हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार ज़रूरत पड़ने पर अग्निवीर योजना में बदलाव करने के लिए तैयार है. इस पर प्रतिक्रिया देते हए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इससे पता चलता है कि मोदी सरकार द्वारा लाखों देशभक्त युवाओं पर थोपी गई अग्निवीर योजना अब काम नहीं कर रही है.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक किया जा रहा है, क्योंकि सरकार उन्हें विदेशों में असुरक्षित नौकरियां दे रही है और कमीशन भी ले रही है. राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज हरियाणा बेरोज़गारी और महंगाई में टॉप पर है.
सितंबर 2023 में रेलवे बोर्ड ने 19 ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को स्टेशनों पर सेल्फी बूथ लगाने का निर्देश दिया था. इसे लेकर एक आरटीआई आवेदन के जवाब में केवल मध्य रेलवे ने इसकी लागत के बारे में जानकारी दी थी.
इस निर्णय को पूर्व रक्षा प्रमुखों ने 'राजनीतिकरण' बताते हुए आलोचना की है. साथ ही, उन्होंने चुनाव पास आने और इस तरह के राजनीतिक अभियानों को रक्षा मंत्रालय से दूर रखने की परंपरा की ओर इशारा भी किया है.
बीते 8 मई को राजस्थान में एक और मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी. इससे पहले 4 मई जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में सेना के एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से एक सैनिक की मौत हो गई थी और दो पायलट घायल हो गए थे. बीते छह महीने में हेलिकॉप्टर से यह चौथी बड़ी दुर्घटना थी.
अग्निवीर योजना के भारी विरोध के चलते बीते वर्ष सरकार ने विभिन्न नौकरियों में सेना से निकाले गए अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए संशोधित नियम कहा गया है कि भर्ती होने से पहले अग्निवीरों को एक लिखित परीक्षा पास करनी होगी.
वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 497 को रद्द कर दिया था, जिसके बाद एडल्ट्री अपराध की श्रेणी से बाहर हो गया था. हालांकि, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा है कि उक्त आदेश में सशस्त्र बल अधिनियम के प्रावधानों के प्रभाव पर विचार नहीं किया गया था. यदि कमज़ोर नैतिकता वाली सेना होगी तो सैन्य अनुशासन प्रभावित होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हाईकोर्ट से कहा कि वह 2000 से 2012 तक मणिपुर में कथित गै़र-न्यायिक हत्याओं के आरोपी सुरक्षाकर्मियों पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने के मुद्दे पर छह महीने के भीतर फैसला करे. अदालत ऐसी हत्याओं के 1,528 मामलों की जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
साल 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्ज़ा ख़त्म किए जाने के बाद से 250 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि ग़ैर-वन कार्यों के लिए ट्रांसफर किया गया है. ये भूमि पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील है और यहां कई लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से कुछ इलाकों में रहने वाले लोगों का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इन प्रस्तावों को मंज़ूरी देने से पहले यहां की पंचायत समितियों या स्थानीय लोगों से परामर्श नहीं किया
इससे पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को सलाह दी थी कि वे विज्ञापनों या अपने चुनाव प्रचार अभियान के हिस्से के रूप में सुरक्षा बलों की तस्वीरों या सुरक्षा बलों से जुड़े कार्यों को प्रदर्शित करने से दूर रहें.
साल 2009 को इंफाल में दो व्यक्तियों की हत्या का आरोप मणिपुर पुलिस के कमांडो और 16 असम राइफल्स के जवानों पर लगा था. एनएचआरसी ने पिछले साल मणिपुर सरकार के दावे को ख़ारिज कर दिया था कि मुठभेड़ वास्तविक थी. इसके बाद परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवज़ा देने का निर्देश दिया गया था.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि असम को हाल ही में पूर्वोत्तर में सुरक्षा बलों पर हुए उग्रवादी हमलों और विभिन्न हिस्सों से अवैध हथियार और विस्फोटक बरामद होने के कारण अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है.
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कुल 100 कंपनियों की केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से तत्काल वापसी का और उन्हें देश में उस स्थान पर लौटने का आदेश दिया गया है, जहां से उन्हें पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के समाप्त होने से पहले वहां भेजा गया था.
गृह मंत्रालय का कहना है कि समूचा नगालैंड क्षेत्र एक ऐसी ‘अशांत और ख़तरनाक स्थिति’ में है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बल का इस्तेमाल ज़रूरी है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद हिरासत में लिए गए घाटी के 285 लोगों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में रखा गया है. आगरा के केंद्रीय कारागार के 1933 कैदियों में 85 कश्मीर घाटी से लाए गए कैदी हैं. हालांकि, आगरा के केंद्रीय कारागार की कुल स्वीकृत क्षमता केवल 1,350 है.