सवाल सेहत का: विज्ञापन देख आयुर्वेदिक दवाएं लेना हो सकता है ख़तरनाक़

वीडियो: आम तौर पर ऐसा समझा जाता है कि आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं होता, क्योंकि उनका मानना है कि अगर कोई उत्पाद 'प्राकृतिक' है, तो इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन यह पूरा सच नहीं है. ये दवाएं किसी भी तरह के रेगुलेशन के अभाव में आम लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव छोड़ रही हैं. सवाल सेहत का की इस कड़ी में इसी बारे में बात की गई है.

उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों पर दो साल तक कोई कार्रवाई नहीं की

आयुष मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफ़नामे से पता चलता है कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के ख़िलाफ़ की गई शिकायतों पर चेतावनी देने और कंपनी को विज्ञापन बंद करने के लिए कहने के अलावा दो साल से अधिक समय तक कोई कार्रवाई नहीं की.

क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद देश को धोखा दे रहा है

सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को कहा कि पतंजलि आयुर्वेद भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर देंगी, जबकि इसके लिए कोई अनुभवजन्य साक्ष्य मौजूद नहीं है.

पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों के ख़िलाफ़ कार्रवाई न होने को लेकर डॉक्टर ने केंद्र से शिकायत की

केरल के डॉक्टर केवी बाबू ने केंद्र से शिकायत करते हुए कहा है कि ख़ुद केंद्रीय मंत्रालय के कई निर्देशों और प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बावजूद पतंजलि के हर्बल उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर उत्तराखंड के अधिकारियों ने पतंजलि आयुर्वेद के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की है.

केरल का औषधि नियंत्रण विभाग पतंजलि पर मुक़दमा चलाएगा, 29 भ्रामक विज्ञापनों की सूची बनाई गई

केरल के औषधि नियंत्रण विभाग ने यह क़दम कन्नूर स्थित नेत्र रोग विशेषज्ञ केवी बाबू की शिकायत पर उठाया है. विभाग ने कहा है कि बाबू ने पतंजलि के विज्ञापनों के 29 उदाहरणों का दस्तावेज़ीकरण किया है, जो कथित तौर पर ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 का उल्लंघन करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने ‘ज़हरीली’ होम्योपैथिक दवाओं के वितरण पर केंद्र और केरल सरकार से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि केरल सरकार द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए ‘आर्सेनिकम एल्बम 30सीएच’, जिसमें कैसरकारक आर्सेनिक होता है, को 38 लाख से 50 लाख स्कूली बच्चों के बीच वितरित करने का निर्णय लिया गया था. याचिका में कहा गया है कि ऐसी छह लाख दवाएं पहले ही वितरित की जा चुकी हैं.

उत्तराखंड: प्रशासन ने पतंजलि की पांच दवाओं और उनके विज्ञापनों पर रोक लगाई

ख़बरों  के अनुसार, उत्तराखंड की आयुर्वेदिक और यूनानी सेवाओं के अधिकारियों द्वारा जारी पत्र में रामदेव की पतंजलि दिव्य फार्मेसी को इसकी पांच दवाओं का उत्पादन और विज्ञापन बंद करने को कहा गया है. इससे पहले भी कंपनी द्वारा कोविड-19 का 'इलाज' बताई गई कोरोनिल समेत कुछ दवाओं को लेकर सवाल उठ चुके हैं.

रामदेव को तथ्यहीन और अवैज्ञानिक दावे करने की छूट क्यों मिली हुई है

विशेष: दवाओं से जुड़े क़ानूनों का उल्लंघन करते हुए रामदेव की पतंजलि वेलनेस और दिव्य साइंटिफिक आयुर्वेद द्वारा अपने उत्पादों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हुए अख़बारों में धड़ल्ले से साक्ष्य रहित एलोपैथी विरोधी विज्ञापन दिए जा रहे हैं. इससे पहले महामारी के बीच में रामदेव ने 'कोरोना वायरस की दवा' बनाने का भी दावा किया था.

आयुर्वेद उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों पर पतंजलि की दिव्य फार्मेसी पर कार्रवाई का प्रस्ताव

योग गुरु रामदेव के पतंजलि योगपीठ की इकाई दिव्य फार्मेसी पर अपने आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन जारी करने का आरोप है. इसे लेकर आयुर्वेद एवं यूनानी सेवा (उत्तराखंड) के लाइसेंसिंग अधिकारी ने कंपनी के ख़िलाफ़ ज़रूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड: आयुर्वेदिक डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाइयां लिखने की मंज़ूरी देने की योजना

उत्तराखंड के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे अवैध ठहराया. संगठन ने कहा है कि एलोपैथी के बारे में जाने बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथिक दवाएं कैसे लिख सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों की इस सबंध में स्पष्ट राय है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथी की प्रैक्टिस नहीं कर सकते, क्योंकि वे इसके योग्य नहीं हैं.

भूटान के बाद नेपाल ने भी कोरोनिल पर बैन लगाया, भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया इनकार

नेपाल में कोरोनिल किट के वितरण पर रोक के बाद आयुर्वेद और वैकल्पिक चिकित्सा विभाग ने कहा कि कोरोनिल की खरीद के दौरान उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था. साथ ही यह कोरोना वायरस को ख़त्म करने वाली दवाओं के बराबर नहीं है. इससे पहले भूटान ने इस दवा के वितरण पर पाबंदी लगाई थी.

कोविड-19: आयुर्वेदिक दवाएं बांटने के लिए आयुष मंत्रालय करेगा आरएसएस संगठन का इस्तेमाल

कोविड-19 के इलाज में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव पर सवालों के बीच आयुष मंत्रालय ने घोषणा की है कि वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले कोविड मरीज़ों को आयुष 64 और कबसुरा कुदिनेर नामक दो आयुर्वेदिक दवाएं वितरित करेगा.

आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने के ख़िलाफ़ याचिका पर केंद्र को नोटिस

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी करने की अनुमति देने वाले नियमों को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है. भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्वेद शिक्षा) नियमन, 2016 में संशोधन कर आयुर्वेदिक पढ़ाई में पीजी कर रहे छात्रों को ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है.

आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति कोई ‘मिक्सोपैथी’ नहीं: आयुष मंत्री

केंद्रीय आयुष मंत्री नाईक ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ही शिक्षित हैं और उन्हें सर्जरी करने का भी प्रशिक्षण प्राप्त है. आयुर्वेदिक डॉक्टरों को कुछ तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति देने के केंद्र के फैसले का एलोपैथिक डॉक्टरों का एक तबका विरोध कर रहा है और इसे ‘मिक्सोपैथी’ या खिचड़ीकरण क़रार दिया है.

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