दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि मुहम्मद इक़बाल यानी अल्लामा इक़बाल पर एक अध्याय को बीए राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है. आरएसएस से जुड़े एबीवीपी ने इस क़दम का स्वागत किया है.
राहुल गांधी के डीयू के हॉस्टल जाकर छात्रों से मिलने के लिए उन्हें 'अव्यवस्था' का हवाला देते हुए नोटिस भेजा गया है. वहीं, पीजीआई चंडीगढ़ ने अपने एक हॉस्टल की छात्राओं को इसलिए दंडित किया है कि वे नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात' की 100वीं कड़ी के सामूहिक श्रवण आयोजन से अनुपस्थित रहीं.
बीते दिनों हुई पुलिस महानिदेशकों, महानिरीक्षकों की बैठक में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी शामिल थे. यहां राज्यों के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी चेतावनी दे रहे थे कि हिंदुत्ववादी रैडिकल संगठन देश के लिए ख़तरा बन गए हैं. हालांकि, यह ख़बर बाहर आते ही सम्मेलन की वेबसाइट से यह रिपोर्ट हटा दी गई.
आरोप है कि बीते 26 जनवरी को अजमेर स्थित राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘मोदी: द इंडिया क्वेश्चन’ को देखा था. इसके बाद एबीवीपी द्वारा 24 छात्रों के नाम की सूची जारी करके हंगामा किया गया था और विश्वविद्यालय ने छात्रों को 14 दिन के लिए निलंबित कर दिया.
मामला इंदौर के शासकीय नवीन विधि विश्वविद्यालय का है. दिसंबर 2022 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया था कि क़ानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई जा रही एक किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिसके बाद कॉलेज प्रिंसिपल, किताब की लेखक और प्रकाशक के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था.
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में एक हिंदू लड़की और एक मुस्लिम लड़के के बीच प्रेम संबंध के विरोध में हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े कुछ छात्रों को आपत्ति थी, जिसके चलते उन्होंने लड़के को चेतावनी देते हुए उसके साथ अभद्रता की थी. इससे परिसर में दोनों समुदायों के छात्रों के बीच झड़प के बाद तनाव पैदा हो गया था.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि क़ानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई जा रही इस किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है. एफ़आईआर किताब की लेखक डॉ. फ़रहत ख़ान, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान और संस्थान के प्रोफेसर मिर्ज़ा मोजिज बेग के ख़िलाफ़ दर्ज की गई है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के परिसर में पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा की रिहाई की मांग को लेकर करीब 36 संगठनों के संयुक्त मोर्चे 'कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन' के बैनर तले प्रदर्शन किया जा रहा था. आरोप है कि इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी-डंडों आदि से हमला कर दिया.
मामला इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय का है. एबीवीपी ने हंगामा करते हुए दावा किया था कि महाविद्यालय में कुछ शिक्षक विद्यार्थियों के बीच कट्टरता, लव जिहाद और देश के संबंध में नकारात्मक बातों को बढ़ावा दे रहे हैं. इसके बाद कॉलेज द्वारा अस्थायी तौर पर हटाए गए छह अध्यापकों में से चार मुस्लिम हैं.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 से प्रस्तावित फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई बीते दो हफ्तों से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
काशी विद्यापीठ द्वारा एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गेस्ट लेक्चरर पर की गई कार्रवाई किसी एक संस्था के किसी एक शिक्षक के ख़िलाफ़ उठाया गया क़दम नहीं है बल्कि आज के भारत में हो रही घटनाओं की एक कड़ी है. यह आरएसएस की गिरफ़्त में बिना सचेत हुए लगातार बीमार होते जा रहे हिंदू समाज की दयनीयता का प्रमाण है.
घटना वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की है, जहां के एक गेस्ट लेक्चरर ने सोशल मीडिया पर 'महिलाओं से नवरात्रि के व्रत रखने की बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ने' की बात कही थी. इसे लेकर एबीवीपी की ओर से की गई शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने यह कार्रवाई की है.
गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 14-16 मई तक हुए सालाना कार्यक्रम 'टेक सृजन' में इंडोनेशिया की पाॅप सिंगर जुबैला का एक परफॉरमेंस हुआ था. 19 मई को एबीवीपी कार्यकर्ता इसे 'अश्लील' बताते हुए यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां छात्रों से विवाद के बाद दोनों पक्षों में मारपीट हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए. एबीवीपी की शिकायत पर दो शिक्षकों पर केस दर्ज किया गया है.
एक ऑनलाइन बहस के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर रविकांत चंदन ने काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद पर एक की किताब का हवाला दिया था, जिसमें उन कथित परिस्थितियों का वर्णन किया गया है जिसके तहत विवादित स्थान पर मंदिर नष्ट कर उसके स्थान पर एक मस्जिद बनाई गई थी. इस संबंध में पुलिस ने प्रोफेसर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है.
बुधवार शाम बीएचयू के महिला छात्रावास में हुए इफ़्तार आयोजन में कुलपति और कुछ शिक्षक शामिल हुए थे, जिसे 'नई परंपरा की शुरुआत बताते हुए' छात्रों के एक वर्ग ने देर रात प्रदर्शन किया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे निंदनीय और माहौल बिगाड़ने का प्रयास बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजन सालों से होते रहे हैं.