आरोप है कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि पिछले साल सितंबर में दरांग जिले के गरुखुटी गांव में किया गया बेदखली अभियान बदले की कार्रवाई था. इन बेदखली अभियानों में से एक के दौरान 23 सितंबर को गरुखुटी में पुलिस की फायरिंग में 12 साल के बच्चे सहित दो स्थानीय लोगों की मौत हुई थी.
पुलिस का आरोप है कि नागांव कॉलेज के पूर्व सचिव कीर्ति कमल बोरा एक ड्रग रैकेट में शामिल थे और उन्होंने पुलिस पर हमला किया, इसलिए उन पर आत्मरक्षा में गोली चलाई गई. बोरा के परिजनों का कहना है कि उन्हें फ़र्ज़ी आरोप में फंसाया जा रहा है. विपक्ष ने इस घटना को राज्य में 'पुलिसराज का ख़तरनाक नतीजा' कहा है.
पिछले विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल से चुनाव लड़ने वाले अधिकार कार्यकर्ता प्रणब डोले की नागरिकता को पुलिस ने पासपोर्ट रिन्यूअल प्रक्रिया के तहत अपनी सत्यापन रिपोर्ट में ‘संदिग्ध’ क़रार दिया है. डोले ने दावा किया कि यह उन्हें चुप कराने का हथकंडा है क्योंकि वे अक्सर भाजपा नीत सरकार के ख़िलाफ़ बोलते हैं.
हिमंता बिस्वा सरकार की अपराध को लेकर 'नरमी न बरतने' की नीति अपनाने के बाद मई से अब तक कम से कम 46 कथित अपराधी घायल हुए हैं. पुलिस आंकड़ों के मुताबिक़, मारे गए 28 आरोपियों में चार ड्रग तस्कर, सरकार के बेदख़ली अभियान के ख़िलाफ़ उतरे दो प्रदर्शनकारी, 11 'चरमपंथी' व 11 'अपराधी' शामिल हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, मिजोरम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
सीबीआई ने असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के बेटे और कारोबारी अशोक सैकिया को कथित तौर पर लोन न चुकाने के मामले में गिरफ़्तार किया है. अशोक ने मामले को निराधार बताया है, वहीं उनके बड़े भाई और असम विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि यह क़र्ज़ पहले ही चुका दिया गया है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम के प्रमुख समाचार.
असम पुलिस द्वारा इस मामले में गिरफ़्तार किए गए सोलह लोगों में से चौदह को निचली अदालत और गुवाहाटी हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि उन्हें जेल में रखने के लिए कोई पर्याप्त आधार नही हैं.
पुस्तक समीक्षा: हुमरा क़ुरैशी की किताब ‘द इंडियन मुस्लिम्स- ग्राउंड रियालिटीज़ ऑफ लार्जेस्ट मायनॉरिटी इन इंडिया’ आजा़दी की 75वीं सालगिरह मनाने के इस दौर में ‘हिंदोस्तां के मुसलमान’ किस तरह अपने सबसे ‘स्याह दौर’ से गुजर रहे हैं, इसका ज़िक्र करते हुए यह आशंका ज़ाहिर करती है कि ‘अगर सांप्रदायिक विषवमन नियंत्रित नहीं किया गया तो आपसी विभाजन बदतर हो जाएगा.’
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
अगर किसी के ख़िलाफ़ शक़ और नफ़रत समाज में भर दी जाए तो उस पर हिंसा आसान हो जाती है क्योंकि उसका एक कारण पहले से तैयार कर लिया गया होता है. आज हिंसा और हत्या की इस संस्कृति को समझना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है इसके पहले कि यह देश को पूरी तरह तबाह कर दे.
असम में ज़मीन से ‘बाहरी’ लोगों की बेदख़ली मात्र प्रशासनिक नहीं, राजनीतिक अभियान है. बेदख़ली एक दोतरफा इशारा है. हिंदुओं को इशारा कि सरकार उनकी ज़मीन से बाहरी लोगों को निकाल रही है और मुसलमानों को इशारा कि वे कभी चैन से नहीं रह पाएंगे.
एक फैक्ट फाइंडिंग टीम की जांच में पता चला है कि असम के दरांग जिले में 21 सितंबर को प्रशासन द्वारा बेदख़ली अभियान के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में जिन तीन लोगों को गोली लगी थी, उनके शरीर से 27 सितंबर तक गोलियां नहीं निकाली गई थीं.
कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद को बीते दिनों दरांग ज़िले में हुए अतिक्रमण रोधी अभियान को लेकर विवादित टिप्पणी करने के लिए शनिवार को गिरफ़्तार किया गया है. कांग्रेस की असम इकाई ने बताया कि पार्टी के अनुशासन का ‘बार-बार उल्लंघन करने’ को लेकर अहमद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.