उत्तर सिक्किम के जेमा में एक तीव्र मोड़ पर मुड़ते समय सेना का ट्रक खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 16 मृतक जवानों में तीन जूनियर कमीशन्ड अधिकारी भी शामिल हैं.
घटना सेक्टर 77 में मंगलवार शाम को हुई, जहां पांच मज़दूर एक निर्माणाधीन इमारत की 17वीं मंज़िल के पास एक टावर क्रेन को ठीक कर रहे थे और शटरिंग का एक लोहे का एंगल टूट गया जिससे वे सभी गिर गए. चार श्रमिकों की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हैं.
भारतीय वायुसेना के अनुसार, यह विमान प्रशिक्षण उड़ान पर था. बृहस्पतिवार रात 9:10 बजे यह हादसा बाड़मेर ज़िले में बायतू के भीमड़ा गांव के पास हुआ. इस दुर्घटना में दो पायलटों - विंग कमांडर एम. राणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल की जान चली गई.
घटना पीलीभीत-बस्ती राजमार्ग पर लखीमपुर खीरी शहर कोतवाली क्षेत्र के पांगी खुर्द गांव में रविवार देर रात को हुई. पुलिस के अनुसार स्कॉर्पियो गाड़ी का पंजीकरण लखीमपुर सदर क्षेत्र के भाजपा विधायक योगेश वर्मा की पत्नी के नाम पर है और वाहन पर विधायक लिखा हुआ है. चालक को गिरफ़्तार कर लिया गया था, हालांकि ज़िला अदालत से ज़मानत मिल गई है.
मामला कुशीनगर ज़िले के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र का है. ज़िलाधिकारी ने बताया कि बुधवार रात करीब 10 बजे परमेश्वर कुशवाहा नामक व्यक्ति के घर में शादी के लिए हल्दी की रस्म हो रही थी और कुछ महिलाएं एवं लड़कियां कुएं के ऊपर लगे स्लैब पर बैठकर रस्म अदा कर रही थीं. इस दौरान वह स्लैब टूट गया और उस पर बैठे सभी लोग कुएं में जा गिरे.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 रोगियों के उचित इलाज पर स्वत: संज्ञान लिए गए मामले को सुनते हुए कहा कि अस्पताल कठिनाई के समय में राहत प्रदान करने के लिए होते हैं न कि नोट छापने की मशीन। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि आवासीय इलाकों में दो-तीन कमरे में चलने वाले ‘नर्सिंग होम’ सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते, इसलिए उन्हें बंद किया जाना चाहिए.
हाल ही में आरटीआई आवेदन के जवाब में रेलवे ने बताया था कि साल 2020 में रेल की पटरियों पर 8,733 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर प्रवासी मज़दूर थे. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा है कि ये मौतें अतिक्रमण के कारण हुई हैं न कि रेल हादसों की वजह से. इनका रेलवे से कुछ लेना-देना नहीं है.
साल 2020 में 8,000 से अधिक लोगों की रेल पटरियों पर जान गई, इनमें ज़्यादातर प्रवासी मज़दूर थे: आरटीआई
आरटीआई आवेदन के जवाब में दी गई जानकारी में अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में अधिकतर प्रवासी मज़दूर थे, जिन्होंने पटरियों पर चलकर घर पहुंचने का विकल्प चुना था, क्योंकि इससे वे लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए पुलिस से बच सकते थे और उनका यह भी मानना था कि वे रास्ता नहीं भटकेंगे.
ग़ौर करने लायक बात यह है कि नौ महीनों की इस अवधि में पटरियों पर हादसों में इतनी बड़ी तादाद में लोगों की जान तब गई, जब कोविड-19 के प्रकोप के कारण अधिकांश समय लाॅकडाउन था और सीमित संख्या में ट्रेनें चल रही थीं.
घटना धनबाद के झरिया टाउन स्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की कोयला खदान में हुई. यहां की कोयला खदानों में वर्षों से आग लगी हुई है, जो बुझाई जा सकी है. यहां सभी बस्तियों को हटाने का आदेश हो चुका है, लेकिन लोग इलाके को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
यह दुर्घटना हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में हुई, जहां 70 टन वजनी क्रेन का लोड टेस्टिंग ट्रायल चल रहा था. इस दौरान अचानक क्रेन का निचला हिस्सा और ओवरहेड केबिन अलग हो गए, जिससे क्रेन गिर गई. इसमें मौजूद सभी 11 लोगों की मौत हो गई है.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अब कोई प्रवासी मज़दूर सड़कों और रेलवे ट्रैक पर न पाया जाए और उन्हें विशेष बसों या विशेष श्रमिक ट्रेनों में बिठाकर उनके गंतव्य रवाना जाए.
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ बास्कुट तुनचक ने कहा है कि विशाखापट्टनम का ताज़ा हादसा यह ध्यान दिलाता है कि अनियंत्रित उपभोग और प्लास्टिक के उत्पादन से किस तरह मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.
यह विस्फोट पंजाब के तरन तारन में नगर कीर्तन जुलूस के दौरान पटाखे चलाने की वजह से हुआ. पटाखों से निकली चिंगारी ट्रैक्टर में रखे पटाखों तक पहुंची और धमाका हुआ. विस्फोट में नौ लोग घायल हुए हैं.
सिलेंडर फटने से हुई इस घटना में 16 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कई और लोगों के भी मलबे में फंसे होने की आशंका है.