घटना पीलीभीत-बस्ती राजमार्ग पर लखीमपुर खीरी शहर कोतवाली क्षेत्र के पांगी खुर्द गांव में रविवार देर रात को हुई. पुलिस के अनुसार स्कॉर्पियो गाड़ी का पंजीकरण लखीमपुर सदर क्षेत्र के भाजपा विधायक योगेश वर्मा की पत्नी के नाम पर है और वाहन पर विधायक लिखा हुआ है. चालक को गिरफ़्तार कर लिया गया था, हालांकि ज़िला अदालत से ज़मानत मिल गई है.
पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकुनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को नौ अक्टूबर 2021 को गिरफ़्तार किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 10 फरवरी को उन्हें ज़मानत दे दी थी.
किसानों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच रिपोर्ट की अनदेखी की और आरोपी को राहत देने के लिए केवल एफ़आईआर पर ग़ौर किया.
सुप्रीम कोर्ट हिंसा के कुछ पीड़ितों के रिश्तेदार की याचिका पर सुनवाई कर कर रहा था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि आशीष मिश्रा को ज़मानत दिए जाने के बाद मामले में एक गवाह पर हमला हुआ था. अदालत ने प्रमुख गवाहों में से एक पर हुए हमले पर गौर करते हुए यूपी सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इस बीच बृहस्पतिवार रात मामले के प्रमुख गवाहों में से एक पर हमला भी किया गया.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली ज़मानत के ख़िलाफ़ दायर याचिका में कहा गया है कि इस मामले में स्थापित क़ानूनी मानदंडों के विपरीत अनुचित और मनमाना निर्णय दिया गया, जहां अपराध की जघन्य प्रकृति पर विचार किए बिना ज़मानत दी गई.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. इसे रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका में कहा गया है कि यह निर्णय क़ानून के लिहाज से टिकाऊ नहीं है क्योंकि इस पर ठीक तरह से विचार नहीं किया गया है और प्रत्यक्ष साक्ष्य के समर्थन के बिना ‘हो सकता है’ का सहारा लिया.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. ज़मानत आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का उल्लेख छूट गया था, जिन्हें कोर्ट द्वारा जोड़ने का आदेश दिए जाने के बाद आशीष को रिहा कर दिया गया.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को बीते 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. आशीष द्वारा दाख़िल याचिका में कहा गया है कि अदालत ने उनकी ज़मानत के आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का जिक्र नहीं किया था. इसके बिना उनकी जेल से रिहाई संभव नहीं है.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को ज़मानत मिलने पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि राजनीतिक रूप से शक्तिशाली आरोपी के गवाहों को प्रभावित करने की पक्की संभावना पर विचार किए बिना अदालत का ज़मानत देना बेहद निराशाजनक है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की एसयूवी से कुचलकर हत्या करने के आरोपी है. इस हिंसा के दौरान कुल आठ लोगों की मौत हुई थी. तीन अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री की एसयूवी के चालक शामिल हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दर्ज दूसरी एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार किए गए सात किसान आरोपियों में से पुलिस ने चार- विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, कमलजीत सिंह और गुरप्रीत सिंह के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किए गए हैं. चारों किसानों पर भाजपा के दो स्थानीय नेताओं और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गाड़ी के ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को ज़मानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफ़िले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने आशीष को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुख्य आरोपी बनाया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआईटी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ अदालत में 5,000 पन्नों आरोप-पत्र दाख़िल किया है. यह पिछले साल तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान गाड़ियों से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की कथित रूप से हत्या किए के मामले से संबंधित है.