लाख प्रवासियों की स्थिति रिपोर्ट के अलावा बक्सर में गंगा नदी में तैरती पाई गईं संदिग्ध कोरोना संक्रमित लाशों पर जवाब दाख़िल करने को कहा है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में दाख़िल याचिका में कहा गया है कि लोगों और राजनेताओं आदि का एक समूह है जो मनमाने ढंग से मरीज़ों को रेमडेसिविर वितरित कर रहा है. ट्वीट करने के कुछ घंटों के भीतर लोगों तक इंजेक्शन पहुंच जा रहे हैं. इस पर पीठ ने सरकार से पूछा कि उनके आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जाता है?
कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के महासचिव नागेश करियप्पा ने दिल्ली पुलिस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. संगठन की ओर से कहा गया है कि हम सभी इस विनाशकारी महामारी से पीड़ित हैं और हमें एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो अपने नागरिकों का समर्थन करें तथा अपने कार्यों के लिए उनके प्रति जवाबदेह हो. वर्तमान सरकार ऐसा करने में विफल रही है.
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों की मौत न होने की बात सुनिश्चित करने के निर्देश के एक दिन बाद गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले यहां कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा के चलते 48 घंटे में 47 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि सरकार को नया सोचने की ज़रूरत है. एक ही संदेश बजाने की जगह अलग-अलग संदेश तैयार करने चाहिए. अदालत ने कहा कि टीवी प्रस्तोता और निर्माताओं से लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम बनाने और अमिताभ बच्चन जैसे लोकप्रिय लोगों से इसमें मदद करने को कहा जा सकता है.
वीडियो: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है. इस बीच केंद्र सरकार ने एक मई से 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए कोविड टीकाकरण शुरू कर दिया है. हालाकि तमाम राज्यों ने वैक्सीन की कमी होने की बात की है. द वायर ने दिल्ली के वैक्सीनेशन सेंटर जाकर वहां का हाल जाना और लोगों से बात की.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब टीकाकरण केंद्रों पर जाने में असमर्थ वरिष्ठ नागरिकों के जीवन का सवाल है, तो घर-घर जाकर टीकाकरण का कार्यक्रम क्यों शुरू नहीं किया जाता? इसके अलावा अदालत ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका से यह जानना चाहा कि बेघर लोगों, भिखारियों और सड़कों पर रह रहे लोगों के टीकाकरण के लिए उसकी क्या योजना है?
भारत में 23 अप्रैल के बाद से ये लगातार 21वां दिन है, जब कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 23,703,665 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 258,317 हो गई है.
सरकारी गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से 48 घंटे में 47 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई है. इस घोर लापरवाही के लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है.
भारत कोविड महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, टीका और दवाइयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि हमें अपने स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखने की ज़रूरत है.