मणिपुर: भाजपा विधायकों की मांग- जिरीबाम कांड के ज़िम्मेदार उग्रवादियों को अवैध संगठन घोषित करे केंद्र

मणिपुर के जिरीबाम में हुई हालिया हिंसा के मद्देनज़र सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से आफस्पा लगाने की समीक्षा' करने का आग्रह किया है. वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति न संभाल पाने को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफ़े की मांग उठाई है.

मणिपुर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से ‘जनहित में’ आफस्पा अधिसूचना वापस लेने को कहा

मणिपुर की कैबिनेट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से 14 नवंबर की अपनी अधिसूचना की 'समीक्षा करने और उसे वापस लेने' को कहा है, जिसमें राज्य की इंफाल घाटी और जिरीबाम में छह थाना क्षेत्रों को आफस्पा के तहत अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है.

मणिपुर: ताज़ा तनाव के बीच इंफाल घाटी और जिरीबाम के छह थाना क्षेत्रों में फिर लगा आफस्पा

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में हिंसा की हालिया घटनाओं के बाद इंफाल घाटी और जिरीबाम के छह थानाक्षेत्रों को आफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया. इन क्षेत्रों से साल 2022 में आफस्पा हटाया गया था.

असम: बांग्लादेश में हालिया अशांति का हवाला देते हुए चार ज़िलों में आफस्पा की अवधि बढ़ाई गई

पड़ोसी देश बांग्लादेश में हाल ही में हुई अशांति के बाद आंतरिक क़ानून और व्यवस्था के लिए संभावित ख़तरों का हवाला देते हुए असम के चार ज़िलों - तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव और शिवसागर में आफस्पा को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है.

नगालैंड: सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में सेना की गोलीबारी में नागरिकों की मौत पर केंद्र को नोटिस भेजा

दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. पुलिस ने 30 सैन्यकर्मियों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया था. केंद्र सरकार ने 2023 में आरोपी सैन्यकर्मियों पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.

असम के चार ज़िलों से आफस्पा वापस लिया गया, चार अन्य ज़िलों में समयसीमा बढ़ाई गई

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ से आफस्पा को हटा लिया है. जिन चार ज़िलों में इसकी अवधि बढ़ाई गई है, उनमें डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, शिवसागर और चराइदेव शामिल हैं. असम सरकार ने पिछले महीने केंद्र से सिफ़ारिश की थी कि 1 अक्टूबर से राज्य के बाकी बचे आठ ज़िलों से आफस्पा हटा दी जाए.

मणिपुर: जनजातीय संगठनों ने आफस्पा को पहाड़ी ज़िलों तक सीमित रखने पर कड़ी आपत्ति जताई

बीते 27 सितंबर को मणिपुर सरकार ने पहाड़ी इलाकों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (आफस्पा) को छह महीने का विस्तार दे दिया था, जबकि इंफाल घाटी के 19 थानों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है. कुकी, ज़ोमी और नगा जनजातियों के शीर्ष निकायों ने इस क़दम को ‘दमनकारी’ और ‘पक्षपातपूर्ण’ क़रार दिया है.

केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कुछ हिस्सों में आफस्पा की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाई

सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (आफस्पा) ‘अशांत क्षेत्रों’ में तैनात सेना और केंद्रीय बलों को क़ानून के ख़िलाफ़ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ़्तारी और बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी लेने का अधिकार देता है. साथ ही केंद्र की मंज़ूरी के बिना अभियोजन और क़ानूनी मुक़दमों से सुरक्षा बलों को सुरक्षा भी प्रदान करता है.

मणिपुर हिंसा: डिफेंस सर्विस कॉर्प्स के सैनिक का अपहरण कर हत्या

मणिपुर के इंफाल पश्चिम ज़िले में डिफेंस सर्विस कॉर्प्स के सैनिक सर्टो थांगथांग कोम का 16 सितंबर को उनके घर से अपहरण कर लिया गया था. कमेटी फॉर ट्राइबल यूनियन की ओर से कहा गया है कि ऐसे बर्बर कृत्य से पता चलता है कि कैसे सशस्त्र मेईतेई बदमाशों को इंफाल घाटी में बिना किसी हिचकिचाहट के आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति दी गई है.

असम सरकार ने पूरे राज्य से विवादास्पद क़ानून आफस्पा वापस लेने की केंद्र से सिफ़ारिश की

असम मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) और अशांत क्षेत्र अधिनियम को पूरे राज्य से वापस लेने की सिफ़ारिश की है. पिछले महीने एक स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि उनकी सरकार इस साल के अंत तक पूरे राज्य से आफस्पा हटाने का प्रयास करेगी.

केंद्र ने मणिपुर के विद्रोही समूह के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने एक दशक से अधिक समय से सक्रिय ज़ेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, यह मणिपुर में शांति स्थापित करने में अहम कदम साबित होगा.

नगालैंड फायरिंग के एक साल: ग्रामीण बोले- उस त्रासदी को कभी भूल नहीं सकते

दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी. मामले को लेकर नगालैंड पुलिस ने मेजर रैंक के एक अधिकारी समेत 21 पैरा स्पेशल फोर्स के 30 जवानों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की है.

असम के 8 ज़िलों और एक उप-मंडल में आफ़स्पा छह महीने के लिए बढ़ाया गया

असम सरकार ने बराक घाटी में कछार के लखीपुर उप-मंडल के अलावा तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए आफ़स्पा की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी है.

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