भाजपा ने इसकी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बाहर किया गया है.
भाजपा का संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है, जबकि केंद्रीय चुनाव समिति की भूमिका चुनावों में टिकट बंटवारे की होती है. चुनाव समिति से केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन को भी हटाया गया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शहरी विकास और 11 अन्य विभाग अपने पास रखे हैं, वहीं उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृह, वित्त और योजना विभागों के अलावा क़ानून व न्यायपालिका, जल संसाधन, आवास, ऊर्जा और प्रोटोकॉल विभाग दिए गए हैं.
महाराष्ट्र में सांस्कृतिक मामलों के मंत्री बनाए जाने के बाद लिए गए अपने पहले फैसले में भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि राज्य सरकार के सभी अधिकारियों को अपने दफ़्तर में फोन उठाने पर ‘हेलो’ के बजाय ‘वंदे मातरम’ कहने संबंधी आदेश 18 अगस्त तक जारी कर दिया जाएगा.
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भाजपा की एक ख़ासियत यह है कि वह चुनावों के वक़्त क्षेत्रीय दल से हाथ मिलाती है, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सहयोगी दल कम सीटें जीते.
जदयू नेता नीतीश कुमार ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे 2014 में जीत गए, लेकिन अब 2024 को लेकर उन्हें चिंतित होना चाहिए. वहीं, भाजपा ने कहा है कि नई सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी.
रीवा शहर में आठ अगस्त को हुई इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें दो लोग एक सेवानिवृत जवान को पीटते और उनकी दुकान में तोड़फोड़ करते नज़र आ रहे हैं. पुलिस ने मुख्य आरोपी की पहचान ऋतुराज चतुर्वेदी के रूप में की है, जो रीवा भाजयुमो के नगर अध्यक्ष हैं.
2019 में लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्र की सत्ता में भाजपा के आने के 18 महीनों के भीतर उसके दो पुराने सहयोगियों- शिवसेना और अकाली दल ने उससे नाता तोड़ लिया था. अब जद (यू) ऐसा करने वाला उसका तीसरा प्रमुख राजनीतिक सहयोगी है.
अंग्रेज़ी पत्रिका ‘द वीक’ ने अपने ताज़ा अंक में प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बिबेक देबरॉय का एक लेख छापा था. इसके साथ लगी भगवान शिव और मां काली की तस्वीर को आपत्तिजनक बताते हुए कानपुर में एक भाजपा नेता ने पत्रिका के ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मामला दर्ज करा दिया है. देबरॉय ने पत्रिका से स्तंभकार के रूप में नाता तोड़ लिया है.
लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जीडीपी को नकारते हुए कहा कि जीडीपी का इस देश के लिए कोई मतलब नहीं. भविष्य में इसका कोई बहुत ज़्यादा उपयोग नहीं होगा. उन्होंने देश में किसान आत्महत्या से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि किसान आत्महत्या नहीं कर रहे हैं. हमने किसानों को इतनी ताकत दी है कि आज वे सरकार के ख़िलाफ़ भी दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं.
दक्षिण कन्नड़ ज़िले में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तारू को 26 जुलाई की रात मोटरसाइकिल पर आए दो लोगों ने बेल्लारे में उनकी दुकान के सामने हत्या कर दी. विश्व हिंदू परिषद ने हत्या के विरोध में बुधवार को ज़िले में सुलिया, कदाबा और पुत्तुर तालुका में बंद का आह्वान किया है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि उदयपुर हत्याकांड के एक आरोपी के उसके मकान मालिक से हुए विवाद की शिकायत के संबंध में भाजपा नेताओं ने पुलिस कार्रवाई से पहले ही थाने में फोन कर दिया था कि वह (आरोपी) उनका कार्यकर्ता है, इसलिए उसे तंग न किया जाए.
ज़ी न्यूज़ के डीएनए कार्यक्रम में राहुल गांधी के ग़लत वीडियो पर कांग्रेस की आपत्ति के बाद ज़ी न्यूज़ ने तुरंत ही माफ़ी मांगी और इसे मानवीय भूल बताया. फिर ज़ी न्यूज़ ने पुलिस शिकायत क्यों दर्ज कराई कि वीडियो का मामला मानवीय भूल से आगे का है और पुलिस जांच करे? क्या माफ़ी मांगने से पहले जांच नहीं हुई होगी?
बीते एक जुलाई को समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ ने अपने प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान चलाकर कहा था कि वह उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को ‘बच्चा’ बता रहे हैं, जबकि उक्त बयान उन्होंने केरल के वायनाड में उनके कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के संदर्भ में दिया था. इस मामले में ज़ी न्यूज के एंकर रोहित रंजन, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन राठौड़, सेना के मेजर सुरेंद्र पूनिया और यूपी विधायक
वीडियो: जब अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं और सिखों की रक्षा करने की बात आती है तो मोदी सरकार के शब्दों और कार्यों के बीच के अंतर नज़र आता है. द वायर के साहिल मुरली मेंघानी इस रिपोर्ट में बता रहे हैं कि कैसे भाजपा नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) पर भारतीयों को बेवकूफ़ बना रही है.