अपराधियों के समर्थक अपराधी ही हो सकते हैं और वे हैं. हमारी चिंता है उस राज्य द्वारा समाज के एक हिस्से को हत्या का साझेदार बना देने की साज़िश से. हमारी चिंता क़ानून के राज के मायने के लोगों के दिमाग़ से ग़ायब हो जाने की है.
वीडियो: इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश पुलिस के सुरक्षा घेरे में मीडिया के सामने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इस घटना के मद्देनज़र प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
बीते अप्रैल माह में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की शिकायतों पर इलाहाबाद पुलिस ने 50 से अधिक लोगों के ख़िलाफ़ जबरन धर्मांतरण कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. इसी मामले में, पुलिस ने इलाहाबाद के सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस के कुलाधिपति, कुलपति और प्रशासनिक अधिकारी को नोटिस जारी कर तलब किया है. उन पर धर्मांतरण में इस्तेमाल विदेशी फंडिंग प्राप्त करने का आरोप है.
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद शहर के दारागंज थाना का मामला. रास्ते को लेकर पड़ोसी से विवाद के बाद पुलिस लवकेश शर्मा नामक व्यक्ति को दो नवंबर को थाने ले गई थी. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर ‘थर्ड डिग्री’ का इस्तेमाल करते हुए उनकी पिटाई की, जो उनके शरीर पर पड़े निशान से स्पष्ट है.
इलाहाबाद के झलवा स्थित एक निजी अस्पताल में बीते दिनों कथित तौर पर एक डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसमी का जूस चढ़ा दिया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ने अब अस्पताल के निर्माण को अनाधिकृत बताते हुए एक नोटिस जारी किया है.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद ज़िले का मामला. उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि अस्पताल को तत्काल सील कर प्लेट्लेट्स पैकेट को जांच के लिए भेजा गया है. अगर अस्पताल प्रबंधन दोषी पाया गया तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में गंगा नदी में चलती नाव पर कुछ लोगों द्वारा मांस पकाने और हुक्का पीने का एक वीडियो वायरल हुआ था. आठ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है, उनमें से दो की पहचान कर ली गई है. उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और पूजा स्थल को अपवित्र करने का आरोप लगाया गया है.
न्याय का सिद्धांत है कि ‘सौ दोषी भले छूट जाएं, लेकिन एक भी निर्दोष नहीं पकड़ा जाना चाहिए’, लेकिन इलाहाबाद के अटाला में पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी को लेकर जून महीने में हुई हिंसा के बाद बड़े पैमाने पर की गईं गिरफ़्तारियों में न्याय के इस सिद्धांत को ही उलट दिया गया है.
यूपी में बीते दिनों हुई दो गिरफ़्तारियां स्पष्ट करती हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अब मौजूद नहीं है. या फिर जैसा कि ईदी अमीन ने एक बार कहा था कि 'बोलने की आज़ादी तो है, लेकिन हम बोलने के बाद की आज़ादी की गारंटी नहीं दे सकते.'
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल रहे जावेद मोहम्मद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. उनके वकील का कहना है कि पुलिस उनके ख़िलाफ़ जब कोई ठोस सबूत जुटाने में विफल रही तो उसने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगा दिया.
सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि हिंसा के हालिया मामलों के आरोपियों की संपत्तियों में और तोड़फोड़ न की जाए.
इलाहाबाद पुलिस का कहना है कि तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस से जुड़े एक शख़्स द्वारा स्थानीय इवेंट कंपनी को होर्डिंग लगाने का ठेका दिया गया था. मामले में इवेंट कंपनी के निदेशक समेत पोस्टर छापने और इसे होर्डिंग पर लगाने वाले व्यक्ति को भी गिरफ़्तार किया गया है.
पूर्व नौकरशाहों के कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने देश के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि अब समस्या केवल स्थानीय स्तर पर पुलिस और प्रशासन की 'ज़्यादतियों' की नहीं है बल्कि तथ्य यह है कि क़ानून के शासन, उचित प्रक्रिया और 'दोषी साबित न होने तक निर्दोष माने जाने' के विचार को बदला जा रहा है.
पैगंबर के ख़िलाफ़ भाजपा नेताओं की टिप्पणियों को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद आरोप है कि प्रशासन ने हिंसा में शामिल आरोपियों के घरों को बुलडोज़र का इस्तेमाल करके गिरा दिया था. इस संबंध में प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी. इधर, अलीगढ़ शहर में फ्लैग मार्च में पुलिस द्वारा बुलडोज़र शामिल किए जाने का मामला सामने आया है.
झूठ का पहाड़ जब ढहने लगे, क्रूरता के क़िले की दीवार में सेंध लग जाए, रंगे सियार का उतरने लगे रंग, तो सबसे बड़ा सहारा है... बुलडोजर.