बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दिल्ली दौरे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और लेफ्ट नेताओं सहित विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर एक मजबूत विपक्ष का गठन करने का है.
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने का आह्वान करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार राजनीतिक उद्देश्यों के लिए जांच एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है. साल 2015 से नौ राज्यों द्वारा सीबीआई से आम सहमति वापस ली गई है.
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गया दौरे के समय आईटी मंत्री मोहम्मद इजराइल मंसूरी उनके साथ विष्णुपद मंदिर में गए थे. इसे लेकर विपक्षी भाजपा ने काफ़ी विरोध जताया था. अब मुज़फ़्फ़रपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अदालत में शिकायत दर्ज कर उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
महागठबंधन सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को राजद नेताओं के यहां हुई सीबीआई छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग वो ‘तीन जमाई’ हैं, जिन्हें भाजपा उन राज्यों में भेजती है जहां वह सत्ता में नहीं है.
बिहार में बुधवार को नवगठित महागठबंधन सरकार को बहुमत साबित करना था और इसी दिन सुबह सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल के कई नेताओं के घर पर छापे मारे. बताया गया है कि कार्रवाई केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में हुए ज़मीन के बदले नौकरी संबंधी कथित घोटाले को लेकर हुई है.
झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में जेल में हैं. उनके ख़िलाफ़ दो और नए मामले दर्ज होने पर उनके वकील का कहना है कि यह ऑल्ट न्यूज के मोहम्मद ज़ुबैर के साथ हुआ वही पैटर्न है जहां एक के बाद एक मामले दर्ज करके बिना ट्रायल ही आरोपी को जेल में रखा जा सके.
बीते चार जुलाई को बिहार के छपरा ज़िले में ही कथित ज़हरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी और कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पिछले साल नवंबर के बाद से राज्य में ज़हरीली शराब से जुड़ी कई घटनाएं हुईं, जिनमें 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
बिहार में नीतीश कुमार द्वारा भाजपा नेतृत्व वाले राजग के साथ गठबंधन तोड़ने और विपक्षी महागठबंधन में लौटने के बाद ये घटनाक्रम सामने आया है. पवन के. वर्मा और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को साल 2020 में जदयू से उस वक़्त निष्कासित कर दिया गया था, जब उन्होंने विवादास्पद नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) का खुलकर विरोध किया था.
पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों ने मध्यरात्रि में बांदीपोरा के सोदनारा संबल में बिहार के प्रवासी मज़दूर को गोली मारकर घायल कर दिया था. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. वह बिहार के मधेपुरा ज़िले के रहने वाले थे.
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भाजपा की एक ख़ासियत यह है कि वह चुनावों के वक़्त क्षेत्रीय दल से हाथ मिलाती है, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सहयोगी दल कम सीटें जीते.
बिहार का हालिया घटनाक्रम 2024 लोकसभा चुनाव से पहले देश की राजनीति को बदलने का माद्दा रखता है. आंकड़ों की रोशनी में देखें तो भाजपा के पास इस सात दलीय महागठबंधन को लेकर चिंतित होने की हर वजह है.
जदयू नेता नीतीश कुमार ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे 2014 में जीत गए, लेकिन अब 2024 को लेकर उन्हें चिंतित होना चाहिए. वहीं, भाजपा ने कहा है कि नई सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी.
नीतीश कुमार के भाजपा का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने पर सुशील मोदी ने कहा कि वे एनडीए से निकलने के लिए सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं. इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि नीतीश कुमार ‘आदतन धोखेबाज़’ हैं.
2019 में लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्र की सत्ता में भाजपा के आने के 18 महीनों के भीतर उसके दो पुराने सहयोगियों- शिवसेना और अकाली दल ने उससे नाता तोड़ लिया था. अब जद (यू) ऐसा करने वाला उसका तीसरा प्रमुख राजनीतिक सहयोगी है.
नीतीश कुमार ने मंगलवार को एनडीए के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना इस्तीफ़ा राज्यपाल को सौंपने के बाद सर्वसम्मति से ‘महागठबंधन’ का नेता चुने जाने पर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने बताया कि महागठबंधन में निर्दलीय विधायकों समेत सात दलों के 164 विधायक शामिल हैं.