महाराष्ट्र सरकार ने मार्च की शुरुआत में 21 सहकारी चीनी मिलों के लिए गारंटर बनने पर सहमति व्यक्त की और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से ऋण के लिए उनके नामों की सिफारिश की. इनमें से 15 मिलों का प्रबंधन सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं या उन लोगों द्वारा किया जाता है जिन्होंने हाल ही में भाजपा के साथ समझौता किया है.
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साल 2014 से केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में रहे विभिन्न दलों से जुड़े 25 नेता भाजपा में शामिल हुए हैं. इनमें से 23 को उन मामलों में राहत मिल चुकी है, जिनमें वे जांच का सामना कर रहे थे. जबकि तीन के ख़िलाफ़ दर्ज मामले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं और अन्य 20 में जांच रुकी हुई है या ठंडे बस्ते में हैं.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उनके दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) की उपेक्षा की बात कहते हुए जोड़ा कि उन्होंने गठबंधन छोड़ने का फैसला नहीं किया है, लेकिन अगर आगामी चुनावों के लिए कम से कम एक सीट की उनकी मांग अगले तीन दिनों में पूरी नहीं हुई तो वे अलग रुख़ अपना सकते हैं.
2019 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर एनसीपी नेता अजित पवार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के चलते 1 जनवरी 2007 से 31 दिसंबर 2017 के बीच सरकारी खज़ाने को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
यह पहली बार है कि भारतीय जनता पार्टी के किसी सहयोगी दल ने खुले तौर पर अल्पसंख्यकों के आरक्षण की वकालत की है. महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजीत पवार ने यह भी कहा कि जब तक वह सत्ता में हैं, तब तक अल्पसंख्यकों को डरना नहीं चाहिए.
चुनाव आयोग ने बीते बुधवार को महाराष्ट्र में आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए एनसीपी के संस्थापक शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह को ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ का नाम आवंटित किया है. इससे पहले आयोग ने महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के रूप में मान्यता दी थी.
अजीत पवार और एनसीपी के आठ विधायक पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए थे. कुछ ही समय बाद पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.
महाराष्ट्र स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन और स्टेट इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा अजीत पवार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सरकार को एक सख़्त क़ानून पारित करने के लिए क़दम उठाना चाहिए जो ठेकेदारों के ख़िलाफ़ हिंसा को रोक सके.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ विपक्ष के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते भाषण देते हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के उन्हीं 'भ्रष्टाचारी' नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करके पद, प्रतिष्ठा और सम्मान देते हैं.
वीडियो: महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद अब एनसीपी में दोफाड़ हुआ है और पार्टी के कुछ विधायक भाजपा गठबंधन वाली सरकार का हिस्सा बन गए हैं. इस घटनाक्रम के क़ानूनी पहलुओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
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एनसीपी में दोफाड़ के बाद शरद पवार के अगले क़दम का इंतज़ार है. महाराष्ट्र को भली तरह जानने का दावा करने वाले कुछ राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पवार को इसकी जानकारी थी और यह सब उनकी परोक्ष सहमति से हुआ है.