अडानी समूह की ऑफशोर फंडिग को लेकर खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी द्वारा प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय अख़बारों- द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और सरकार अडानी को क्यों बचा रहे हैं.
वीडियो: पिछले 5 साल में अडानी ग्रुप ने बंदरगाह के कारोबार में ज़बरदस्त कमाई की है. द वायर पर प्रकाशित तीन लेखों की शृंखला में आंध्र प्रदेश के गंगावाराम पोर्ट के अडानी समूह द्वारा अधिग्रहण को आधार बनाकर बताया गया है कि कैसे सरकार ने समूह का कारोबार बढ़ाने में मदद की. इसे विस्तार से बता रहे हैं अजय कुमार.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी के पत्रकारों द्वारा प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय अख़बारों- द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स के साथ साझा किए गए दस्तावेज़ बताते हैं कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह में आने वाले जिन 'मॉरीशस के निवेश फंड्स' ज़िक्र किया गया था, उनके तार अडानी समूह से ही जुड़े हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ग्रीस यात्रा को लेकर वहां के मीडिया में प्रकाशित ख़बरों के अनुसार, अडानी समूह के प्रमुख की दिलचस्पी ग्रीक बंदरगाहों में निवेश में है. अडानी की निगाह दो बंदरगाहों- कावला और दूसरे वोलोस पर है. साथ ही बताया गया है कि उनकी दिलचस्पी अलेक्जेंड्रोपोली में भी है.
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डेलॉइट हास्किन्स और सेल्स ने अडानी पोर्ट्स और सेज़ के वित्तीय लेन-देन पर कुछ चिंताएं ज़ाहिर करने के बाद ऑडिटर के तौर पर ख़ुद को अलग कर लिया है. इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऑडिटर ने कंपनी के खातों पर सवाल उठाए थे, जिसका जवाब नहीं दिया गया और उसे इस्तीफ़े को मजबूर किया गया.
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद का विशेष सत्र बुलाने और उन मुद्दों पर बहस की अनुमति देने की चुनौती दी, जिन पर विपक्ष चर्चा करना चाहता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जीवंत लोकतंत्र के बिना एक बड़ी इमारत (संसद) का कोई अर्थ नहीं है.
सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों की निजीकरण की केंद्र की सूची में शामिल कंपनियों में से कम से कम चार में वेदांता इच्छुक है. अडानी समूह की भी इनमें से कुछ में दिलचस्पी है. हालांकि समूह ने अतिरिक्त क़र्ज़ न लेने और ऋण चुकाने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है. वहीं वेदांता की कंपनियां इस साल अपने शेयरों की कीमतों में गिरावट से जूझ रही हैं.
वीडियो: मीडिया का एक तबका कह रहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी है. क्या वाकई ऐसा हुआ है? इसे जानने का तरीका यह है कि जाना जाए कि हिंडनबर्ग रिसर्च में आरोप क्या थे और क्या कोर्ट ने इन सभी को लेकर कोई कमेटी बनाई थी? अगर नहीं तो फिर कमेटी का काम क्या था?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति और सेबी अडानी समूह के लेन-देन की जांच करते समय ऐसे बिंदु पर पहुंच गए, जहां से आगे नहीं बढ़ सकते थे. पार्टी ने मामले में सच्चाई को उजागर करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति की जांच की अपनी मांग दोहरायी है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह पर लगे स्टॉक हेर-फेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि छह कंपनियों की ओर से संदिग्ध व्यापार देखा गया है. ये कंपनियां अडानी समूह के शेयरों में संदिग्ध ट्रेडिंग के लिए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने से पहले से जांच के दायरे में हैं.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि रिपोर्ट में अडानी समूह को क्लीनचिट दे दी गई है. इस पर कांग्रेस का कहना है कि वास्तव में समिति के निष्कर्षों ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच के लिए उनकी मांग को और मजबूती दी है.
बीते जनवरी माह में अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि एक साल पहले एलआईसी को शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध किया गया था, तब बाज़ार पूंजीकरण 5.48 लाख करोड़ रुपये था. आज यह भारी गिरावट के साथ 3.59 लाख करोड़ रुपये हो गया है!